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पठान के आगे झुका भगवा : मोदी ने अपनी पार्टी के नेताओं को सलाह दी है कि वह फिल्मों पर बेवजह की बयानबाज़ी से बचें : रिपोर्ट

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के नेताओं को सलाह दी है कि वह फिल्मों पर बेवजह की बयानबाज़ी से बचें।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, 16-17 जनवरी को भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित हुई भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ बदले-बदले से नज़र आए। जहां उन्होंने बायकॉट गैंग की क्लास लगाई वहीं उन्होंने ऐसे सभी नेताओं को चेतावनी दी जो मुसलमानों और अन्य धर्म के लोगों पर आए दिन हमला करते रहते हैं। सूत्रों के अनुसार, मोदी ने कहा कि कुछ लोग कुछ फिल्मों पर बयानबाज़ी कर रहे हैं, जो कि मीडिया पर पूरे दिन चलाए गए। उन्होंने पार्टी नेताओं के बेवजह की बयानबाज़ी से बचने की सलाह दी। बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है कि जब भारत में शाहरुख़ ख़ान की फिल्म पठान को लेकर विवाद चल रहा है। दरअसल पठान फिल्म के एक गाने में दीपिका पादुकोण को भगवा जैसे रंग के कपड़ों में दिखाने पर विवाद है, जिसके चलते भाजपा के कई नेताओं ने पठान फिल्म को बैन तक करने की मांग कर दी थी।


ग़ौरतलब है कि महाराष्ट्र भाजपा के नेता राम कदम ने सवाल खड़े करते हुए पूछा था कि क्या फिल्म को सस्ती लोकप्रियता दिलाने के लिए यह सब किया गया या फिर सोची समझी साज़िश के तहत यह विवाद खड़ा किया गया है। राम कदम ने यह भी कहा कि अगर कोई फिल्म या टीवी धारावाहिक हिंदू समाज की भावनाओं का अपमान करता है तो उसे महाराष्ट्र में प्रदर्शन की इजाज़त नहीं दी जाएगी। वहीं मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी पठान विवाद पर बयान दिया था।

उन्होंने मांग की थी कि फिल्म से आपत्तिजनक दृश्यों को हटाया जाए वर्ना फिल्म को मध्य प्रदेश में प्रदर्शन की इजाज़त नहीं दी जाएगी। गुजरात और बिहार समेत अन्य राज्यों में भी पठान फिल्म के गाने को लेकर आपत्ति जताई गई। गुजरात में तो कट्टरपंथी हिन्दू संगठन के लोगों ने एक मॉल पर हमला करके वहां तोड़फोड़ तक की थी। वहीं कुछ टीकाकारों का यह भी कहना है कि भारतीय प्रधानमंत्री में जो बदलाव देखने को मिल रहा है उसका मुख्य कारण कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को मिलती सफलता है। इस यात्रा की कामयाबी ने भारतीय जनता पार्टी को बैक फुट पर ला दिया है। अब देखने वाली बात यह है कि नरेंद्र मोदी द्वारा की गई नसीहत पर उनकी पार्टी के नेता कितना अमल करते हैं।

सोर्स : पारस टुडे हिंदी
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