नई दिल्ली:कर्नाटक राजनीतिक संकट से उभर नही पारहा है,पिछले दिनों बीजेपी की सरकार 50 घण्टों में गिर गई थी,अब कॉंग्रेस और जेडीएस ने सरकार बनाई है जिसमें कुमारास्वामी मुख्यमंत्री बने हैं इसमें कोंग्रेस की तरफ से आँखें दिखाने की रिवायत चंद घण्टों में ही शुरू होगई है,जिससे पता चलता है कि ये पारी लम्बी नही चलने वाली है।
कर्नाटक गठबंधन के फ्लोर टेस्ट से पहले ही काँग्रेस के डिप्टी सीएम जी परमेश्वर की बयानबाजी सबको हैरान कर देने वाली है, डिप्टी सीएम जी परमेश्वर ने यह बात कहकर तो सबको हिला दिया है कि कुमारस्वामी का 5 साल तक सीएम बने रहना पक्का नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी तक दोनों दलों के बीच सरकार चलाने को लेकर कोई खास मंत्रणा नहीं हुई है।
कांग्रेस के खाते में कितने विभाग आएंगे, यह भी तय नहीं है. जेडीएस से मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर अभी बातचीत होनी है. हालांकि उन्होंने साफ किया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य अच्छा शासन देना है. हम राय-मंत्रणा के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे, लेकिन तब तक सभी का ध्येय है कि राज्य में स्थिर और अच्छी सरकार बने।
कुमारस्वामी पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि जेडीएस अब पुरानी गलती नहीं दोहराएगी. वह ही 5 साल तक सीएम बने रहेंगे. डिप्टी सीएम और स्पीकर का पद कांग्रेस को दिया जाएगा. बाकी मंत्रालयों पर राय-विमर्श के बाद तय होगा. हालांकि जेडीएस कांग्रेस को अधिक मंत्रालय देने के लिए राजी थी. लेकिन परमेश्वर के इस बयान से कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन में अभी से मतभेद सामने आने लगा है. कुमारस्वामी ने उस मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि दोनों दलों के बीच 30 महीने का सत्ता हस्तांतरण का समझौता हुआ है.
कांग्रेस में सीएम बनने लायक कई चेहरे
परमेश्वर ने कहा कि किसी विधायक ने उनसे या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से कोई पद नहीं मांगा है. परमेश्वरकेपीसीसी के भी अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने इस बारे में सिर्फ मीडिया में खबरें देखी हैं.’ उन्होंने कहा कि पद मांगने में कुछ भी गलत नहीं है. कांग्रेस पार्टी में कई नेता हैं जो उप मुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बनने में सक्षम हैं-यह कांग्रेस पार्टी की ताकत है. जब हम गठबंधन सरकार में हैं तो इस बात का फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है कि इस स्थिति में किसे कौन सा पद दिया जाए.
शिवकुमार नाराज नहीं हैं : परमेश्वर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार के नाखुश होने पर परमेश्वर ने कहा, ‘सभी विधायक साथ हैं और हम शक्ति परीक्षण में सफल होंगे.’ चर्चा, समूह बैठक हुई हो या नहीं, लेकिन तथ्य यह है कि हम एकजुट हैं. मैं सिर्फ यही कह सकता हूं.’ खबरों में कहा जा रहा है कि शिवकुमार पार्टी नेतृत्व से नाखुश हैं. वह भी उपमुख्यमंत्री पद के दावेदार थे. शिवकुमार ने येदियुरप्पा सरकार के विश्वास मत से पहले पार्टी के विधायकों को साथ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह कथित तौर पर उप मुख्यमंत्री पद नहीं मिलने से नाखुश हैं. शिवकुमार को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग पर उन्होंने कहा, ‘यह खुशी की बात है कि वह अध्यक्ष बनेंगे क्योंकि कोई अनुभवी नेता पार्टी की अगुवाई करेगा.’
परमेश्वर ने कहा कि शक्ति परीक्षण के बाद कांग्रेस और जेडीएस नेता साथ मिलकर समन्वय समिति के बारे में फैसला करेंगे. उन्होंने कहा, ‘साथ ही हम न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करने के लिये एक पैनल बनाएंगे.’ उन्होंने दावा कि चुनाव में पार्टी की हार नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मत प्रतिशत भाजपा से अधिक था. परमेश्वर ने कहा कि एक समिति का गठन किया जाएगा जो पूरे राज्य में घूमकर पार्टी की हार के कारणों का पता लगाएगी।
हालांकि, उन्होंने कुछ क्षेत्रों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिये ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया. परमेश्वर ने कहा कि इस बात की संभावना हो सकती है कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई हो. उन्होंने कहा कि पार्टी को सूचना मिली है कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में जहां 70-80 फीसदी मतदाता कांग्रेस के हैं, वहां भी बीजेपी को सर्वाधिक बढ़त हासिल हुई. उन्होंने कहा कि हमें ईवीएम में छेड़छाड़ का संदेह है