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अकेले में बताना है तो कल मिलना, कल….शिवमूर्ती जी द्वारा लिखित कहानी!
विवेक कुमार ================ किर्र-किर्र-किर्र घंटी बजती है।एक आदमी पर्दा उठाकर कमरे से बाहर निकलता है। अर्दली बाहर प्रतीक्षारत लोगों में से एक आदमी को इशारा करता है। वह आदमी जल्दी-जल्दी अंदर जाता है। सबरे आठ बजे से यही क्रम जारी है।अभी दस बजे ए.डी.एम. साहब को दौरे पर भी जाना है, लेकिन भीड़ है कि […]
सृष्टि का भावी पिता——अशोक साहनी की रचना पढ़िये!
Ashok Sahni Jalandhar, India ============== *************** सृष्टि का भावी पिता——( अशोक साहनी ) **************** ठोस है रात मगर इसको क्या कहूँ तीरगी बनके फ़सानों से धुँआँ उठता है इस्पात से अल्फ़ाज़ कुठाली में जल्द अज़ जल्द ढल जाने को ललायित हैं तड़फड़ाती हुई ज़िन्दगी के बेतरतीब साँचे में जगह पाने को ********************* कसमसाते हुए दिल […]
* माँ की ममता *……..दुल्कान्ति समर सिंह, श्रीलंका निवासी लेखिका की कविता पढ़िये!
Dulkanthi Samarasinghe Kalutara South Sri Lanka ============= * माँ की ममता * सागर की गोद में, अनेक नदियाँ सोती हैं सागर ने कभी नदी को अस्वीकार नहीं किया हर माँ की ममता भी समुद्र की गोद जैसी है हर माँ की ममता भी रात की चाँदनी जैसी है सरिता समुद्र में ही जाती सत्वों को […]