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मेरी_धर्मपत्नी_और_मैं…….By-मुकेश_शर्मा
Lekhak Mukesh Sharma =============== #मेरी_धर्मपत्नी_और_मैं #मुकेश_शर्मा मेरी धर्मपत्नी अक्सर मुझे ताने देती है कि तुम आज तक मुझे कहीं घुमाने ले गये?मैं चुप रह जाता हूँ तो फिर कहती है कि आज तक तुमने इतनी फिल्में देखीं कभी मुझे भी पिक्चर हॉल का मुँह दिखाया।वास्तव में मेरे पास उसके किसी प्रश्न का उत्तर नहीं।तुमने कभी […]
दिल ज़ोरों से रोया है फिर….कुछ तो है जो खोया है फिर….By-सरिता जैन
Sarita Jain ================ जब भी अपनी अना से लड़ती हूँ इक मुख़ालिफ़ हवा से लड़ती हूँ। इन्तिहा दास्ताँ की करनी है इस लिए इब्तिदा से लड़ती हूँ। दोस्तों की जफ़ा नहीं समझी दुश्मनों की वफ़ा से लड़ती हूँ। मुझ पे गिरती हैं बिजलियाँ सी कई जब भी काली घटा से लड़ती हूँ। सर पे माँ […]
समकालीन कविता के सशक्त कवि केदारनाथ सिंह…इनकी एक कविता…”वसीयत”
जयचंद प्रजापति ========= समकालीन कविता के सशक्त कवि केदारनाथ सिंह …………. समकालीन कविता के सशक्त कवि केदारनाथ का जन्म बलिया के चकिया गांव में 07 जुलाई 1934 में हुआ था। क्षत्रिय परिवार से ताल्लुक था। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से 1956 में हिंदी से एमए किया और 1964 में पीएचडी भी कर लिए।दिल्ली में इनका निधन […]