https://youtu.be/VE5gaDECPJc
टीवी एंकर दीपक चौरसिया उनके ख़िलाफ़ दर्ज पॉक्सो मामले की सुनवाई से छूट की अर्ज़ी देते हुए कहा था कि उन्हें उसी दिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू लेना है. कोर्ट ने इसे नामंज़ूर करते हुए कहा कि इसके साथ कोई ‘हलफ़नामा या ठोस दस्तावेज़ी प्रमाण’ नहीं दिया गया है. अदालत ने उनके ख़िलाफ़ ग़ैर-ज़मानती वॉरंट जारी किया है.
नई दिल्ली: एक दस वर्षीय बच्ची और उसके परिवार के ‘संपादित’, ‘अश्लील’ वीडियो प्रसारित करने और वीडियो को स्वयंभू संत आसाराम के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले से जोड़ने को लेकर गुड़गांव की एक पॉक्सो अदालत ने टीवी एंकर दीपक चौरसिया के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया है.
दीपक चौरसिया @DChaurasia2312 तु कितना भी सीना तान के चल तु पालतू कुत्ता ही रहेंगा pic.twitter.com/UyOqvTYk7a
— 15 लाख वाले PM (@15Lack_wale_PM) February 8, 2023
चौरसिया ने कथित तौर पर मामले की सुनवाई के दिन उपस्थित न हो पाने से ‘व्यक्तिगत छूट’ अर्जी दी थी, जिसमें कहा गया था कि इसी दिन उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का साक्षात्कार लेना है. खबर के मुताबिक, चौरसिया ने आवेदन के साथ उन्हें यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय से मिला एक ईमेल भी संलग्न किया था.
हालांकि, जज ने कहा कि इस अर्जी के साथ ‘कोई हलफनामा’ नहीं दिया गया है और न ही कोई ‘ठोस दस्तावेजी प्रमाण’ है. न्यायाधीश ने यह भी जोड़ा कि रिकॉर्ड पर रखा गया ईमेल भी चौरसिया नहीं बल्कि किसी अन्य व्यक्ति को संबोधित करते हुए लिखा गया था.
Wg Cdr Anuma Acharya (Retd)
@AnumaVidisha
ठरकी चौरसिया बजट भाषण वाले दिन पिछले बजट के रिपोर्ट कार्ड पर चर्चा के बजाय वित्तमंत्री की लाल साड़ी और काली बॉर्डर की अभ्यर्थना से आगे ही नहीं बढ़ पाया.
आज से भगोड़ा बनने को अग्रसर!
कोई कोई वारंट #ग़ैरज़मानती हुआ करता है.