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इन्साँ की ख़्वाहिशों की कोई इन्तिहा नहीं….क़ैफ़ी आज़मी के 20 मशहूर शेर…
1.जो वो मिरे न रहे मैं भी कब किसी का रहा बिछड़ के उनसे सलीक़ा न ज़िन्दगी का रहा 2.इन्साँ की ख़्वाहिशों की कोई इन्तिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए, दो गज़ कफ़न के बाद 3.मेरा बचपन भी साथ ले आया गाँव से जब भी आ गया कोई 4.पाया भी उनको खो भी दिया […]
ये कहानी नही सच्ची घटना है….!!…बहु तुम कहीं जा रही हो?
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =========== ये कहानी नही सच्ची घटना है….!! तुम अब मायके कभी नहीं जाओगी…!! अब तुम मायके नहीं जाओगी। कभी भी नहीं। घर में रहो और अपना घर संभालो। अब इस मुद्दे पर मैं दोबारा कोई बात नहीं करना चाहता ” मयंक ने माधवी से दो टूक बात की और अपने ऑफिस रवाना […]
वह अंधेरा भविष्य का था या हमारे अतीत का…
Dinesh Shrinet =========== उसने अधजली सिगरेट ज़मीन पर फेंकी. जूते से उसको मसला और चल पड़ा. हमारे चेहरों पर सड़क पर लगे लैंप पोस्ट की रोशनी पड़ रही थी. वहां से हम विपरीत दिशा में चले और अपने-अपने अंधेरे में खो गए. वह अंधेरा भविष्य का था या हमारे अतीत का… हम कभी तय नहीं […]