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ऑस्ट्रेलिया के समुद्री जलक्षेत्र में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, फिजी, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन का सैन्य अभ्यास आरंभ : रिपोर्ट

13 देशों के साथ सैन्य अभ्यास आरंभ करने का लक्ष्य क्या है?

दोस्तो अमेरिका की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, फिजी, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण कोरिया और ब्रिटेन का सैन्य अभ्यास आरंभ हो गया है।

इस सैन्य अभ्यास में दूर तक मार करने वाली मिसाइलों आदि का परीक्षण किया जा रहा है। यह सैन्य अभ्यास ऑस्ट्रेलिया के समुद्री जलक्षेत्र में हो रहा है। यद्यपि इस सैन्य अभ्यास में कई देशों के सैनिक मौजूद हैं परंतु इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अमेरिका इस सैन्य अभ्यास को चीन विरोधी गठबंधन के रूप में देख रहा है और इस सैन्य अभ्यास का दायेरा उसने प्रशांत महासागर तक बढ़ा दिया है।

अंतरराष्ट्रीय मामलों के एक विशेषज्ञ ली वान टी इस बारे में कहते हैं” अमेरिका हर बहाने से चीन का समुद्री परिवेष्टन पूरा कर देना चाहता है इसी कारण छोटे और बेड़े देश इस सैन्य अभ्यास में शामिल हैं जबकि इस प्रकार के सैन्य अभ्यास के आयोजन से समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ रही है। इस सैन्य अभ्यास में अमेरिका निर्मित विभिन्न प्रकार के हथियारों का प्रयोग किया जा रहा है ताकि एक प्रकार से अमेरिका चीन के मुकाबले में अपनी सैन्य क्षमता व शक्ति का प्रदर्शन भी कर सके और हथियारों का परीक्षण भी कर ले।

ऑस्ट्रेलियाई सेना के एक वरिष्ठ सैनिक कमांडर ने कहा है कि इस सैन्य अभ्यास में अमेरिका निर्मित हिमारस मिसाइलों का परीक्षण किया गया ताकि दूर तक सटीक मार करने वाले मिसाइलों की क्षमता को दिखा सके कि इस समय उनकी बहुत ज़रूरत है। ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह चीन विरोधी अमेरिकी नीतियों के परिप्रेक्ष्य में काम कर रहा है और वह अमेरिका की विभिन्न सैनिक गतिविधियों में भाग ले चुका है। ऑस्ट्रेलिया में सैन्य अभ्यास के आरंभ होने के अवसर पर अमेरिकी नौसेना के कमांडर ने कहा कि इस सैन्य अभ्यास से चीन महत्वपूर्ण संदेश यह ले सकता है कि हमारे गठबंधन के विभिन्न देशों के हित व मूल्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

रोचक बात यह है कि इस सैन्य अभ्यास में कुछ वे देश भी भाग ले रहे हैं जिनके चीन से बड़े अच्छे संबंध हैं और वे क्षेत्र की सुरक्षा को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं। इस आधार पर अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया अपने कृत्यों से क्षेत्र की सुरक्षा को आघात पहुंचाने की चेष्टा में हैं।

राजनीतिक मामलों के एक विशेषज्ञ जू हुआ इस बारे में कहते हैं चीन की सैद्धांतिक नीति क्षेत्र की शांति व सुरक्षा में मदद करना है और अभी तक उसने अमेरिका की भड़काऊ नीतियों के मुकाबले में संयंम का परिचय दिया है परंतु ऑस्ट्रेलिया जैसे देश अमेरिका की हां में हां मिलाकर चीन के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध आरंभ करने की चेष्टा में हैं।

बहरहाल इस समय जो सैन्य अभ्यास आरंभ हुआ है उसमें 13 देशों के सैनिक भाग ले रहे हैं और जानकार हल्कों का मानना है कि इस प्रकार के सैन्य अभ्यास से न केवल शांति व सुरक्षा स्थापित करने में कोई मदद नहीं मिलेगी बल्कि यह सैन्य अभ्यास अशांति को हवा देने का कारण बनेगा।