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पड़ोसी घर की बहू….रिया से नज़दीकियां मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही थीं….
पड़ोसी घर की बहू बार-बार नाम लेकर पुकारने पर भी ऋषभ ने जवाब नहीं दिया. चाय ठंडी हुई जा रही थी, इसलिए विवश होकर मैं ही ऊपर पहुंच गई, जहां रिया अपनी छत पर खड़ी उससे बतिया रही थी. उनके प्रेमभरे ‘गुटर गूं’ में मेरे तीक्ष्ण स्वर “चाय पीनी है?” ने विघ्न डाल दिया. रिया […]
चाय बने तो पियें…
गांव में सुबह-सुबह 4-5 बजे ही चिडियों की चहचाहट, गाय-भैंसों के रमभाने की आवाज शुरू हो जाती है… घर के बड़े बुजुर्ग जाग कर कुल्ला-मंजन करके बिस्तर पर बैठ जाते हैं कि चाय बने तो पियें। छोटे बच्चे तो अपनी माँ संग ही उठ जाते हैं। माँ उनका हाथ-मुहँ धोकर तेल-काजल लगाकर बड़े बुजुर्गों के […]
केवल एक दिन यह मान लेने से क्या नारी को सम्मान मिल जाता है? लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़िये!
Laxmi Sinha =================== केवल एक दिन यह मान लेने से क्या नारी को सम्मान मिल जाती है?औरत त्याग की एक ऐसी मूरत है जिसे देवी का स्थान मिला है.किसी पुरुष में सहस्त्र हाथियों का बल होगा, पर एक औरत की ताकत और उसके त्याग के आगे तो शून्य ही है.भले ही समाज में इसे दु:ख […]