कथित एनकाउंटर के बाद @Uppolice के अधिकारी ड्रामा स्कूल का कोर्स भी करा रहे हैं : वीडियो
Parvez KhanComments Off on कथित एनकाउंटर के बाद @Uppolice के अधिकारी ड्रामा स्कूल का कोर्स भी करा रहे हैं : वीडियो
https://youtu.be/SVIyo8tGvKw
देशभर में रोज़ाना पुलिस कहीं न कहीं अपराधियों के साथ मुढभेड़ करती है, अनेक बार खबरें आती हैं कि पुलिस के साथ मुढभेड़ में बदमाश ढेर, या बदमाश के पैर में गोली लगी, पिछले कुछ सालों में हज़ारों लोगों की टांगों में गोली मारने की घटनाएं पुलिस मुढ़भेड़ों में सामने आयी हैं, एनकाउंटर पॉलिसी के ज़रिये पुलिस और सरकारें अपराधियों पर दबाव बनाने का काम करते हैं, इससे अपराध रुकेंगे, ऐसा बिलकुल नहीं हैं, पुलिस की किसी भी तरह की सख्ती, बुलडोज़र, मुढ़भेड़ों में मारना, अपराधों को रोकने का तरीका नहीं है
भारत में पुलिस अपराधों को रोकने के लिए आज तक सही प्लानिंग नहीं अपना पाती हैं, कोई वैज्ञानिक या सोशल ट्रीटमेंट क्राइम कण्ट्रोल के लिए नहीं बने हैं, स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी इस समस्या को लेकर पाठ नहीं पढ़ाये जाते हैं
बता दें कि अधिकतर पुलिस मुढ़भेड़ें फ़र्ज़ी होती हैं, किसे होती हैं फ़र्ज़ी मुढ़भेड़ें इस पर हम पहले कई बार लिख चुके हैं
यहाँ दो घटनाओं के दो वीडियो हैं देखिये
Mamta Tripathi @MamtaTripathi80 #जालौनकप्तान से एक सवाल तो बनता है कि डायरेक्टर कौन था इस जाँबाज़ी भरी शार्ट फ़िल्म का? फ़िल्म को नामिनेशन के लिए भेजते वक़्त एंट्री करनी पड़ेगी कि टांग में गोली लगने के बाद भी बदमाश के हाथ में तमंचा बरकरार है,अदम्य साहसी @Uppolice के जवान जान की परवाह किए बिना उसे अस्पताल ले जा
Mamta Tripathi @MamtaTripathi80 कथित एनकाउंटर के बाद अपनी पीठ ठोंकने वाली @Uppolice के अधिकारी ड्रामा स्कूल का कोर्स भी करा रहे हैं।नौसिखिए डायरेक्टर साहब लाइट, एक्शन, कैमरा के साथ लंगड़ाकर चल रहे बदमाश के हाथ से तमंचा लेना भूल जाते हैं।छपास के रोग के चलते कल मथुरा की बहादुरीसबने देखी आज #जालौन में देखिए।वाह UP
Mamta Tripathi @MamtaTripathi80 Mar 19 इस बहादुरी पर कौन ना मर जाए ऐ ख़ुदा !! कार्यवाहक @dgpup साहब इस टीम को शौर्य पदक ज़रूर दीजिएगा जिसने मोबाइल की रौशनी में कनपटी पर पिस्टल लगाकर गुंडे के हाथ से तमंचा छीन लिया।बिल्कुल नेचुरल “Oscar” के लिए नामित किया जाए इसको क्या “एक्टिंग”है। @mathurapolice की जाँबाज़ टीम को 🫡
डिस्क्लेमर : ट्वीट्स में लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है
Tajinder Singh ================= केरला स्टोरी….. “राजनीति अक्सर नजर को धुंधला कर देती है और दिमाग को कुंद। राजनीति से उत्त्पन्न इस दृष्टि दोष को हायपरमेट्रिया कहा जाता है। इसमें नजदीक की चीज धुंधली और दूर की चीज साफ नजर आती है।” अभी आयी फ़िल्म केरला स्टोरी को लेकर मुझे अचानक ये दृष्टि दोष याद आ […]
दोषारोपण का खेल शैतान की ओर से लूका 6:37, “दोष मत लगाओ; तो तुम पर भी दोष नहीं लगाया जाएगाः दोषी न ठहराओ, तो तुम भी दोषी नहीं ठहराए जाओगेः क्षमा करो, तो तुम्हारी भी क्षमा की जाएगी।” यह एक बहुत ही सामान्य बात है जो हम सभी के जीवन में देखते हैं। जब कोई […]
Syed Yahiya ============ 18वीं सदी के शुरूआती दशक से ही यानि औरंगज़ेब आलमगीर की वफ़ात के फ़ौरन बाद से मुग़ल सल्तनत के ओरुज का सूरज डूबने लगा था। जब तक शराब और शबाब में डूबे रहने वाले औरंगज़ेब के परपोते मोहम्मद शाह रंगीला ने हुकूमत संभाली। हालात बेकाबू होने लगे। ऐसे में सत्ता कैसे चलती […]