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पाकिस्तान ने भारतीय सेना, प्रतिष्ठित आईआईटी व मेडिकल संस्थानों के दस्तावेज़ चुराने के लिए अपने हैकरों को खड़ा किया : रिपोर्ट

राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा पाकिस्तान, कंगाल होने की कगार पर खड़ा है, मगर भारत में ‘चोरी’ की योजना बना रहा है। पाकिस्तान ने भारतीय सेना, प्रतिष्ठित आईआईटी व मेडिकल संस्थानों के दस्तावेज चुराने के लिए अपने हैकरों को खड़ा किया है। ये हैकर ‘ट्रांसपेरेंट ट्राइब’ और उसके सहयोगी ‘साइडकॉपी’ की मदद से डीआरडीओ, सेना एवं आईआईटी की रेकी कर रहे हैं। पिछले दिनों पाकिस्तान ने जब भारत के सैन्य एवं दूसरे प्रतिष्ठानों में सेंध लगाने की कोशिश की तो वह पकड़ा गया। केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने उक्त संस्थानों को अलर्ट किया है कि पाकिस्तान, ऐसी कोशिशें लगातार करता रहता है, अपने आईटी सिस्टम को अपडेट रखें।

हर वेबसाइट में कमजोर कड़ी की तलाश
केंद्रीय जांच एजेंसियों, पुलिस संगठनों, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में साइबर क्राइम का प्रशिक्षण दे चुके विशेषज्ञ रक्षित टंडन कहते हैं कि पाकिस्तान अपने हैकरों की मदद से भारतीय सेना एवं दूसरे प्रतिष्ठानों में घुसपैठ का प्रयास करता रहा है। पाकिस्तानी हैकर, भारतीय संस्थानों की रेकी करते रहते हैं। वे लोग हर वेबसाइट में कमजोर कड़ी तलाशते हैं। जैसे ही उन्हें मौका मिलते हैं, वे संबंधित महकमे या संस्थान की वेबसाइट में जाकर बैठ जाते हैं। कई बार यह सब इतनी सफाई से होता है कि हमारे लोगों को पता ही नहीं चलता। उन्हें सभी फाइलें वैध ही नजर आती हैं। इसी चक्कर में वे पाकिस्तान हैकरों द्वारा भेजी गई फाइल को क्लिक कर देते हैं। यहीं से हैकरों को खेल शुरु हो जाता है। वे लंबे समय तक टिके रहते हैं, लेकिन किसी को उनकी भनक नहीं लगती। वे अपने वायरस को दस्तावेज में चिपका देते हैं। देखने में सब कुछ सामान्य लगता है, मगर जैसे ही उस दस्तावेज को क्लिक करते हैं या डाउनलोड करते हैं तो स्वत: ही वह वायरस, अपना काम प्रारंभ कर देता है। वायरस सक्रिय होने का कोई अलर्ट भी नहीं मिलता, क्योंकि सब कुछ सामान्य ही दिखाई पड़ता है।

एक साथ छोड़े जाते हैं सैंकड़ों वायरस
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तान स्थित हैकर्स करीब दो वर्षों से भारतीय सेना और आईआईटी सहित मेडिकल प्रतिष्ठानों की वेबसाइट में घुसने का प्रयास कर रहे हैं। इस साल पाकिस्तान के नापाक प्रयासों में तेजी देखने को मिली है। ट्रांसपेरेंट ट्राइब के जरिए सेना, डीआरडीओ व आईआईटी को निशाना बनाया गया है। हैकर का ‘एबीडी36’ वायरस, सेना के अफसरों को गुमराह कर रहा था। सैन्य अफसरों और आईटी कर्मियों को शक न हो, इसके लिए उन्होंने ‘अधिकारियों की पोस्टिंग नीति में संशोधन’ नाम से वायरस वाली फाइल चलाई। यह इसलिए किया गया ताकि सैन्य अफसरों को शक न हो। इतना ही नहीं, पाकिस्तान हैकरों ने अपनी इस करतूत को एक वैध दस्तावेज के तौर पर स्थापित करने में कामयाबी हासिल कर ली।

शक न हो, इसलिए वायरस का बचाव करते हैं
‘साइडकॉपी’ की मदद से भारतीय रक्षा संगठन यानी ‘डीआरडीओ’ में भी घुसपैठ करने का प्रयास किया। संवेदनशील जानकारी चुराने के लिए यहां पर एपीटी-36 का इस्तेमाल किया गया। खास बात ये रही कि वायरस को सुरक्षित रखने के लिए मैक्रो-सक्षम पावरप्वाइंट ऐड-ऑन का प्रयोग किया। इसके माध्यम से वायरस का बचाव किया जाता है। आईटी सिस्टम में यह वायरस, किसी भी वैध फाइल के रूप में मौजूद रहता है, लेकिन उसे कोई देख नहीं पाता। साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन के मुताबिक, इस तरह की घुसपैठ से बचाव के लिए जरुरी है कि हर घंटे में वेबसाइट को अपडेट किया जाए। उसका हर सुरक्षा फीचर अपडेट करें। कोई भी कमजोर दरवाजा न छोड़े, जहां से वायरस को घुसपैठ करने का मौका मिल जाए।