अरब डायरी : फ़िलिस्तीन में विस्फ़ोटक हालात : सीरिया में अमरीकी सैनिक छावनी पर हमला : दुनिया के सभी हथियारों से ज़्यादा ताक़तवर है ये ”ईरानी” हथियार!!
Parvez KhanComments Off on अरब डायरी : फ़िलिस्तीन में विस्फ़ोटक हालात : सीरिया में अमरीकी सैनिक छावनी पर हमला : दुनिया के सभी हथियारों से ज़्यादा ताक़तवर है ये ”ईरानी” हथियार!!
सीरिया में अमरीकी सैनिक छावनी पर मिसाइल हमला
सीरिया के इलाक़े दैरुज़्ज़ूर में क़ाबिज़ अमरीकी सेना की छावनी पर मिसाइल हमला हुआ है।
सीरियाई सूत्रों का कहना है कि यह हमला कल रात हुआ और दैरुज़्ज़ूर के क़रीब अलउमर आयल फ़ील्ड के इलाक़े में अमरीकी सैनिक छावनी निशाना बनी। हमले के बाद छावनी से आग के शोले उठते देखे गए। इस हमले से किसी जानी या माली नुक़सान की फ़िलहाल कोई सूचना नहीं है।
सीरिया में आतंकी संगठनों की कमर तोड़ दी गई है जो अमरीकी सेना के एजेंडे के तहत काम करते हुए सीरियाई सरकार और जनता को निशाना बना रहे थे, इसके बाद अमरीकी सेना ने स्थानीय कुर्दों की मदद से अपना एजेंडा आगे बढ़ाने की कोशिश जारी रखी है।
अमरीका ने कुर्द फ़ोर्सेज़ के सहयोग से जिन इलाक़ों पर क़ब्ज़ा किया है वहां स्थानीय लोग अकसर प्रदर्शन करके अमरीकी सैनिक क़ब्ज़ा समाप्त किए जाने की मांग करते हैं।
सीरियाई सरकार कई बार कह चुकी है कि अमरीकी सेना कुर्द मिलीशिया की मदद से सीरियाई तेल भंडारों से तेल चोरी कर रही है और यह सब कुछ पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी है।
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दमिश्क़ के आवासीय क्षेत्र पर इस्राईल का हमला
दमिश्क़ में ज़ायोनी शासन के हवाई हमले के साथ ही सीरिया के एंटी एयरक्राफ्ट ने उसका मुक़ाबला किया।
सीरिया की सरकारी समाचार एजेन्सी साना के अनुसार रविवार की सुबह दमिश्क़ के आसमान में भयंकर विस्फोट की आवाज़ सुनी गई।
समाचारिक सूत्रों ने बताया है कि सीरिया की राजधानी दमिश्क़ के कफरसूसे नामक क्षेत्र में ज़ायोनी मिसाइल आकर गिरी। ज़ायोनी समाचारपत्र यदीऊत आहारूनूत ने दक्षिणी दमिश्क़ के कफरसूसे क्षेत्र में एक इमारत के लक्ष्य बनने की सूचना दी है। उसके अनुसार इस कार्यवाही में 8 से 9 लोग लक्ष्य बने हैं।
साना ने दमिश्क़ की पुलिस के हवाले से बताया है कि दमिश्क़ में आवासीय इमारत पर ज़ायोनियों के हमले में कुछ लोग घायल और कुछ अन्य शहीद हुए हैं। इसी बीच जानकार सूत्रों का कहना है कि हमले के समय सीरिया के सुवैदा प्रांत के शहबा नगर के सीरिया की सेना की रडार साइट को ज़ायोनी युद्धक विमानों ने लक्ष्य बनाया।
इस बात की संभावना जताई जा रही है कि दमिश्क़ के आवासीय क्षेत्र पर ज़ायोनी युद्धक विमानों के आक्रमण में राजधानी के निकटवर्ती क्षेत्र की कुछ सैन्य साइटों पर भी हमला किया गया हो। सीरिया की सरकारी एयरलाइन के प्रबंधक बासिम मंसूर का कहना है कि दमिश्क़ के अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमला नहीं हुआ है।
फ़िलिस्तीन में विस्फोटक हालात, अमरीकी विदेश मंत्री मध्यस्थता की कोशिश में
फ़िलिस्तीन में इंतेफ़ाज़ा के हालात बन जाने और स्थिति विस्फोटक हो जाने के मद्देनज़र अमरीका के विदेश मंत्री एंुनिश्चत ुरक्षा को मज़टोनी ब्लिंकन ने ज़ायोनी प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू और फ़िलिस्तीनी प्रशासन के प्रमुख महमूद अब्बास से फ़ोन पर बात की और तनाव कम करने के लिए प्रभावी क़दम उठाए जाने पर ज़ोर दिया।
वहीं इस्राईल की तरफ़ से भड़काऊ गतिविधियों का सिलसिला जारी है जिसके तहत उसने बैतुल मुक़द्दसम में 7 फ़िलिस्तीनियों को गिरफ़तार किया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार ब्लिंकन कोशिश कर रहे है। कि इस्राईल और फ़िलिस्तीनी प्रशासन के बीच मध्यस्थता करें ताकि इस्राईल की ओर से वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियों के निर्माण की योजना के ख़िलाफ सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पर वोटिंग न हो।
ब्लिंकन ने इस टेलीफ़ोनी वार्ता में कहा कि अमरीका टू स्टेट समाधान पर कटिबद्ध है और इस्राईल और फ़िलिस्तीन को चाहिए कि शांति बहाल करने के लिए क़दम उठाएं।
ब्लिंकन की तरफ़ से यह कोशिश तब शुरू हुआ है जब इस्राईल की भड़काऊ गतिविधियों के चलते हालात विस्फोटक हो चुके हैं।
इस बीच बैतुल मुक़द्दसम में फ़िलिस्तीनियों ने इस्राईल की दमनकारी नीतियों के ख़िलाफ़ रविवार की सुबह से आम हड़ताल और असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया है।
फ़िलिस्तीनियों ने अलराम और अनाता इलाक़ों में रास्तों पर टायर जलाकर आवाजाही रोक दी जिसके फ़िलिस्तीनियों और इस्राईली सैनिकों के बीच झड़पें हुई हैं।
फ़िलिस्तीनियों ने शाफ़ात और अनाता में अपनी दुकानें और कारोबार बंद रखे जबकि स्कूलों में भी छुट्टी कर दी गई।
क्या आप जानते हैं कि दुश्मन ईरान की किस ताक़त से ज़्यादा ख़ौफ़ खाता है?
इस्लाम धर्म में ज्ञान प्राप्ति पर सबसे अधिक बल दिया गया है। जब अमेरिका का वजूद नहीं था और यूरोप के दूसरे देश अंधकार युग में थे, तब स्पेन में अरबों की उपस्थिति के कारण ज्ञान की रोशनी प्रकाशित हो रही थी। अरबों के पास प्राचीन यूनानी दार्शनिकों और वैज्ञानिकों की रचनाएं सुरक्षित थी। उनके माध्यम से यूनानी ज्ञान ने यूरोप में प्रवेश किया। न केवल यूनानी, बल्कि भारतीय और चीनी ज्ञान भी उनके माध्यम से यूरोप पहुंचा।
अरब वैज्ञानिक जाबिर को आधुनिक रसायन विज्ञान का जनक माना जाता है। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में अल-राजी की किताबें यूरोपीय विश्वविद्यालयों में आधार ज्ञान के रूप में कार्य करती रहीं। महान ईरान विद्धवान इब्ने सीना ने दर्शन शास्त्र, नक्षत्र विज्ञान, रसायन शास्त्र, भूगोल, भूगर्भ शास्त्र, तर्कशास्त्र, गणित, भौतिक विज्ञान, मनोविज्ञान, काव्य, संगीत आदि विषयों पर लगभग 450 ग्रंथ लिखे। अलजबरा शब्द अरबी का है। कुल मिलाकर मुसलमानों ने दुनिया भर में ज्ञान की रोशनी को फैलाने का काम किया और जब तक ज्ञान को अपनाए रखा वे दुनिया भर में राज करते रहे। इसी बिन्दू को मुसलमानों के दुश्मनों ने टॉर्गेट किया और धीरे-धीरे मुसलमानों को ज्ञान से दूर करने की कोशिश करने लगे। जिसमें काफ़ी हद तक वे कामयाब रहे। दुश्मनों ने ज्ञान के बदले चरमपंध और कट्टरवाद की आग को अपने एजेंटों के माध्यम से मुसलमानों के बीच भड़काई और इसका सिलसिला जारी भी है। लेकिन ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी दुश्मनों की इस साज़िश से अच्छी तरह परिचित थे। इसीलिए उन्होंने इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से ही ज्ञान के विकास और विस्तार पर विशेष ध्यान दिया और इस पर दिया। उनके बाद इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामनेई ने भी सबसे ज़्यादा जिस चीज़ पर ज़ोर दिया है वह है ज्ञान की प्राप्त, ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था।قاہر
क़ाहिर 313 आज इस्लामी गणराज्य ईरान पर अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर से कड़े से कड़े प्रतिबंध लगे हुए हैं। वे नहीं चाहते कि ईरान अपने ज्ञान के विकास को जारी रखे। लेकिन ज्ञान एक ऐसी चीज़ है कि जिसे रोका नहीं जा सकता। यही वजह है कि एक ओर ईरान हर दिन ज्ञान के क्षेत्र में नई-नई ऊंचाईयों को छू रहा है और दूसरी ओर ईरान दुश्मन ताक़तें इस विकास को देखकर आक्रोषित हो रही हैं। हाल ही में ईरान के रक्षा मंत्रालय के वायु विभाग ने घोषणा की है कि उसका प्रोजेक्ट क़ाहिर 313 अपने अंतिम चरण में है और बहुत जल्द मानव रहित लड़ाकू विमान के रूप में उड़ान भरेगा। ईरान के रक्षा मंत्रालय के वायु विभाग के प्रमुख अफ़शीन ख्वाजा फ़र्द ने बताया है कि क़ाहिर 313 प्रोजेक्ट एक अत्याधुनिक योजना है, इसके सामने आने के बाद दुनिया की आंखे खुली की खुली रह जाएंगी। सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह युद्धक विमान ड्रोन की तरह पूरी तरह मानव रहित रहेगा। उन्होंने कहा कि हमने 10 अलग-अलग तरह की मोटरें विकसित की हैं, जिनमें से ज़्यादातर का इस्तेमाल ड्रोन और मिसाइलों में हो रहा है, जबकि ईरान के कौसर और यासीन लड़ाकू विमानों में मोज नामक इंजन का इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा ईरान बहुत तेज़ी से यात्री विमान के निर्माण को लेकर भी काम कर रहा है।
हर हाल में फ़िलिस्तीन का समर्थन जारी रखेंगेः वरिष्ठ नेता
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि ईरानोफोबिया का मुख्य कारण इस्लामी गणतंत्र ईरान द्वारा बेफिक्र होकर फ़िलिस्तीनियों का समर्थन करना है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि ईरान की इस्लामी व्यवस्था बिना किसी हिचकिचाहट के फ़िलिस्तीनी राष्ट्र का समर्थन करती रहेगी।
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (स) की पैग़म्बरी की घोषणा के अवसर पर शनिवार को इस्लामी गणतंत्र ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों, इस्लामी देशों के प्रतिनिधियों, राजदूतों तथा पवित्र क़ुरआन के अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबले में शामिल होने वाले मेहमानों ने तेहरान में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में वरिष्ठ नेता ने फिलिस्तीन की अत्याचारग्रस्त जनता के समर्थन के संबन्ध में इस्लामी गणतंत्र ईरान की स्पष्ट नीतियों की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि वे सरकारें जिनकों फ़िलिस्तीनी राष्ट्र का समर्थन करना चाहिए था वे इस्लाम के शत्रुओं की हां में हां मिलते हुए ईरानोफ़ोबिया के प्रचार में लगी हुई हैं। वरिष्ठ नेता का कहना था कि फ़िलिस्तीन का मामला, इस्लामी जगत की कमज़ोरी और उसके घाव का हिस्सा है। एक राष्ट्र इस समय इस्लामी जगत के सामने एक अत्याचारी और दुष्ट शासन के अत्याचारों का शिकार है जबकि इस्लामी देश अनपी संपदा, क्षमताओं और धन-दौलत के बावजूद केवल मूक दर्शक बने हुए हैं।विशेष बात यह है कि इन्ही में कुछ देश तो हालिया दिनों में इस ख़ूंख़ार शासन के पिछलग्गू बने हुए हैं।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने आगे कहा कि अब तो यह हालत हो गई है कि मुसलमानों की समस्याओं का समाधान करने का दावा करते हुए अमरीका, फ्रांस तथा कुछ अन्य देश, इस्लामी जगत में हस्तक्षेप को अपना अधिकार समझ बैठे हैं। हालांकि यह वे देश हैं जो स्वयं अपनी व्यवस्था को चलाने में पूरी तरह से अक्षम रहे हैं।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि अगर आरंभ में ही इस्लामी सरकारें वरिष्ठ धर्मगुरूओं विशेषकर नजफ़ के धर्मगुरूओं के हमदर्दी से भरे सुझावों को मान लेते तो आज निश्चित रूप से पश्चिमी एशिया का वह हाल नहीं होता जो इस समय है। इस्लामी राष्ट्र और सरकारें अधिक एकजुट होतीं। उन्होंने कहा कि इस्लामी जगत की समस्याओं का समाधान इस्लामी सरकारों के एकजुट होने में निहित है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने तुर्किये और सीरिया में आने वाले भूकंप के प्रभावितों के प्रति सहानुभूति व्यक्ति की। आप ने अंत में कहा कि फ़िलिस्तीन जैसा संकट और अमरीकी हस्तक्षेप जैसे मुद्दों को इस्लामी राष्ट्रों को हमेशा अपने दृष्टिगत रखना चाहिए।
अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में ग़ैर-क़ानूनी बस्तियों के संगठन के प्रमुख ने स्वीकार किया है कि हिज़्बुल्लाह के गाइडेड मिसाइलों से इस्राईली सुरक्षित नहीं हैं। पिछले दशकों के दौरान, दुनिया ने देखा है कि किस तरह से इस्लामी आंदोलन हिज़्बुल्लाह ने सन् 2000 और 2006 में ज़ायोनी शासन को पराजित किया और इस्राईल के अजय रहने […]
अक्टूबर में हैती के गिरोह से प्रेरित मानवीय संकट गहराते ही, लुटेरों के एक समूह ने राजधानी पोर्ट-औ-प्रिंस के एक संपन्न उपनगर में एक सुपरमार्केट में तोड़फोड़ की, जिसके कारण पुलिस को एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार करना पड़ा और उन्हें पास की पुलिस के पास ले जाना पड़ा। स्टेशन। वे वहां लंबे […]
70 सालों से ताइवान की खाड़ी में एक काल्पनिक रेखा ताइवान और चीन के बीच खिंची हुई है जिसने वहां शांति बनाये रखने में मदद दी है. अब यह कथित मध्य रेखा चीन की आधुनिक नौसेना के वहां ताकत दिखाने के कारण अर्थहीन होती जा रही है. चीन ने आधिकारिक तौर पर कभी इस रेखा […]