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चीनी ग़ुब्बारा 40 से अधिक देशों की कर रहा था जासूसी, भारत भी उनमे शामिल है, चीन का नाम लेने से प्रधानमंत्री क्यों बचते हैं?

अमेरिकी मीडिया ने दावा किया है कि चीनी ग़ुब्बारा डेटा जमा करने वाले उपकरण से लैस था।

एक अमेरिकी मीडिया ने अपने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि अमेरिका के पूर्वी तट पर मार गिराया जाने वाला चीनी ग़ुब्बारा जासूसी का गुब्बारा था और एक बड़े जासूसी कार्यक्रम का हिस्सा था।

अमेरिकी न्यूज चैनल सीबीएस ने दावा किया है कि रविवार को ईस्ट कोस्ट पर अमेरिकी सेना के एफ-22 फाइटर जेट से जिस चीनी गुब्बारे को मार गिराया गया वह सूचना एकत्र करने वाले उपकरणों से लैस था। अमेरिकी मीडिया का कहना है कि दूसरे शब्दों में, यह एक जासूसी ग़ुब्बारा था।

सीबीएस के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गुब्बारा विशेष एंटेना और जासूसी और डेटा निगरानी उपकरणों से लैस था।

अमेरिकी अधिकारी ने यह भी दावा किया कि गुब्बारा संभवतः चीनी सेना द्वारा चलाए जा रहे एक बड़े हवाई निगरानी कार्यक्रम का हिस्सा था जो पांच महाद्वीपों पर 40 से अधिक देशों को लक्षित कर रहा था।

अमेरिकी दावों के विपरीत, चीन ज़ोर देकर कह रहा है कि मार गिराया जाने वाला ग़ुब्बारा मौसम की जानकारी हासिल करने वाला ग़ुब्बारा था जो अपने रास्ते से भटक गया था। बीजिंग का कहना है कि ग़ुब्बारे को मार गिराने पर अमेरिका की प्रतिक्रिया, सीमा से ज़्यादा थी।

उधर कुछ मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि भारत भी चीन द्वारा संचालित जासूसी ग़ुब्बारों द्वारा लक्षित देशों में से एक था।

द वॉशिंगटन पोस्ट ने कई अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा है कि जासूसी ग़ुब्बारे ने, जो कई वर्षों से आंशिक रूप से चीन के दक्षिण तट से दूर हैनान प्रांत से संचालित होता है, जापान, भारत, वियतनाम, ताइवान और फिलीपींस सहित चीन के लिए उभरते रणनीतिक हित के देशों और क्षेत्रों में सैन्य संपत्ति के बारे में जानकारी एकत्र की है।

यह रिपोर्ट कई अनाम रक्षा एवं खुफिया अधिकारियों से ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के साक्षात्कार पर आधारित है।

दैनिक समाचार पत्र के अनुसार, हालिया वर्षों में हवाई, फ्लोरिडा, टेक्सास और गुआम में कम से कम चार ग़ुब्बारे देखे गए और इसके अलावा पिछले सप्ताह भी एक ग़ुब्बारा देखा गया था।

इन चार में से तीन घटनाएं पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के प्रशासन के दौरान हुईंलेकिन चीनी निगरानी यान के रूप में इनकी पहचान हालिया दिनों में हुई।

अमेरिका की उप-विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने पिछले 6 फ़रवरी को करीब 40 दूतावासों में लगभग 150 विदेशी राजनयिकों को इस बारे में जानकारी दी थी। इसमें भारत के भी शामिल होने की संभावना है, लेकिन भारत सरकार ने अभी तक इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

पिछले 6 फ़रवरी को फाइनेंशियल टाइम्स ने एक रिपोर्ट में बताया था कि जनवरी 2022 में भारत में एक सफ़ेद ग़ुब्बारे जैसी वस्तु देखी गई थी, हालांकि उस क्षेत्र का उल्लेख नहीं किया गया था जहां इसे देखा गया था।

अंडमान की स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ऐसा लगता है कि ग़ुब्बारे को बंगाल की खाड़ी में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण द्वीपों पर देखा गया था जहां भारत के महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठान हैं।