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निचोड़ दो,रामेश्वर को….कुछ बोले तो राष्ट्रद्रोही करार दे दो, कह दो देश के लिए भूखे भी नहीं मर सकते : धरती अब गर्म नहीं हो रही है बल्कि उबल रही है!

Surya Pratap Singh IAS Rtd.
@suryapsingh_IAS
निचोड़ दो,रामेश्वर को।

कुछ बोले तो राष्ट्रद्रोही करार दे दो..कह दो कि देश के लिए भूखे भी नहीं मर सकते।

धरती अब गर्म नहीं हो रही है बल्कि उबल रही है

संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के मॉनिटर ने कहा है कि जुलाई इतिहास का सबसे गर्म महीना होगा. उन्होंने चेतावनी दी कि यह दुनिया की जलवायु के भविष्य की एक झलक है.

इस महीने ग्लोबल वार्मिंग के चलते भीषण गर्मी ने यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के कई हिस्सों को बुरी तरह प्रभावित किया है. इसके अलावा, जंगल की आग ने पूरे कनाडा और दक्षिणी यूरोप के कुछ हिस्सों को झुलसा कर रख दिया है. गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ मॉनिटर ने कहा, जुलाई इतिहास में सबसे गर्म महीना होगा. उन्होंने चेतावनी दी कि यहदुनिया के जलवायु भविष्य की एक झलक है.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख अंटोनियो गुटेरेश ने न्यूयॉर्क में संवाददाताओं से कहा, “ग्लोबल वार्मिंग का युग समाप्त हो गया है. वैश्विक उबाल का युग आ गया है.” जुलाई के पहले तीन हफ्तों में वैश्विक औसत तापमान पहले से ही किसी भी तुलनात्मक अवधि से ऊपर दर्ज किया जा रहा है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन और यूरोप की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (सी3एस) ने कहा कि “बहुत ज्यादा संभावना” है कि रिकॉर्ड रखना शुरू होने के बाद से जुलाई 2023 सबसे गर्म महीना होगा. रिकॉर्ड की तुलना का आधार 1940 का दशक है.

1.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान दर्ज
सी3एस के निदेशक कार्लो बूनटेम्पो ने कहा कि इस अवधि में तापमान को देखते हुए वैज्ञानिकों को विश्वास है कि महीना खत्म होने से पहले ही रिकॉर्ड टूट गया. ऐसा कोई महीना नहीं रहा जब इतने सारे दिन 1.5C से ज्यादा दर्ज किया गया हो.

ग्लोबल वार्मिंग ने हीटवेव को अधिक गर्म और ज्यादा अवधि का बना दिया है. इसके चलते तूफान और बाढ़, बेहिसाब बारिश जैसी मौसम की चरम स्थितियां भी बढ़ गई हैं.

विश्व मौसम विज्ञान संगठन के महासचिव पेटेरी तालास ने कहा, “जुलाई में जिस चरम मौसम ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है, वह दुर्भाग्य से जलवायु परिवर्तन की भयानक वास्तविकता और भविष्य का संकेत है.”

डब्ल्यूएमओ का अनुमान है कि संभवतः अगले पांच सालों में कम से कम एक साल के लिए वैश्विक तापमान अस्थायी रूप से पूर्व-औद्योगिक मानदण्ड से 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा की सीमा से ऊपर हो जाएगा.

रिकॉर्ड तोड़ तापमान
पूरे उत्तरी हिस्सों में रिकॉर्ड तोड़ तापमान का अनुभव किया गया है. संयुक्त राज्य अमेरिका में, फीनिक्स, एरिजोना जैसे शहरों में भीषण गर्मी की लहर के कारण लगातार 27 दिनों तक तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा.

बीजिंग में, सरकार ने गर्मी और जमीनी स्तर के ओजोन प्रदूषण के कारण बुजुर्गों को घर के अंदर रहने और बच्चों को बाहर खेलने का समय कम करने की सलाह दी है. भूमध्यसागरीय क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है, जिससे भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है.

कॉपरनिकस और डब्लूएमओ (विश्व मौसम विज्ञान संगठन) के अनुसार, मई के बाद से वैश्विक औसत समुद्री सतह का तापमान पिछले रिकॉर्ड की तुलना में काफी अधिक रहा है, जो असामान्य रूप से गर्म जुलाई में योगदान दे रहा है. वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप के वैज्ञानिकों ने बताया, चीन में ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान 50 गुना अधिक होने की संभावना है.

पीवाई/एनआर (एएफपी)