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तुर्क राष्ट्रपति से मुलाक़ात से पहले सीरियाई राष्ट्रपति ने रखी शर्त, सीरिया ने बीबीसी को दिखाया बाहर का रास्ता!

अंकारा में सीरिया के पूर्व राजदूत नज़ाल क़बलान का कहना हैः हमारे राष्ट्रपति बशार असद अपने तुर्क समकक्ष से उस वक़्त मुलाक़ात करेंगे, जब यह देश हमारी सीमाओं से अपने सैनिकों को बाहर निकाल लेगा।

अर्दोगान ने सीरियाई संकट में असद सरकार विरोधी चरमपंथी गुटों का साथ दिया था, लेकिन इन गुटों की पराजय के साथ ही उसने अपना रुख़ काफ़ी हद तक बदल लिया।

हाल ही में तुर्क राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोगान ने अपने सीरियाई समकक्ष बशार असद से मुलाक़ात की इच्छा ज़ाहिर की थी।

लेकिन दमिश्क़ का कहना है कि जब तक ग़ैर क़ानूनी रूप से तुर्क सैनिक सीरियाई सीमाओं में हैं, दोनों नेताओं के बीच मुलाक़ात का कोई मतलब नहीं है।

तुर्किए ने आतकंवाद से मुक़ाबले के बहाने क़रीब तीन साल पहले सीरिया के उत्तर और उत्तर पूर्वी इलाक़ों में अपने सैनिक तैनात कर दिए और इन इलाक़ों पर क़ब्ज़ा कर लिया था।

इस संदर्भ में क़बलान ने कहाः सीरियाई इलाक़ों से वापसी के लिए तुर्क सरकार को निर्णय लेना होगा और यह शर्त है, जिस के बारे में कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

फ़ेक न्यूज़ फैलाने के आरोप में सीरिया ने बीबीसी को दिखाया बाहर का रास्ता

सीरिया के सूचना मंत्रालय का कहना है कि उसने फ़ेक न्यूज़ और सूचनाओं के राजनीतिकरण के कारण, बीबीसी के लिए काम करने वाले दो स्थानीय पत्रकारों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।

मंत्रालय का आरोप है कि बीबीसी पेशेवर मानकों का पालन करने में नाकाम रहा है।

सीरियाई सूचना मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि पक्षपातपूर्ण और भ्रामक रिपोर्टें प्रसारित करने के कारण एक पत्रकार और कैमरामैन की मान्यता रद्द कर दी गई है।

मंत्रालय का कहना है कि सीरिया में बीबीसी के एक रेडियो संवाददाता की मान्यता भी रद्द कर दी गई है।

सूचना मंत्रालय का कहना है कि 2011 में देश में संकट की शुरूआत के बाद से बीबीसी ने फ़ेक न्यूज़ और भ्रामक रिपोर्टें प्रसारित की हैं।

हालांकि बीबीसी ने निष्पक्ष और स्वतंत्र पत्रकारिता करने का दावा किया है।

बीबीसी का यह भी दावा है कि पिछले महीने केप्टागोन ड्रग के कारोबार और सीरियाई सैन्य बलों के वरिष्ठ सदस्यों और असद परिवार के सदस्यों के बीच संबंध पर आधारित उसकी एक रिपोर्ट के प्रसारण के बाद, सीरियाई सरकार ने उसके ख़िलाफ़ यह कार्यवाही की है।

हालांकि सीरियाई सूचना मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि बीबीसी को एक से ज़्यादा बार चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन आतंकवादी गुटों और सीरिया के ख़िलाफ़ दुश्मनी रखने वालों के बयानों के आधार पर उसने अपनी भ्रामक रिपोर्टें प्रसारित करना जारी रखा।