आगरा : जिला जेल में रोजाना एक घंटे का योग और संगीत का सेशन चलाया जा रहा है. इस सेशन में बदंी पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लेते हैं. जिसमें जेल में करीब 500 बंदी और 124 महिला बंदी नियमित योग कर रहे हैं.
जिला जेल अधीक्षक पीडी सलोनियां ने बताया कि जेल में लगातार योग और संगती से बंदियों के व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिला है. वे हिंसक व्यवहार को छोड़कर एक दूसरे के प्रति सोम्य व्यवहार अपना रहे हैं.
क्रिमनिल माइंड से रह सकेंगे दूर
योग के साथ-साथ बंदियों की आपराधिक मानसिकता बदलने के लिए जिला जेल प्रशासन की ओर से सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं. बंदियों की आपराधिक मनोदिशा से दूर ले जाने के लिए आध्यात्मिक सेशन में मेडिटेशन कराया जा रहा है. योगाभ्यास में सभी प्रकार के आसन और प्राणायाम किए जा रहे हैं. योग करने वाले बंदी भी पूरे उत्साह के साथ समय पर योग सेशन में शामिल हो जाते हैं.
बंदियों को बना रहे योग ट्रेनर
जेल में विचाराधाीन बंदियों को रोजाना योगा और ध्यान के लिए सत्र संचालित हो रहा है. वहीं यह कार्य निरंतर चले इसके लिए जेल में भी योगा ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं. ट्रेनर बनने की राह में ऐसे बंदी शामिल हैं जो ख्ुाद को अध्यात्म की ओर ले जा रहे हैं. इससे उनके विचारों में बदलाव आया है, वे हिंसक मनोदिशा को दूर कर भजन कीर्तन कर रहे हैं. साथ ही दूसरे बंदियों को भी योग करने की सलाह दे रहे हैं. इससे जेल में बंदियों के व्यवहार में बदलाव आ सकता है.
क्राइम की मानसिकता से रहेंगे दूर
इस संबंध में जिला जेल अधीक्षक पीडी सलोनियां ने बताया कि जेल में निरुद्ध बंदियों को क्राइम की मनोदिशा से दूर करने के लिए योगाभ्यास और आध्यात्मिक क्लास की पहल की गई है. इससे पहले भी बंदियों को रोजगार से जोडऩे के लिए वर्मी कंपोस्ट, फर्नीचर बनाने की शुरूआत की गई थी. योग और ध्यान बंदियों के लिए लाभदायक होगा.
जिला जेल में बंदियों की संख्या
3 हजार से अधिक
-जिला जेल में योग करने वाले मेल
376
-योग करने वाली महिलाएं
124
जेल में ऐसे बंदियों की मनोदिशा में बदलाव आया है, जो निरंतर योगाभ्यास कर रहे हैं. उनके लिए योग और संगीत का सेशन चलाया जाता है, इसके साथ ही योगाभ्यास के दौरान आसान प्राणायाम किए जाते हैं. जिससे भविष्य में उनको अच्छी राह मिल सके.
पीडी सलोनियां, अधीक्षक जिला जेल