सेहत

तो डिप्रेशन नहीं होगा, जिंदगी में सुकून ही सुकून होगा!

A Qayyum Hakim
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डिप्रेशन
डिप्रेशन आज के दौर का सबसे बड़ा मसअला है, हर दूसरा शख्स ज़हनी दबाव का शिकार है डिप्रेशन एक दिमागी बीमारी है जिसकी अलामत परेशानी, उदासी, नींद, भूख, और वजन, में कमी शामिल है, जब तक हम किसी परेशानी की वजह पर गौर नहीं करते तब तक हम उसका हल नहीं पा सकते, डिप्रेशन की वजह हकीकत कुबूल न करना है, इंसान जो चाहता अगर वह ना मिले तो डिप्रेशन होता है, जो चाहे जैसा है कि बिना पर चीजों को कुबूल कर लिया जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। जो है उस पर खुश रहना अक़लमंदी की अलामत है, अगर इंसान का अल्लाह पर मुकम्मल यक़ीन हो और इंसान जानता हो, जो होता है अल्लाह की ही मर्जी से होता है तो जिंदगी में सुकून ही सुकून होगा।

इसलिए अल्लाह की मर्जी पर सर झुकाएं और फिर देखेंगे डिप्रेशन से कैसे निजात मिलती है ,
कभी मायूस न हो, अल्लाह बहुत बड़ा बादशाह है।।

A Qayyum Hakim
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दाँतों की बनावट पर गौर कीजिये के अल्लाह तआला ने 32 टुकड़ों को कैसी हसीन व खूबसूरत लड़ी में पिरोया है और उस की जड़ों को नर्म हड्डी में किस खूबी के साथ पेवस्त किया है, यह दाँत एक तरफ जहाँ चेहरे की हुस्न व जीनत हैं।
वहीं उन से हम चबाने, काटने, पीसने और तोड़ने का अहम काम भी कर लेते हैं और अल्लाह की अजीब कुदरत के उन को बत्तीस टुकड़ों में बनाया, एक ही सालिम हड्डी में उन को नहीं ढाला, वरना मुंह में बड़ी तकलीफ होती, इसी तरह अगर एक दाँत में कोई खराबी होती है, तो बाकी दाँतों से काम लिया जा सकता है, एक सालिम हड्डी होने की सूरत में यह मुमकिन न था।
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है। खुद तुम्हारी ज़ात में भी (अल्लाह की कुदरत की) निशानियाँ हैं,
तो क्या तुम देखते नहीं हो?

A Qayyum Hakim
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मुनक्का से पट्टे वगैरह का इलाज
हजरत अबू हिन्ददारी (र.अ) कहते हैं के रसूलुल्लाह (ﷺ) की खिदमत में मुनक्का का तोहफा एक बन्द थाल में पेश किया गया,
आप (ﷺ) ने उसे खोल कर इर्शाद फर्माया: “बिस्मिल्लाह” कह कर खाओ मुनक्का बेहतरीन खाना है जो पेटों को मजबूत करता है, पुराने दर्द को खत्म करता है, गुस्से को ठंडा करता है और मुंह की बदबू को जाइल करता है , बलगम को निकालता है और रंग को निखारता है।