देश

#मोदी_अडानी_ने_देश_लूटा : चारों तरफ़ से घिरा अडानी, मोदी सरकार जांच क्यों नहीं करावा रही है? : वीडियो

हिंडेनबुर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी ग्रुप को भारी नुक्सान उठाने पड़ रहे हैं, इस बीच विपक्ष चाहता है कि इस मामले पर संसद में चर्चा हो और संसद की संयुक्त कमेटी इस की जांच करे, सरकार मामले में चर्चा कराने से बच रही है, अडानी के फ्रॉड को लेकर ट्विटर पर टॉप टेन्ड में #मोदी_अडानी_ने_देश_लूटा शामिल है, यहाँ कुछ ट्वीट आप के लिए पोस्ट किये जा रहे हैं, ट्वीट्स में व्यक्त विचार लोगों के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है

Avni
@Avni2718

अडानी ने देश की पूंजी अपनी पूंजी बना ली और देश की जनता के साथ इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला किया है।लेकिन साहब “राष्ट्रवाद” का चोला उड़ाकर सबकुछ दफ़नाने में लगे हैं। और गोदी मीडिया “राष्ट्रीय घोटाले” पर कालीन बिछाकर बजट की घण्टी बजाने में व्यस्त है।

सच्चाई
#मोदी_अडानी_ने_देश_लूटा


Arun Aleti
@ArunAleti1

भाजपा नेताओं को संपत्ति में आया जबरदस्त उछाल कोन सा बिजनेस करती है भाजपा..?

#मोदी_अडानी_ने_देश_लूटा

Sanju Goyal(Shadow bane)
@Sanju_Goyal01

अदानी एंटरप्राइज़ेज़ को अमेरिका के “डाउ सस्टेनिबिलिटी इंडसीज़” से बाहर किया गया।

भक्तों द्वारा America boycott शुरू ही होने वाला है…🤣

YogeshMeena
@Yogeshkherli

टॉप 20 से भी बाहर हो गए दुग्गल साहेब के परम मित्र
और देखते हैं कितना जाएंगे
#मोदी_अडानी_ने_देश_लूटा
#AdaniScam

Sanju Goyal(Shadow bane)
@Sanju_Goyal01

लगेगी आग तो आएंगे कई “मोईजी” जद में,
यहां पर सिर्फ़ “अडान” का मकान थोड़ी ना है!

#मोदी_अडानी_ने_देश_लूटा
#चौकीदार_ही_चोर_है

INDIRAM
@indira_126

अडानी इतना ही राष्ट्रवादी था तो टैक्स देने में देश का नम्बर वन क्यों नहीं था।
क्योंकि चौकीदार उसकी चोरी में साथ साथ था।
इसलिए असली चोर चौकीदार है।

#मोदी_अडानी_ने_देश_लूटा

 

 

 

गौतम अदाणी 10 दिन पहले तक दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में तीसरे स्थान पर थे। 24 जनवरी को अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई। 25 जनवरी से उनकी संपत्ति में गिरावट होने लगी। आलम ये है कि पिछले बीते दस दिनों में गौतम अदाणी की संपत्ति आधी से भी कम हो गई है। पिछले 24 घंटे के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बीच 12.5 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। अदाणी की नेटवर्थ में दस दिन में करीब 65 अरब डॉलर की कमी आ चुकी है। वह रईसों की लिस्ट में फिसलकर टॉप 15 से भी बाहर हो गए हैं।

जानिए अब तक क्या-क्या हुआ?

18 जनवरी: अदाणी एंटरप्राइजेस की ओर से शेयर बाजार को एफपीओ के बारे में जानकारी दी गई। एफपीओ (FPO) का फुल फॉर्म- फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (Follow-on Public Offer) है। इसके जरिये पहले से शेयर बाजार में लिस्टेडड कंपनियां फंड जुटाने के लिए अपने शेयर बेचने का ऑफर करती हैं।

24 जनवरी: हिंडनबर्ग नाम की अमेरिकी फर्म ने गौतम अदाणी की अगुवाई वाले समूह की कंपनियों के बारे में एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में अदाणी समूह पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया। 24 जनवरी को गौतम अदाणी की नेट वर्थ 126 बिलियन (अरब) डॉलर थी।

25 जनवरी: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई। अदाणी की नेटवर्थ घटकर 120 अरब डॉलर हो गई। हालांकि, अदाणी अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर बरकार रहे। अदाणी समूह के सीएफओ जुगशिंदर सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी करके डिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज कर दिया।

26 जनवरी: अदाणी समूह ने कहा कि वह अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है। अमरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है।

27 जनवरी: अदाणी समूह के शेयरों को बिकवाली की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ा। इसकी वजह से गौतम अदाणी की नेट वर्थ में भारी आई। अदाणी दुनिया के पांच सबसे अमीर व्यक्ति की सूची से बाहर हो गए। उनकी संपत्ति 98.1 बिलियन डॉलर रह गई। अदाणी अमीरों की सूची में सातवें नंबर पर पहुंच गए।

29 जनवरी: अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को भारत, इसकी संस्थाओं, देश की विकास की गाथा और इसकी महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला करार दिया। 413 पन्नों के जवाब में अदाणी समूह ने रिपोर्ट में उठाए गए 88 सवालों का जवाब भी दिया।

पत्नी और बच्चों के साथ गौतम अदाणी8 of 13
पत्नी और बच्चों के साथ गौतम अदाणी – फोटो : अमर उजाला
30 जनवरी: सोमवार को बाजार खुलने के साथ ही अदाणी समूह को एक और तगड़ा झटका। कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट जारी रही। गौतम अदाणी की नेट वर्थ 9.9 बिलियन डॉलर की कमी के साथ 88.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई।

गौतम अदाणी9 of 13
गौतम अदाणी – फोटो : अमर उजाला
31 जनवरी: अदाणी समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को पूर्ण अभिदान (फुल सब्सक्राइब्ड) मिल गया। 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को मंगलवार को बिक्री के आखिरी दिन गैर-खुदरा निवेशकों का समर्थन मिला। 4.55 करोड़ शेयरों की पेशकश के मुकाबले 4.62 करोड़ शेयरों की मांग रही। इसका फायदा अदाणी की नेट वर्थ को भी मिला। अदाणी की नेट वर्थ बढ़कर 89.1 बिलियन डॉलर पहुंच गई।

Gautam Adani’s wealth decreased by more than half in 10 days, decreased $ 12.5 billion in 24 hours

एक फरवरी: रेटिंग एजेंसी क्रेडिट स्विस ने अदाणी ग्रुप के बॉन्ड को मानने से इनकार कर दिया। इसके बॉन्ड की वैल्यू को जीरो कर दिया। बाजार पर इसका बुरा असर पड़ा। अदाणी की नेट वर्थ गिरकर 74.7 बिलियन डॉलर रह गई। अमीरों की सूची में अदाणी 15वें नंबर पर फिसल गए। एक फरवरी की रात को ही अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने अपने 20,000 करोड़ रुपये के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को रद्द कर दिया।

Gautam Adani’s wealth decreased by more than half in 10 days, decreased $ 12.5 billion in 24 hours, what next?

दो फरवरी: एफपीओ वापस लेने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में भारी बिकवाली जारी रही। इसके साथ ही अदाणी की संपत्ति में गिरावट भी जारी रही। उनकी नेट वर्थ एक दिन में 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा की कमी हुई। अदाणी अमीरों की सूची में 16वें नंबर पर पहुंच गए। उनकी कुल संपत्ति घटकर 64.2 बिलियन डॉलर रह गई।

तीन फरवरी: बाजार खुलने के साथ अदाणी की कंपनी के शेयरों में गिरावट जारी रही। इसके साथ ही उनकी संपत्ति में भी गिरावट होती रही। बाजार खुलने के डेढ़ घंटे में ही अदाणी अमीरों की सूची में 22वें नंबर तक पहुंच गए। हालांकि, दोपहर में रेटिंग एजेंसी मूडीज और फिच की ओर जारी बयानों के बाद का अदाणी के शेयरों पर सकारात्मक असर पड़ा। निचले स्तर से उनकी कंपनी के शेयरों में लगभग 56 फीसदी का सुधार हुआ। इसके चलते अदाणी एक बार फिर टॉप-20 अमीरों की सूची में शामिल हो गए। दिन खत्म होने तक उनकी संपत्ति 16.9 बिलियन डॉलर हो गई। अदाणी अमीरों की सूची में 17वें नंबर पर आ गए।

आगे क्या होगा?
इसे समझने के लिए हमने शेयर मार्केट रिसर्च एक्सपर्ट मनोज ददलानी से बात की। उन्होंने कहा कि अदाणी ग्रुप शेयरों में बिकवाली हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट के रिएक्शन में है। शुक्रवार को मूडीज और फिच के बयान का भी उनकी कंपनी के शेयरों बेहतर असर पड़ा। उनके पास मजबूत ब्रॉन्ड का डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो है। अदाणी ग्रुप कंपनियों को लेकर एसबीआई और एलआईसी ने भी चिंता नहीं जताई है, जो एक सकारात्मक संदेश दे रही है। हालांकि, अदाणी की संपत्ति में ये हलचल अभी कुछ दिन जारी रह सकती है।


हिंडनबर्ग मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जनहित याचिका में शॉर्ट सेलर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

अदाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस जनहित याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक शॉर्ट सेलर्स नाथन एंडरसन के साथ ही उनकी भारतीय संस्थाओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई है। जानकारी के मुताबिक, अधिवक्ता एमएल शर्मा ने यह याचिका दाखिल की है।

अपनी याचिका में अधिवक्ता एमएल शर्मा ने याचिका में लाखों निर्दोष निवेशकों का शोषण करने और उन्हें ठगने के लिए एंडरसन और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की है। साथ ही उन निवेशकों के लिए मुआवजे की भी मांग की गई है, जिन्हें शेयर की कीमत में गिरावट के कारण नुकसान उठाना पड़ा।

जानकारी के मुताबिक, याचिका में आईपीसी की धारा 420 और 120-बी (भारतीय दंड संहिता) के तहत धारा 15HA सेबी अधिनियम के साथ शॉर्ट सेलर्स (एंडरसन और भारत / यूएसए में उनके सहयोगियों) के खिलाफ मुकदमा चलाने और प्राथमिकी दर्ज करने की जांच की मांग की गई है। याचिका में यह आरोप भी लगाया गया कि एंडरसन और उनकी भारतीय संस्थाओं ने एक आपराधिक साजिश रची और उसके बाद 25 जनवरी, 2023 को उन्होंने शोध रिपोर्ट के रूप में एक मनगढ़ंत खबर जारी की, जो अदाणी समूह की कंपनियों के लिए नुकसानदायक थी। याचिका में दलील दी गई है कि इस रिपोर्ट के आने के बाद जब शेयर बाजार में गिरावट आई तो उन्होंने सबसे कम दर पर अपनी शॉर्ट सेल की स्थिति को बेहतर कर लिया।


याचिका के अनुसार, शॉर्ट सेलर्स नाथन एंडरसन ने भारत के कई नागरिकों को धोखा देकर अरबों का मुनाफा हासिल किया है। याचिकाकर्ता ने शॉर्ट सेलिंग को धोखाधड़ी का अपराध घोषित करने और निवेशकों पर आईपीसी की धारा 420 और सेबी अधिनियम 1992 की धारा 15HA के तहत मुकदमा चलाने का भी आग्रह किया है।

साथ ही याचिकाकर्ता ने संवैधानिक सवाल भी उठाए हैं, जिन पर फैसला किए जाने की जरूरत है। याचिकाकर्ता की तरफ से सवाल यह था कि क्या सेबी निवेशकों की सुरक्षा के लिए शॉर्ट सेलिंग स्टॉक में ट्रेडिंग को निलंबित करने के लिए बाध्य नहीं है?

कौन हैं नाथन एंडरसन?
नाथन एंडरसन हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक हैं। उनके द्वारा पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जिसके कारण अदाणी समूह की फर्मों की संपत्ति में भारी गिरावट आई है।

अदानी: आरबीआई ने चिंताओं पर दिया जवाब, कहा

अदानी समूह को भारतीय बैंकों से मिले कर्ज़ को लेकर जो चिताएं जताई जा रही हैं उन्हें लेकर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आश्वस्त किया है.

आरबीआई ने बैंकों की स्थिति को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा कि देश की बैंकिंग प्रणाली लचीली और स्थिर बनी हुई है.

आरबीआई ने कहा, ”नियामक और पर्यवेक्षक के तौर पर आरबीआई बैंकिंग सेक्टर और हर एक बैंक पर लगातार नज़र बनाए रखता है ताकि वित्तीय स्थिरता बनी रहे. आरबीआई का बड़े कर्ज़ों को लेकर एक डाटाबेस सिस्टम है जिसमें बैंक पांच करोड़ और उससे ज़्यादा के कर्ज़ की जानकारी देते हैं. इसका इस्तेमाल निगरानी रखने के लिए किया जाता है.”

”आरबीआई के मौजूदा आकलन के मुताबिक बैंकिंग सेक्टर लचीला और स्थिर बना हुआ है. पूंजी पर्याप्तता, परिसंपत्ति गुणवत्ता, तरलता और लाभप्रदता से संबंधित विभिन्न मानदंड स्वस्थ हैं. बैंक आरबीआई के लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क (एलईएफ) दिशानिर्देशों का पालन भी कर रहे हैं.”

अदानी समूह पर अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में शेयरों में धांधली और अकाउंटिंग फ्रॉड के आरोप लगाए थे जबकि समूह ने इस रिपोर्ट को खारिज किया है.

इसे रिपोर्ट के सामने आने के बाद से अदानी समूह शेयरों की कीमत लगातार गिर रही है. अदानी समूह ने जिन भारतीय बैंकों से कर्ज लिया है उसे लेकर भी चिंता जाहिर की जा रही है.


अदानी एंटरप्राइज़ेज़ को अमेरिका के इस सूचकांक से बाहर किया गया

अदानी समूह की तीन कंपनियों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा कुछ वक़्त के लिए निगरानी सूची में डालने के बाद अब उसे अमेरिकी शेयर बाज़ार से भी तगड़ा झटका लगा है.

अमेरिका की ‘एसएंडपी डाउ जोंस इंडसीज़’ ने गुरुवार को बताया कि अदानी एंटरप्राइज़ेज़ को सात फ़रवरी से डाउ सस्टेनिबिलिटी इंडसीज़ से बाहर करने का फ़ैसला लिया गया है.

इसने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में बताया कि शेयरों में हेरफेर और खातों में धोखाधड़ी करने के आरोपों के बाद अदानी एंटरप्राइज़ेज़ (XBOM: 512599) को डाउ जोंस सस्टेनिबिलिटी इंडसीज़ से बाहर कर दिया जाएगा.

इसमें बताया गया है कि यह फ़ैसला 07 फ़रवरी से लागू किया जाएगा.

इस ख़बर के बाद टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से सवाल पूछा है कि जब अंतरराष्ट्रीय सूचकांक अदानी स्टॉक की सदस्यता का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं तो वो क्यों नहीं कर रहा है?

Mahua Moitra
@MahuaMoitra
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S&P Dow Jones removes Adani Enterprises from Dow Jones indices due to charges of stock manipulation & accounting fraud.
Why is @NSEIndia not reevaluating index membership of Adani stocks when international ones are?


क्या है डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडसीज़?

निवेशकों को गाइड करने के इरादे से 2012 में यह सूचकांक लॉन्च हुआ था. S&P Global, शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज ग्रुप और न्यूज़ कॉरपोरेशन ने मिलकर इसे लॉन्च किया था.

‘डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी वर्ल्ड इंडेक्स’ में दुनिया की सबसे सस्टेनेबल कंपनियों को शामिल किया जाता है.

कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट (सीएसए) के ज़रिए S&P Global इस तरह की कंपनियों का चुनाव करती है.

इसके लिए यह लंबी अवधि के कई मानदंडों के आधार पर सबसे बड़ी 2,500 कंपनियों में से टॉप 10 प्रतिशत को चुनती है.