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बीजेपी नेता सोमैया के ख़िलाफ़ कोर्ट पहुंच गए थे मुशरिफ़ : ईडी की टीम दूसरी बार NCP विधायक और पूर्व मंत्री हसन मुशरिफ़ के घर पहुंची : रिपोर्ट

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम शनिवार को दो माह में दूसरी बार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री हसन मुश्रिफ के कोल्हापुर के कागल स्थित घर पहुंची और करीब साढ़े नौ घंटे तक तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान मुश्रिफ की पत्नी और बेटा वहां मौजूद थे। ईडी के अधिकारियों का दल पुलिस बल के साथ सुबह सात बजे मुश्रिफ के घर में दाखिल हुआ। गहन तलाशी के बाद शाम साढ़े चार बजे टीम बाहर आई।

छापे के दौरान ईडी के अधिकारी एक प्रिंटर भी अपने साथ ले गए थे। माना जा रहा कि आप्पासाहेब नलावडे चीनी मिल की खरीद के मामले में हुए घोटाले को लेकर यह कार्रवाई की गई है। छापे के दौरान मुश्रिफ के घर के बाहर राकांपा के कार्यकर्ताओं ने हंगामा भी किया। ईडी ने चीनी मिल घोटाले और जिला सहकारी बैंक से संबंधित कुछ कागजात भी जब्त किए हैं।

आरपीएफ इंस्पेक्टर और उसका सहयोगी एक लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार
उधर, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के इंस्पेक्टर और उसके सहयोगी को एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। एक अधिकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता से उसके पिता को रिहा करने के बदले में यह राशि मांगी गई थी। सीबीआई की नागपुर भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह गिरफ्तारी की। शिकायतकर्ता के मुताबिक चोरी का सामान खरीदने और दुकान में रखने के आरोप में फर्नीचर दुकान के मालिक को गिरफ्तार किया गया था। उसको रिहा करने के बदले पांच लाख रुपये मांगे गए थे। बातचीत के बाद रिहाई के लिए 3 लाख रुपये की रकम तय हुई,जिसे उन्हें तीन किस्तों में देना था।

 

Prashant Tandon
@PrashantTandy
ईडी को राजनीतिक पार्टी की तरह मीडिया में खबरें लीक करना बंद करना चाहिये, सुप्रीम कोर्ट को ईडी के लिए मीडिया गाइडलाइन बनानी चाहिए.
150 करोड़ के मकान की बात कोर्ट में साबित कर पायेंगे?
अकेले 2022 में ईडी ने 3000 से ज़्यादा रेड मारी और जब से मोदी सरकार आई कुल 23 केस में सज़ा हुई!


मुशरिफ की शिकायत पर कोर्ट ने कसा बीजेपी के किरीट सोमैया पर शिकंजा तो ईडी ने मारी एंट्री

बीजेपी नेता किरीट सोमैया और राकांपा के हसन मुशरिफ के बीच अरसे से तल्खी चल रही है। 2012 के एक केस को लेकर सोमैया ने मुशरिफ के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वो उन्हें नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। यहां तक कि पुणे की कोर्ट ने मुशरिफ के खिलाफ फैसला दिया तो सोमैया ने दो घंटे के भीतर ही फैसले की कॉपी ट्वीट कर डाली। मुशरिफ को ये बात नागवार गुजरी और वो मामले को लेकर बांबे हाईकोर्ट पहुंच गए।

हाईकोर्ट ने सोमैया के खिलाफ जांच बिठा दी, लेकिन इस फैसले के कुछ घंटे बाद ही मामले में ईडी की एंट्री हो गई। फिलहाल मुशरिफ को ईडी ने पूछताछ के लिए समन भेजा है। ध्यान रहे कि विपक्ष के तमाम नेता ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगाते रहे हैं।

ईडी ने मुशरिफ को भेजा समन
शनिवर (11 मार्च, 2023) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रवादी हसन मुशरिफ को पूछताछ के लिए बुलाया है। पुलिस ने बताया कि मुशरिफ को अगले हफ्ते मुंबई में ईडी के सामने पेश होने को कहा गया है ताकि धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया जा सके। इससे पहले जनवरी में मुशरिफ से जुड़े विभिन्न परिसरों पर ईडी ने छापेमारी की थी।

पिछले कुछ दिन में कोल्हापुर और अन्य जगहों पर नए सिरे से तलाशी की गई। धनशोधन मामला राज्य में मुशरिफ से जुड़ी कुछ चीनी मिलों के परिचालन में कथित अनियमितताओं में जांच से संबंधित है। इनमें सर सेनापति सांताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री लिमिटेड भी है जिससे उनके तीन बेटे जुड़े हैं। मुशरिफ (68) कोल्हापुर की कागल सीट से राकांपा के विधायक हैं। वह राकांपा के उपाध्यक्ष भी हैं। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने 2021 में आरोप लगाया था कि पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री मुशरिफ अपने परिवार के सदस्यों और कंपनियों के माध्यम से बेनामी संपत्ति अर्जित कर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। तब राकांपा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।

सोमैया के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए थे मुशरिफ
बीजेपी नेता किरीट सोमैया के कोर्ट के आदेश की कॉपी ट्वीट करने के मामले में बांबे हाईकोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट जज को जांच करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट का कहना है कि जज इस बात को देखें कि फैसला सुनाने के महज दो घंटे के भीतर किरीट सोमैया को ऑर्डर की कॉपी कहां से मिल गई। जबकि फैसले की सर्टिफाइड कॉपी आरोपी को ही चार दिनों बाद मिल पाई थी। मामला राकांपा नेता हसन मशरिफ के बेटों से जुड़ा है। मुशरिफ ही सोमैया के ट्वीट को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे थे। बांबे हाईकोर्ट के जस्टिस रेवती मोहिते और शर्मिला देशमुख की बेंच ने प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज को मामले की पूरी जांच करने को कहा है। उनका कहना है कि बिजली की रफ्तार से किरीट सोमैया ने कोर्ट के फैसले की कॉपी कहां से मिली ये चिंता का विषय है। हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज से इस बात की जांच करने को कहा है कि कैसे हसन मुशरिफ के मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी भी सोमैया को मजिस्ट्रेट से पहले मिल गई। हाईकोर्ट का कहना है कि मामले के जांच अधिकारी को तलब करके उनसे सवाल जवाब किए जाए कि ऐसा कैसे हुआ? बेंच ने मुशरिफ को 23 फरवरी को कोल्हापुर में दर्ज मामले में राहत देते हुए पुलिस को आदेश दिया कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।