पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि स्वामी प्रसाद ने कुछ अंशों पर आपत्ति जताई है। स्वामी प्रसाद मौर्य को इसका अधिकार है। रामचरितमानस पर जाति,वर्ग का विशेषाधिकार नहीं है। प्रदूषित,अमानवीय ग्रंथों की निंदा तो करनी ही होगी। भारतीय ग्रंथों ने समाज को गहराई से प्रभावित किया। ग्रंथों में जातिवाद, ऊंचनीच, छुआछूत स्थापित किया गया। पीड़ित व्यक्ति/समाज अपना विरोध तो व्यक्त करेगा ही। भारतीय ग्रंथों पर एकाधिकार नहीं जताना चाहिए। हिंदू एकता के लिए इनका विरोध करना जरूरी भी है। यह शोषित वर्ग हिंदू समाज में ही रहना चाहता है।
Vivek K. Tripathi
@meevkt
नया मोड़. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने फेसबुक पर लिखी पोस्ट. कहा रामचरितमानस पर जाति वर्ग का विशेषाधिकार नहीं. प्रसाद ने कुछ अंशों पर आपत्ति जताई और उन्हें इसका अधिकार है. भारतीय ग्रंथों में जातिवाद, ऊंच-नीच, छुआछूत स्थापित किया गया..