नई दिल्ली: अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा के दूसरे दिन अस्थि विसर्जन के समय पानी के तेज बहाव व नाव के अनियंत्रित होने से उत्तर प्रदेश के बस्ती में अनहोनी होते-होते रह गई।
इस घटना के दौरान पूर्व सांसद अष्टभुजा शुक्ल, पुजारी सरोज बाबा, हर्रैया विधायक अजय सिंह, महादेवा विधायक रवि सोनकर, एस.पी. दिलीप कुमार व एडीएम के साथ ही कुछ लोग नदी के पानी में डूबने लगे। जिससे मौके पर हड़कम्प मच गया। हालांकि, बाद में सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया।
अटल जी की अस्थि कलश नदी में लेकर गए भाजपाई नाव नदी में पलटी…………… pic.twitter.com/2ldUGJl3SM
— Kamaludin ansari (@kamaluddinINC) August 25, 2018
शनिवार दोपहर बाद से ही अस्थिकलश विसर्जन के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं और प्रशासन ने कमर कस ली थी। भजन कीर्तन के साथ ही कार्यकर्ता व पदाधिकारी अमहट तट पर जुटने शुरू हो गए थे। अस्थि विसर्जन की गाड़ी आने के बाद मंच से नेताओं ने अटल को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। शाम लगभग 6:15 बजे श्रद्धांजलि स्थल पर नेताओं का जमावड़ा बढ़ने लगा, मंच से उतरकर लोग नीचे आने लगे।
विसर्जन स्थल पर नाव की व्यवस्था की गई थी, जिसमें कुछ चिह्नित लोगों को ही विसर्जन के लिए जाना था। नाव के पास पहुंचते ही सांसद, विधायकों के साथ ही कुछ पदाधिकारियों ने भी नाव पर चढ़ने की कोशिश शुरू कर दी, जिससे नाव डांवाडोल होकर अनियंत्रित हो गई। नाव के डांवाडोल होते ही स्थल पर अफरा-तफरी मच गई।
#बस्ती अटल अस्थि कलश यात्रा के विसर्जन में कुआनो नदी में पलटी नाव.. मंत्री, सांसद हरीश द्विवेदी, विधायक व पुलिस अधीक्षक नदी में गिरे, लोगों ने डूबने से बचाया, मचा हाहाकार #AtalAsthiKalashYatra @PMOIndia @HMOIndia @CMOfficeUP pic.twitter.com/28YMQkQ44Z
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 25, 2018
नाव के अनियंत्रित होने से पूर्व सांसद अष्टभुजा शुक्ल, पुजारी सरोज बाबा, हर्रैया विधायक अजय सिंह, महादेवा विधायक रवि सोनकर, एस.पी. दिलीप कुमार व एडीएम के साथ ही कुछ लोग नदी के पानी में डूबने लगे, जिससे मौके पर हड़कम्प मच गया। बीजेपी कार्यकर्ता सच्चिदानन्द पाण्डेय ने अष्टभुजा शुक्ल, सरोज बाबा, अजय सिंह व रवि सोनकर को पानी से निकाला। वहीं सीओ ने पानी में कूदकर एसपी की जान बचाई।
इस घटना से प्रशासनिक तैयारियों की कलई खुल गई। घटना के बाद मचे हड़कंप से अटल का अस्थि कलश पात्र नदी के पानी में बहने लगा, जिसे नाव चला रहे मल्लाह व सिपाही ने निकालकर खुद ही अस्थि विसर्जन किया। इस तरह अस्थि विसर्जन का भाजपाइयों का सपना अधूरा रह गया। वहीं बड़ी दुर्घटना होने से बच गई।