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मणिपुर : ताज़ा हिंसा में कम से कम चार लोगों की मौत, अब तक 135 से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 60 हज़ार विस्थापित हुए!

मणिपुर के बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों की सीमा पर रविवार तड़के भड़की ताज़ा हिंसा में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है.

विष्णुपुर में संदिग्ध चरमपंथियों द्वारा की गई गोलीबारी में जिन तीन लोगों की मौत हुई है उनका संबंध मैतेई समुदाय से बताया जा रहा है.

जबकि आदिवासी संस्था इंडिजेनस ट्राइबल लीडर्स फ़ोरम ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि कुकी समुदाय के एक व्यक्ति की भी हत्या हुई है.

बिष्णुपुर जिले के पुलिस अधीक्षक एच. बलराम ने हिंसा की जानकारी देते हुए बताया कि 2 जुलाई को तड़के लगभग 12 बजे मैतेई गांव खुजुमा ताबी के पास ग्रामीणों द्वारा बनाए गए बंकरों पर हथियारबंद बदमाशों ने हमला कर दिया और हमले में तीन ग्रामीणों की मौत हो गई.

पुलिस का कहना है कि तीन मई से प्रदेश में शुरू हुई हिंसा के बाद से ग्रामीण ने पहाड़ों पर अपनी सुरक्षा के लिए बंकर बना रखे है.

पुलिस को संदेह है कि हमलावर पहाड़ी से आये थे.

वहीं इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फ़ोरम का कहना है कि रविवार सुबह करीब 12 बजे लैंग्ज़ा और चिंगलांगमेई के कुकी आदिवासी गांवों पर भी हमला किया गया.

राजधानी इंफ़ाल से करीब 70 किमी. दूर इन गांवों में हमार और कॉम जनजाति के लोग बसे है.

आदिवासी संस्था ने अपने एक बयान में डेविड थीक नामक व्यक्ति की हत्या की जानकारी दी है.

इस घटना को लेकर बीबीसी ने चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्ष कार्तिक मल्लाडी से जिला पुलिस कंट्रोल के जरिए कई बार संपर्क किया लेकिन उनकी तरफ़ से कोई जवाब नहीं मिला.

इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को दावा किया था कि पिछले दो महीने से हिंसाग्रस्त मणिपुर की स्थिति तेज़ी से सुधर रही है.

जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को मुख्यमंत्री हिमंत की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा कि स्थिति में यह मददगार होगा अगर भाजपा नेता इसमें अपनी नाक ना घुसेड़े.

मणिपुर में लगातार जारी हिंसा में अब तक 135 से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 60 हज़ार से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए है.