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पत्थरबाज़। ये शब्द आया कहां से और किसके लिए इस्तेमाल होता है?

Ravish Kumar Official

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पत्थरबाज़। ये शब्द आया कहां से और किसके लिए इस्तेमाल होता है? पत्थर चलाने वालों के लिए या एक समुदाय के खिलाफ होता है? दरअसल गोदी मीडिया को एंटी मुस्लिम अभियान चलाने के लिए कई प्रकार के शब्दों की ज़रूरत होती है।टुकड़े-टुकड़े गैंग, आज़ादी गैंग,अर्बन नक्सल, एंटी नेशनल,। उसी तरह से पत्थरबाज़ भी इसी ज़रूरत को पूरा करने के लिए लाया जाता है। इन सभी के इस्तेमाल के पीछे सोच यही है कि आप मुस्लिम समुदाय से घृणा करते रहें। जब आप उसके बारे में सोचें तो इन शब्दों के सहारे सोचें। अपराध के सारे प्रचलित और नए-नए शब्द केवल एंटी मुस्लिम वाक्यों में इस्तमाल होते हैं।दूसरी तरफ एक धर्म के लोग धर्म के नाम पर अपराध करते रहें, मगर उनके लिए किसी शब्द का इस्तमाल नहीं होता। आज कल मानसिक रुप से बीमार का इस्तमाल होने लगा है। यह बीमारी भी इसी राजनीति की देन हो सकती है। आप इन बातों पर गौर करेंगे तो पता चलेगा कि आपके घरों में मम्मी पापा और दादा दादी भी इन्हीं शब्दों के खेल और इस्तेमाल से कम्युनल बनाए जा चुके हैं।

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DFRAC
@DFRAC_org

1/n. ‘अमन’ के लिए खतरा पैदा करता ‘चोपड़ा’ का नफरती शो?

नेटवर्क-18 इंडिया के एंकर @AmanChopra_ एक बार फिर विवादों में हैं। ताजा विवाद नूंह दंगों पर उनकी कवरेज और टिप्पणियों को लेकर है। जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया है।


KRK
@kamaalrkhan

It’s proof of popularity of a leader, who mastered the art of “bigotry” to retain power. He was the most popular man on earth and never lose an election. So Popularity of a leader necessarily doesn’t make him right. Then #Hitler destroyed Germany and committed suicide.

Wasim Akram Tyagi
@WasimAkramTyagi
दिल्ली के कनाट पैलेस पर हर शाम यू-ट्यूबियों का जमावड़ा रहता है। ये यू-ट्यूबिए ‘वायरल कंटेंट’ के लिए ‘हिंदू मुस्लिम बहस’ कराते हैं, फिर उस बहस को भड़काऊ थंबनेल के साथ अपने-अपले प्लेटफार्म पर अपलोड करते हैं। चंद चेहरे हैं, जो गले में भगवा डालकर, माथे पर लंबा सा तिलक लगाकर अपने ‘मन’ की भड़ास इनके कैमरों पर निकालते हैं। समाज में बढ़ रही नफ़रत और दूरियों के लिए जितना ज़िम्मेदार ‘टीबी’ वाला है, उतने ही ज़िम्मेदार ऐसे यू-ट्यूबिये हैं, जो इस तरह की बहस कराते हैं। पूरे कुए में भांग पड़ी हुई है, लेकिन अफसोस समाज खामोश है।

Maharashtra: सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में होगा सभी का इलाज

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने गुरुवार को बड़ा फैसला किया। जानकारी के मुताबिक, राज्य के सरकारी अस्पतालों में लोगों का इलाज अब मुफ्त किया जाएगा। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में सभी उपचार सरकार द्वारा निःशुल्क प्रदान किए जाएंगे। आज कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है।

Aadesh Rawal
@AadeshRawal
राहुल गांधी ने पार्टी के दो नेताओं को एक व्यक्ति विशेष के बारे मैं कहा कि फला आदमी पार्टी के लिए ठीक नहीं है।उसके बावजूद भी दोनों से उसे अपने पास रखा।जरा सोचिए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ़ से ऐसा संदेह किसी मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री दिया होता और पालन नहीं होने की स्थिति में अभी तक “पूर्व” हो गए होते !

डिस्क्लेमर : ट्वीट् में व्यक्त विचार लोगों के अपने निजी विचार और जानकारियां हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है