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फ्रांस को धर्मों के अनादर का अधिकार नहीं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर धर्मों का अपमान नहीं किया जा सकता : ईरान

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि फ्रांस को धर्मों के अनादर का अधिकार नहीं है।

नासिर कनआनी का कहना है कि फ्रांस को धर्मों और उनके मानने वालों के अपमान का कोई भी अधिकार नहीं है।

उन्होंने फ्रांसीसी व्यंग पत्रिका शार्ली हेब्दो द्वारा की जाने वाली अपमानमजकर कार्यवाही की निंदा की। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने फ़्रांसीसी अधिकारियों को नसीहत करते हुए कहा कि उपनिवेशवाद के काले इतिहास के साथ फ्रांस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर लोगों की आस्थाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

उन्होंने कहा कि तथा कथित स्वतंत्रता के नाम पर उसको किसी भी धर्म के मानने वालों की आस्थाओं को ठेस पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है। नासिर कनआनी ने कहा कि फ्रांस को चाहिए कि वह अन्तर्राष्ट्रीय नियमों के हिसाब से मूल नियमों का पालन करे। उन्होंने कहा कि इसी के साथ पेरिस को दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और वहां के लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने का हक़ नहीं है। याद रहे कि

फ्रांस की कुख्यात व्यंग पत्रिका शार्ली हेब्दो ने पहले मुसलमानों के पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (स) का अपनाम किया था। उसके इस काम का पूरी दुनिया के मुसलमानों ने विरोध करते हुए उसकी निंदा की थी। अब इसी कुख्यात पत्रिका ने मुसलमानों के धार्मिक नेतृत्व का अनादर किया है। शार्ली हेब्दो की इस प्रकार की घृणित कार्यवाहियों के कारण विगत में उसकी बहुत निंदा होती रही है।