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“बानो”/उर्दू उपन्यास : बंटवारे की सरहद पार की त्रासदी
Satya Vyas ============ “बानो”/उर्दू उपन्यास बंटवारे की सरहद पार की त्रासदी ————— ———— ——— रजिया बट्ट लिखित उपन्यास “बानो” की शुरुआत सन 1952 में हसन और राबिया के सालों बाद की मुलाकात से होती है। हसन बारह साल की छोटी लड़की की जगह सत्रह साल की पुरकशिश राबिया को देखकर हैरान होता है। राबिया, हसन […]
*ये शर्मिंदा होने का नया दौर है*….उन्होंने नग्नता को सदा बनाया अपना अचूक अस्त्र—डॉ. शैलजा दुबे
डॉ. शैलजा दुबे ============== * ये शर्मिंदा होने का नया दौर है * उन्होंने नग्नता को सदा बनाया अपना अचूक अस्त्र और वे हथेलियों को बनाती रहीं वस्त्र ढकती रहीं अपने वक्ष या जंघाओं का मध्यस्थल तमाशबीन लोग थोथा थू थू करते लेते रहे नयन सुख क्योंकि स्त्री की नग्नता है सबसे बड़ा सुख स्त्री […]
” एक कप चाय”…*थोड़ा मैं बदलता हूं और थोड़ा तुम बदलो*
Laxmi Kumawat =============== * थोड़ा मैं बदलता हूं और थोड़ा तुम बदलो * ” एक कप चाय” जैसे ही यह शब्द कानों में गूंजे, वैसे ही गुंजन का रसोई में खड़े-खड़े ही पारा चढ़ गया। ‘हे भगवान कितनी चाय पीता है यह शख्स। किस्मत फूटी होगी उस लड़की की, जो इससे शादी करेगी। बेचारी की […]