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भारत-चीन सैनिकों की झड़प पर विपक्षी दलों ने लोकसभा से वॉकआउट किया : रिजिजू ने कहा-कांग्रेस एक संवदेनशील मसला उठा रही है जो ठीक नहीं है!

तवांग में भारत-चीन सैनिकों की झड़प के बाद चीन के साथ तनाव की स्थिति पर चर्चा को लेकर विपक्षी दलों ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया.

विपक्षी दलों ने बुधवार को इस मामले पर लोकसभा से वॉकआउट किया और सदन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगे.

जैसे ही लोकसभा में शन्यू काल के लिए सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस और डीएमके के सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया. इसके बाद टीएमसी और जदयू के सांसद भी बाहर चले गए.

सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मांग की कि भारत-चीन मसले पर सदन में चर्चा कराई जाए. ये विपक्ष का अधिकार है.

उन्होंने कहा, ”हम सुबह से चीन के मसले पर चर्चा की मांग कर रहे हैं. टीवी पर, संसद के बाहर हर जगह चर्चा हो रही है. विपक्ष को भी चर्चा करने का मौका दें. ये हमारा अधिकार है.”

टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय ने भी चर्चा के लिए ज़ोर दिया.

विपक्ष के वॉकआउट के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया था. बाद में सदन को ड्रग्स के ख़तरे पर चर्चा के लिए फिर से शुरू किया गया.

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Lok Sabha adjourned till 12 noon within minutes of the commencement of the proceedings of the House amid commotion by Opposition MPs.

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, ”हम चीन पर चर्चा चाहते हैं, हम गुप्त सैन्य जानकारियां नहीं मांग रहे हैं. चीन को भारत में घुसपैठ करने की हिम्मत कहां से मिलती है जबकि हमारा जवाब सिर्फ़ प्रतिक्रिया के तौर पर होता है. घुसपैठ को रोका क्यों नहीं जा रहा है?”

”हम सिर्फ़ ये जानना चाहते हैं कि किस स्तर की तैयारियां हैं. चीनी सेना के साथ 16 राउंड की बातचीत का क्या नतीजा निकला और पीएम मोदी की बाली में शी जिनपिंग से क्या बात हुई, अगर हुई है तो.”


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Delhi | We want a discussion on China, we aren’t asking for military secrets. What gives China the courage to make incursions into India while our response is purely reactive? Why incursions aren’t being prevented?: Congress MP P Chidambaram

विपक्ष के विरोध पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस सरकार के दौरान चर्चा से इनकार होने का मामला उठाया.

उन्होंने कहा, ”2005 में विपक्ष ने चीनी सीमा का मसला उठाया था. तब सदन के नेता प्रणब मुखर्जी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि इस पर संसद में चर्चा की बजाए इसे आंतरिक तौर पर हल करना चाहिए क्योंकि ये संवेदनशील मसला है. इसके बाद हमने ये मसला नहीं उठाया.”

”कांग्रेस ये भूल रही है और एक संवदेनशील मसला उठा रही है जो ठीक नहीं है. वो कांग्रेस ही है जिसने सरहद पर बुनियादी ढांचा नहीं बनवाया.”

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In 2005, when we were in opposition & raised the China border issue, the then leader of the House Pranab Mukherjee & then PM Manmohan Singh said that instead of discussing it in Parliament, we should deal with it internally as the issue is sensitive: Union min Kiren Rijiju