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मिस्टर चंद्रचूड़, मैं कोर्ट के ग़लत फ़ैसलों की, जब भी ग़लत लगेगा, जमकर आलोचना करूँगा-@Profdilipmandal
Dilip Mandal @Profdilipmandal मिस्टर चंद्रचूड़, मैं कोर्ट के ग़लत फ़ैसलों की, जब भी ग़लत लगेगा, जमकर आलोचना करूँगा। ऐसा मैं कंटेप्ट ऑफ कोर्ट एक्ट के सेक्शन 5 से मिले अपने अधिकार के तहत करूँगा। ये क़ानून नागरिकों को अधिकार देता है कि वे कोर्ट के किसी फ़ैसले को ग़लत बताएँ। जज आलोचना से बच नहीं […]
‘हर संपत्ति-साम्राज्य के पीछे कोई बड़ा अपराध होता है’
Kavita Krishnapallavi ============== (ये टिप्पणियाँ कुछ वर्षों पुरानी हैं! अभी के समय में बहुत प्रासंगिक लग रही हैं, इसलिए फिर से दे रही हूँ) बाल्ज़ाक ने लिखा था कि ‘हर संपत्ति-साम्राज्य के पीछे कोई बड़ा अपराध होता है !’ बाल्ज़ाक का यह कथन पूँजीवादी समाज के एक ऐसे अन्तर्निहित तर्क को उद्घाटित करता है, जिसे […]
अब अदालतों की ज़रूरत नहीं है, जजमेंट की ज़रूरत नहीं है, कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने की ज़रूरत नहीं : बुलडोज़र के सवाल पर पत्रकार बुशरा ख़ानम का शानदार आंकलन
इधर तोड़ते हैं तो उधर क्यों छोड़ते हैं, DB लाइव के पत्रकार राजीव के सवाल पर पत्रकार बुशरा ख़ानम का जवाब यहाँ प्रस्तुत है राजीव जी देखिये ये क्लियर मैसिज है और इसमें न तो सरकार कुछ छिपाने की दबाने की कोशिश नहीं कर रही है वो आप को साफ़ साफ़ बता रही है कि […]