इसराईल की आतंकी सेना ने बीते कई दिन से एक बार फिर से जंग जैसा माहौल बना दिया है, आतंकी इस्राईली सैनिकों ने वेस्ट बैंक के जेनिन इलाके में फ़िलस्तीनियों के अनेक मकानों पर कब्ज़ा कर लिया है या उन्हें आग लगा दी है, अभी मिली जानकारी के मुताबिक देर रात के वक़्त इस्राईल ने वेस्ट बैंक में ड्रोन से हमले किये हैं जिनमे कम से कम तीन फ़िलस्तीनियों लोगों के शहीद होने की ख़बर है
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इस्राईल की दरिंदगी का 24 घंटे के भीतर दे दिया जवाब, अब आगे क्या होने वाला है?
फ़िलिस्तीन में वेस्ट बैंक के जेनिन शहर पर इस्राईल के वहशियाना हमले का इंतेक़ाम 24 घंटे से भी कम समय में लेते हुए तीन फ़िलिस्तीनी जियालों की टीम ने नाबलुस शहर के क़रीब ईली नाम की ज़ोयनी बस्ती के बाहर हमला कर दिया और 4 ज़ायोनियों को मौत के घाट उतार दिया और सात को घायल कर दिया। घायलों में कई की हालत नाज़ुक है।
एक फ़िलिस्तीनी संघर्षकर्ता के पास एम-16 प्रकार की अमरीकी गन थी जिससे उसने एक पेट्रोल पम्प पर गोलियों की बौछार कर दी। कई रिपोर्टों में बताया गया है कि यह गन अमरीकी थी लेकिन इसे वेस्ट बैंक के भीतर ही बनाया गया था।
इस प्रकार के हथियार का वेस्ट बैंक के फ़िलिस्तीनियों के हाथों इस्तेमाल बिल्कुल नई चीज़ है और इसके बहुत सारे नतीजे सामने आएंगे। अब इस्राईल के लिए फ़िलिस्तीनी इलाक़ों पर क़ब्ज़ा करना बेहद महंगा पड़ेगा।
हम दो बड़े डेवलपमेंट देख रहे हैं। एक तो जेनिन पर इस्राईली सैनिकों के हमले के समय उनकी बक्तरबंद गाड़ियों के मार्ग में लगाया जाने वाला बम था जिसे दूर से रिमोट के ज़रिए विस्फोटित कर दिया गया। इसकी चपेट में सात बक्तरबंद गाड़ियां आईं। इस धमाके में सात अमरीकी सैनिक घायल हो गए।
दूसरी चीज़ यह हुई कि फ़िलिस्तीनियों ने जेनिन पर इस्राईल के हमले के फ़ौरन बाद जवाबी हमला नाबलुस के क़रीब कर दिया।
यह बाक़ायदा जंग है एक तरफ़ फ़िलिस्तीन की प्रतिरोधक फ़ोर्सेज़ हैं जो अपनी धरती को आज़ाद कराने के लिए जान की बाज़ी लगा रही हैं और दसरी तरफ़ ज़ायोनी शासन है जिसका दावा है कि उसके पास दुनिया की चौथी सबसे ताक़तवर सेना है। मगर अब तक पलड़ा जिसका भारी है वह फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध संगठन हैं। यही तो वियतनाम, ग़ज़्ज़ा, अलजीरिया, अफ़ग़ानिस्तान, लेबनान और इराक़ में हो चुका है।
इराईल के लिए फ़िलिस्तीनियों की इस विजय को हज़म कर पाना मुमकिन नहीं होगा क्योंकि इस्राईल को इस स्थिति की बहुत बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ेगी। यह जो इस्राईल से पूंजी निकलती जा रही है, निवेशक और हाईटेक कंपनियां भाग रही हैं और इस्राईली करंसी शेकल की क़ीमत गिर रही है उसकी वजह अब आसानी से समझी जा सकती है।
इस्राईल के चरमपंथी वित्त मंत्री स्मोट्रिच नेतनयाहू से मांग करने लगे हैं कि वेस्ट बैंक पर एक बड़ा हमला कर दें और वहां जो भी प्रतिरोध है उसे कुचल दें इसके नतीजे में इस्राईल की साख जो बुरी तरह गिरी है वह बहाल हो जाएगी।
मगर यह इस्राईली मंत्री शायद भूल गए हैं कि इस्राईल ग़ज़्ज़ा में भी घुस चुका है और दक्षिणी लेबनान पर भी क़ब्ज़ा कर चुका है और जो नतीजा निकला वह इतिहास में दर्ज है।
जब इस्राईल के टैंक और अपाची हेलीकाप्टर जेनिन को कंट्रोल नहीं कर सके तो क्या नाबलुस और दूसरे शहरों में वो कुछ कर पाएंगे। अगर दाख़िल हो गए तो क्या वहां से उन्हें दुम दबाकर नहीं भागना पड़ेगा जिस तरह ग़ज़्ज़ा और दक्षिणी लेबनान से भागना पड़ा था।
अब्दुल बातरी अतवान
अरब जगत के विख्यात लेखक व टीकाकार