दुनिया

अमरीका में आर्थिक संकट के कारण बाइडन को विदेशी दौरे रद्द करने पड़ रहे हैं : रिपोर्ट


अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने आस्ट्रेलिया दौरा रद्द कर दिया है जिसकी वजह से सिडनी में होने वाली महत्वपूर्ण क्वाड बैठक भी रद्द करनी पड़ी है।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने बताया कि क्वॉड की बैठक रद्द कर दी गई है क्योंकि अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन का आस्ट्रेलिया दौरा रद्द हो गया है।

बाइडन ने अपना दौरा अमेरिका में चल रहे आर्थिक संकट को देखते हुए रद्द किया है। क्वाड बैठक को बिल्कुल आख़िरी क्षणों में रद्द किया गया क्योंकि आस्ट्रेलियाई पीएम को मंगलवार की देर रात तक उम्मीद थी कि भारत, जापान के नेताओं और अमेरिका के प्रतिनिधि के साथ क्वॉड की ये बैठक होगी लेकिन फिर बुधवार सुबह अल्बनीज़ ने एलान किया कि क्वॉड की बैठक रद्द की जा रही है।

24 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना था और क्वॉड सम्मेलन में हिस्सा लेना था, सिडनी पहुँचने से पहले बाइडन पापुआ न्यू गिनी में भी कुछ देर के लिए ठहरने वाले थे, ये पापुआ न्यू गिनी में किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति का पहला दौरा था।

लेकिन अब अमेरिका ने ये दौरा आनन-फ़ानन में रद्द कर दिया है, अब बाइडन का ऑस्ट्रेलिया दौरा कब होगा इस पर भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

हालिया कई दिनों से अमरीका के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के गंभीर संकट का विषय चर्चा में था और अमरीकी सरकार के क़र्ज़े की सतह बढ़ाने का मुद्दा भी बहस में आ रहा इस बीच यह स्थिति बन गई कि अमरीकी राष्ट्रपति को अपना दौरा रद्द करना पड़ा है। हालांकि बाइडन जी7 सम्मेलन में भाग लेना चाहते हैं।

अमेरिका के हाउस स्पीकर और रिपब्लिकन नेता केविन मैकार्थी ने अमेरिका के आर्थिक संकट के बीच जो बाइडन के जी7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के फ़ैसले की आलोचना की है।

अमेरिका के ट्रेज़री डिपार्टमेंट के मुताबिक़ अमेरिकी सरकार के पास एक जून के बाद फ़ंड ख़त्म हो जाएगा, जिसका मतलब है कि बूढ़े लोगों को पेंशन रुकेगी, सरकारी कर्मचारियों को वेतन मिलने में देरी होगी, सेना के लोगों को तनख्वाह मिलने में देरी होगी और साथ ही अमेरिका की ब्याज दरों में ज़बरदस्त उछाल आ सकता है।

राष्ट्रपति बाइडन के साथ रिपब्लिकन और डेमोक्रेट नेताओं की व्हाइट हाउस में मंगलवार को मुलाकात हुई, इस बैठक के बाद भी अब तक दोनों पक्षों के बीच ऐसी कोई डील पर नहीं पहुंचा जा सका है, जिससे एक जून तक देश की क्रेडिट लिमिट (कर्ज़ लेने की क्षमता) बढ़ाई जा सके।

अमेरिकी सरकार इस साल 19 जनवरी को 31.4 ट्रिलियन के क़र्ज़ की सीमा पूरी कर चुकी थी और तब से लेकर ट्रेजरी विभाग तरह-तरह के अकाउंट के ज़रिए किसी तरह देश के तमाम बिलों का भुगतान कर रहा था।

अब अमेरिकी सरकार कई तरह के विकल्प पर विचार कर रही है, जिसकी मदद से इस संकट से निपटा जा सके।