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सिख धर्म ही विश्व का सबसे पहला धर्म है, और सिख धर्म मे ही भारत के मूलनिवासी 5 हज़ार साल पहले ख़ुशियों भरी आज़ादी की ज़िंदगी रहे थे : सरदार मेघराज सिंह का लेख पढ़िये!

Meghraj Singh
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सिख धर्म ही विश्व का सबसे पहला धर्म है और सिख धर्म मे ही भारत के मूलनिवासी पाँच हज़ार साल पहले ख़ुशियों भरी आज़ादी की ज़िंदगी रहे थे ।
धर्म का मतलब होता है सच ही सच ।
इस बात की पुष्टि गुरु नानक साहिब जी गुरुवाणी में ख़ुद करते हैं ।
गुरु नानक साहब कहते हैं ।
सच जुगो से चला आ रहा है ।
सच जुगों जुगों से चला आ रहा है ।
सच आज भी है ।
सच भविष्य में भी रहेगा ।

सिख धर्म मूलनिवासियों का सबसे पहला धर्म कैसे हैं ।
निम्नलिखित उदाहरणों से यह साबित हो जाता है कि सिख धर्म ही मूलनिवासियों का सबसे पहला धर्म था और आज भी है जैसे कि —
1 जैसे तक़रीबन 5000 साल पहले मूलनिवासियों के लिए पगड़ी आन बान शान और इज़्ज़त का प्रतीक थी ।
वैसे ही सिख धर्म वालों के लिए तक़रीबन 500 साल से लगातार पगड़ी आन बान शान और इज़्ज़त का प्रतीक है ।
2 जैसे तक़रीबन 5000 साल पहले बड़े बड़े राजे महाराजे पगड़ी बांधकर राज सिंहासन पर बैठते थे ।
वैसे ही सिख धर्म वाले भी 500 साल से लगातार पगड़ी बांधकर हर एक सिख अपने आपको और आज़ाद राजा महसूस करता आ रहा है ।
3 जैसे तक़रीबन 5000 साल पहले मूलनिवासी पूरे विश्व के जीव जन्तुओं से इंसानों से पेड़ पौधों से प्रकृति का रुप समझ कर के सब से प्यार करते थे ।
वैसे ही 500 साल से सिख धर्म वाले भी पूरे विश्व के लोगों को एक रब की संतान समझ करके पूरे विश्व की जीव जंतुओं को भी रब के बच्चे समझ कर के प्यार करते आ रहे है ।
4 जैसे तक़रीबन 5000 साल पहले मूलनिवासी जुलम ख़िलाफ़ जंग युद्ध लड़ते थे ।
वैसे ही सिख धर्म वाले तक़रीबन 500 साल से लगातार ज़ुल्म के ख़िलाफ़ जंग लड़ते आ रहे हैं ।
5 जैसे तक़रीबन 5000 साल पहले मूलनिवासी आज़ाद रहने के लिए लड़ाई लड़ा करते थे ।
वैसे ही सिख धर्म वाले भी तक़रीबन 5 सौ साल से लगातार आज़ादी लेने के लिए लड़ाई लगातार लड़ रहे हैं ।
6 जैसे तक़रीबन 5000 साल से मूलनिवासी लगातार ब्राह्मणों से विचारों से हथियारों से लड़ाई लड़ते आ रहे हैं ।
वैसे ही तक़रीबन 500 साल से सिख धर्म वाले भी ब्राह्मणों से और ब्राह्मणी विचारधारा वालों से लगातार हथियारों से विचारों से जंग लड़ते आ रहे हैं ।
7 जैसे तक़रीबन 5000 साल से लगातार मूलनिवासी ब्राह्मणवाद की ग़ुलामी से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहे हैं ।
वैसे ही तक़रीबन 500 साल से लगातार सिख धर्म वाले भी ब्राह्मणवाद की ग़ुलामी से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहे हैं ।
8 जैसे तक़रीबन 5000 साल से या पाँच हज़ार साल पहले भी मूलनिवासियों मे औरतों को मान सम्मान से देखा जाता था ।
वैसे ही तक़रीबन 500 साल से लगातार सिख धर्म वाले भी औरतों को मान सम्मान से देख रहे हैं ।
9 जैसे तक़रीबन 5000 साल से लगातार मूलनिवासी झूठ और बेईमानी छल कपट से बचने के लिए लगातार आवाज़ उठाते आ रहे हैं ।
वैसे ही तक़रीबन 500 साल से लगातार सिख धर्म वाले भी झूठ बेईमानी छल कपट के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते आ रहे हैं ।

10 जैसे मूलनिवासी तक़रीबन पाँच हज़ार साल से ब्राह्मणों के ख़िलाफ़ झूठ और बेईमानी के ख़िलाफ़ आज़ादी की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और आज भी लड़ रहे हैं और एक दिन आज़ाद होकर ही रहेंगे ऐसा उन मन में प्रण है ।

वैसे ही सिख धर्म वाले भी तक़रीबन 5 सौ साल से लगातार ब्राह्मणों के ख़िलाफ़ झूठ के ख़िलाफ़ बेईमानी के ख़िलाफ़ आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे हैं और आज़ाद होकर ही रहेंगे और यह भी सिखो के मन में प्रण है ।

नोट —कोई भी दिमाग़ वाला इंसान जिसका दिमाग़ काम कर रहा है इन 10 उदाहरणों को पढ़कर आसानी से पहचान पाएंगे कि सिख धर्म ही विश्व का सबसे पहला धर्म है ।

कुछ महत्वपूर्ण शायरी
जिन इंसानों के अंदर झूठ और बेईमानी होगी वह इन बातों को नहीं पहचान पाएंगे ।
जिन इंसानों के अंदर सच्चाई और ईमानदारी होगी वही इन बातों को सही पहचान पाएंगे ।
सिख धर्म नाम है सच का सच से ही इंसान का जीवन प्रकाशमान होता है ।
सच्चा और ईमानदारी इंसान ही राजा विद्वान धार्मिक और महान होता है ।

नोट—2 भारत के मूल निवासियों के लिए सिख धर्म ही एक ऐसा धर्म है जो पूर्ण रूप से भारत के मालिक दलितों को शूद्रो को मुकम्मल आज़ाद करा सकता है सिख धर्म को सिर्फ़ ज़िंदे इंसान ही अपनाते हैं ।

नोट—3 हमने सिख धर्म को विश्व का सबसे पहला धर्म अपने अनुभवों के अनुसार बताया है किसी दूसरे इंसान का अनुभव इससे ज़्यादा भी हो सकता है और कम भी हो सकता है यह हमारा निजी अनुभव है अगर कोई इंसान इस विषय पर सवाल या विचार चर्चा करना चाहता है तो विश्व के किसी भी प्लेटफ़ार्म पर अगर विचार चर्चा कर सकते हैं थैंक्यू ।
वॉट्सऐप नंबर+13474754233
( M S khalsa)

Meghraj Singh
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भारत के मूल निवासियों के लिए एक ख़ास चेतावनी —-
जन्म कुंडली शूद्रो के लिए ख़तरे की घंटी है ।
जानिए कैसे ।
भारत के मूलनिवासी जिनकी जनम कुण्डलियाँ बनी हुई है वह अपनी जन्मकुंडली को ध्यान से देखें ।
जिन की जन्मकुंडली में—
वरण में शूद्र लिखा है ।
गण में राक्षस लिखा है ।
जिनकी जनम कुंडलियों में गण में राक्षस लिखा हुआ है ब्राह्मण उनको अपना सबसे बड़ा दुश्मन समझता है जिसकी वजह से ब्राह्मण उनको हमेशा ही परेशान करता है और लुटता रहता है ।
ब्राह्मणों ने जिनकी जन्मकुंडली में गण में राक्षस लिखा है उनको भूतकाल में लूटा और मारा वर्तमान में भी लुट रहे और मार रहे हैं और भविष्य में भी ग़ुलाम बनाकर लूटते रहेंगे और मारते रहेंगे ।
सिख धर्म ने जिनकी जनम कुंडलियों में गण में राक्षस लिखा हुआ है उनको भूतकाल में बादशाह बनाया था वर्तमान में भी बादशाह बना रहे हैं और भविष्य में भी ग़ुलामी से आज़ाद कर के बादशाह बनाकर जुलम से टक्कर लेते रहेंगे ।
मैं तो चमार गुलाम अधर्मी से—-
सिह आज़ाद धार्मिक बादशाह बन गया हूँ ।
क्या आप भी ग़ुलाम अधर्मी से धार्मिक बादशाह बनना चाहेंगे ।
ग़ुलामी को जिदें लोग छोड़कर ही बादशाह बन सकते हैं क्या आप ज़िदें हैं देखते हैं कितने जिदें लोग है ।
नोट —सच्चे और ईमानदार इंसान ही ग़ुलामी को तोड़कर बादशाह बन सकते हैं ।
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( M S Khalsa )

डिस्क्लेमर : लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है