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भारत में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ होने वाली अन्यायपूर्ण कार्यवाहियों के विरुद्ध मिलकर आवाज़ उठाए जाने की ज़रूरत है : रिपोर्ट
भारत में वह दिन दूर नहीं है कि जब इस देश की अदालतों और न्यायपालिकाओं पर ताले लगे होंगे। क्योंकि जिस तेज़ी से अदालतों और जजों की जगह बिल्डोज़र ले रहा है उससे तो ऐसा ही महसूस होने लगा है। सत्ता में बैठे लोग ऑन द स्पाट फ़ैसले कर रहे हैं। ऐसा दिखने लगा है […]
‘हर संपत्ति-साम्राज्य के पीछे कोई बड़ा अपराध होता है’
Kavita Krishnapallavi ============== (ये टिप्पणियाँ कुछ वर्षों पुरानी हैं! अभी के समय में बहुत प्रासंगिक लग रही हैं, इसलिए फिर से दे रही हूँ) बाल्ज़ाक ने लिखा था कि ‘हर संपत्ति-साम्राज्य के पीछे कोई बड़ा अपराध होता है !’ बाल्ज़ाक का यह कथन पूँजीवादी समाज के एक ऐसे अन्तर्निहित तर्क को उद्घाटित करता है, जिसे […]
‘गौरवशाली दौर’ की वापसी…तब सब कुछ कितना अच्छा था!
BJP के पास UP में 2ab है, बाकी राजनीतिक दलों के पास क्या है? 2ab का मतलब है भावनात्मक मुद्दे. राजनीति दरअसल मानव जीवन और व्यवहार का ही विस्तार है. इसलिए अगर जीवन में भावनाओं का महत्व है, तो ये मानना कतई गलत होगा कि राजनीति में भावनाओं और भावनात्मक मुद्दों की जगह नहीं है. […]