स्वामी देव कामुक
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दाग उसके कपड़ों पर लगा 💔
और सोच तुम्हारी गन्दी हो गयी
ज़रा सी ब्रा स्ट्रैप क्या दिखी उसकी
तुम्हारी तो नसें ही तन गयीं
सीने की गोलाइयों पर जा कर
तुम्हारी नज़रें टिकने लगी
उसने डीप गला क्या पहन लिया
पीठ पर तुम्हरी आँखों से उँगलियाँ फिरने लगीं
उसके कहे को अनसुना कर के
तुम लब ताकने लगते हो
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ज़रा सा दुपट्टा क्या सरक जाए
बदन तराशने लगते हो
“माल” और “आइटम” कहने से
बिल्कुल नहीं सकुचाते हो
5 साल की हो या 50 की
हवस का सामान ही मानते हो
तुम्हारी घूरती आँखें
उसके कपड़े उतार लेती हैं
तुम्हारी सीटियाँ और फ़ब्ब्तियाँ
उसे अन्दर ही अन्दर मार देती हैं
आँकड़ें सम्भाले जाते हैं
नोची हुई देह और गूँजी चीत्कारों का
कौन रखेगा हिसाब
आँखों से होते बलात्कारों का
कब समझोगे तुम कि
योनि और स्तन से परे भी है
स्त्री का अस्तित्व
वो शराब की बोतल नहीं
वो है गङ्गा जितनी पवित्र…!!
❤️
तुम्हारा स्वामी देव
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स्वामी देव कामुक
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11 सितम्बर 1931 में, मध्यप्रदेश में कुछवाड़ा में,
ओशो का जन्म हुआ था ।
बचपन का नाम चन्द्र मोहन जैन था ।
इस महान दार्शनिक को लोग
रहस्यमयी *भगवान रजनीश* भी कहते थे ।
सम्भोग में समाधि का दर्शन कराने वाले
इस महान सन्त ने अनगिनत
युवा और युवतियों के दिल पर राज किया ।
इनकी मृत्यु आज तक एक रहस्य बनी हुई है !!
ऐसे महान दार्शनिक योगी को,
उनकी जन्म जयन्ती पर शत-शत नमन 🕉️🌹
स्वामी देव कामुक
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एक स्त्री का प्रेम प्रसाद की तरह होता है,
जो हर व्यक्ति के भाग्य में नहीं होता,
वो उसी को नसीब होता है,
जो उसके सामने झुकता है,
मैं ये नही कहूँगा ,, कि किसी स्त्री को पत्नी बनाना,
उसके प्रेम को प्राप्त कर लेना है..
क्योंकि स्त्री पति को सिर्फ उसका अधिकार देती है प्रेम नही
प्रेम को पाने के लिए उतना ही समर्पण चाहिए
जितना हम भगवान को पाने के लिए करते है
क्योंकि प्रेम को हम नही प्रेम हमको चुनता हैं….!!
❣️ ❣️ ❣️ ❣️ ❣️ ❣️ ❣️
तुम्हारा स्वामी देव
स्वामी देव कामुक
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सम्भोग के लिए रात के 10 आदेश
1. एक पैंटी मत पहनो जब आप उसे रात का खाना परोसते हैं।
2. जब वह आपको Kiss करता है तो अपने हाथ को उसके लिंग पर हिलाएं।
३. जब वह आपसे यौन संबंध रखता है तो हमेशा कुछ शोर मचाएं।
4। जब वह शीर्ष पर होता है तो अपने पैरों को फैलाने से डरो मत।
5। अपनी योनि से बाहर उसके लिंग के बिना स्टाइल बदलें।
6. बिस्तर पर लाश मत बनो हमेशा अपने शरीर को हिलाओ।
7. उसे संभोग के बाद अपनी बीच की उंगली आप में डालने दें। जरूरत हो तो उससे मांग लो।
8 हमेशा अपने आदमी को योनि दें जब उसे जरूरत हो और चाहे, तब भी जब दोपहर में 13:00 घंटे हो
9. संभोग के बाद पैंटी या कपड़े न पहनें, ताकि वह जब चाहे जब चाहे अंदर जा सके।
10 उसे अपने शरीर का इतना आनंद दिलाओ कि वह हमेशा इसके बारे में सोचे और काम के बाद सीधे घर आए।
तुम्हारा स्वामी देव
स्वामी देव कामुक
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तुम यहां अजनबी हो और तुम्हारा यहां अपना कोई भी नहीं। न तुम्हारी मां मां है, न पिता पिता। और अगर तुम किसी स्त्री से पैदा हुए हो तो यह सिर्फ संयोग है। इसको तुम संबंध मत समझो। यह सिर्फ संयोग है। तुम किसी और स्त्री से पैदा हो सकते थे। न तुमने इस स्त्री को मां की तरह चुना, न इस स्त्री ने तुम्हें बेटे की तरह चुना। यह सिर्फ एक दुर्घटना है। न तो इस स्त्री को पता था कि तुम बेटे की तरह आ रहे हो। न तुम्हें पता है कि तुम इस स्त्री को मां बना रहे हो। अंधेरे में जैसे दो आदमी मिल जाएं और टकरा जाएं; रास्ते पर प्रकाश न हो और कोई साथी हो ले, थोड़ी देर यात्रा साथ चले। बस ऐसी यह यात्रा है। सब अंधेरे में है। सब संयोग है।
कौन तुम्हारा मित्र है? किसको तुम अपना मित्र कहते हो? क्योंकि सभी अपने स्वार्थों के लिए जी रहे हैं। जिसको तुम मित्र कहते हो, वह भी अपने स्वार्थ के लिये तुमसे जुड़ा है और तुम भी अपने स्वार्थ के लिये उससे जुड़े हो। अगर मित्र वक्त पर काम न आये तो तुम मित्रता तोड़ दोगे। बुद्धिमान लोग कहते हैं मित्र तो वही, जो वक्त पर काम आये। लेकिन क्यों? वक्त पर काम आने का मतलब है कि जब मेरे स्वार्थ की जरूरत हो, तब वह सेवा करे। लेकिन दूसरा भी यही सोचता है कि जब तुम वक्त पर काम आओ, तब मित्र हो। लेकिन तुम काम में लाना चाहते हो दूसरे को यह कैसी मित्रता है? तुम दूसरे का शोषण करना चाहते हो; यह कैसा संबंध है? सब संबंध स्वार्थ के हैं।
पिता बेटे के कंधे पर हाथ रखे है, बेटा पिता के चरणों में झुका है, सब संबंध स्वार्थ के हैं। और जहां स्वार्थ महत्वपूर्ण हो वहां संबंध कैसे? लेकिन मन चाहता है; अकेले होने में डर पाता है, इसलिये मन चाहता कि कोई संगी-साथी हो।
संगी-साथी हमारे मन की कल्पना है, क्योंकि अकेले होने में हम भयभीत हो जाएंगे। सब से बड़ा भय है अकेला हो जाना, कि मैं बिलकुल अकेला हूं। तो हम विवाह करते हैं, किसी स्त्री को पत्नी कहते हैं, किसी पुरुष को पति कहते हैं, किसी को मित्र बनाते हैं। थोड़ा-सा एक आसपास संसार खड़ा करते हैं। उस संसार में हमें लगता है कि अपने लोग हैं, यह अपना घर है। लेकिन जो भी थोड़ा-सा जागेगा वह पायेगा कि इस संसार में बेघर-बार होना नियति है। यहां घर धोखा है। हम यहां बेघर हैं।जिसका यह बोध टूट गया, यह भ्रांति जिसकी मिट गई कि इस संसार में मेरा कोई घर है।
स्वामी देव
स्वामी देव कामुक
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तंत्र ने सेक्स को स्प्रिचुअल बनाने का दुनिया में सबसे पहला प्रयास किया था। खजुराहो में खड़े मंदिर, पुरी और कोणार्क के मंदिर सबूत हैं। कभी आपने खजुराहो की मूर्तियां देखी हों तो आपको दो बातें अद्भुत अनुभव होंगी। पहली बात तो यह है कि नग्न मैथुन की प्रतिमाओं को देखकर भी आपको ऐसा नहीं लगेगा कि उनमें जरा भी कुछ गंदा है, जरा भी कुछ अग्ली है।
नग्न मैथुन की प्रतिमाओं को देखकर कहीं भी ऐसा नहीं लगेगा कि कुछ कुरूप है; कुछ गंदा है, कुछ बुरा है बल्कि मैथुन की प्रतिमाओं को देखकर एक शांति, एक पवित्रता का अनुभव होगा, जो बड़ी हैरानी की बात है। वे प्रतिमाएं आध्यात्मिक सेक्स को जिन लोगों ने अनुभव किया था, उन शिल्पियों से निर्मित करवाई गई हैं।
उन प्रतिमाओं के चेहरों पर… आप एक सेक्स से भरे हुए आदमी को देखें, उसकी आंखें देखें, उसका चेहरा देखें, वह घिनौना, घबराने वाला कुरूप प्रतीत होगा। उसकी आंखों से एक झलक मिलती हुई मालूम होगी। जो घबराने वाली और डराने वाली होगी। प्यारे से प्यारे आदमी को, अपने निकटतम प्यारे से प्यारे व्यक्ति को भी स्त्री जब सेक्स से भरा हुआ पास आता हुआ देखती है तो उसे दुश्मन दिखाई पड़ता है, मित्र नहीं दिखाई पड़ता। प्यारी से प्यारी स्त्री को अगर कोई पुरुष अपने निकट सेक्स से भरा हुआ आता हुआ दिखाई देगा तो उसे भीतर नरक दिखाई पड़ेगा, स्वर्ग नहीं दिखाई पड़ सकता।
लेकिन खजुराहो की प्रतिमाओं को देखें तो उनके चेहरे को देखकर ऐसा लगता है, जैसे बुद्ध का चेहरा हो, महावीर का चेहरा हो, मैथुन की प्रतिमाओं और मैथुनरत जोड़े के चेहरे पर जो भाव हैं, वे समाधि के हैं और सारी प्रतिमाओं को देख लें और पीछे एक हल्की-सी शांति की झलक छूट जाएगी और कुछ भी नहीं। और एक आश्चर्य आपको अनुभव होगा।
Osho
स्वामी देव कामुक
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एक शादी_शुदा स्त्री, जब किसी पुरूष से मिलती है
उसे जाने अनजाने मे अपना दोस्त बनाती है
तो वो जानती है की
न तो वो उसकी हो सकती है
और न ही वो उसका हो सकता है
वो उसे पा भी नही सकती और खोना भी नही चाहती..
फिर भी वह इस रिश्ते को वो अपने मन की चुनी डोर से बांध लेती है….
तो क्या वो इस समाज के नियमो को नही मानती?
क्या वो अपने सीमा की दहलीज को नही जानती?
जी नहीं
वो समाज के नियमो को भी मानती है
और अपने सीमा की दहलीज को भी जानती है
मगर कुछ पल के लिए वो अपनी जिम्मेदारी भूल जाना चाहती है
कुछ खट्टा… कुछ मीठा
आपस मे बांटना चाहती है
जो शायद कही और किसी के पास नही बांटा जा सकता है
वो उस शख्स से कुछ एहसास बांटना चाहती है
जो उसके मन के भीतर ही रह गए है कई सालों से
थोडा हँसना चाहती है
खिलखिलाना चाहती हैं
वो चाहती है की कोई उसे भी समझे बिन कहे
सारा दिन सबकी फिक्र करने वाली स्त्री चाहती है की कोई उसकी भी फिक्र करे…
वो बस अपने मन की बात कहना चाहती है
जो रिश्तो और जिम्मेदारी की डोर से आजाद हो
कुछ पल बिताना चाहती है
जिसमे न दूध उबलने की फिक्र हो,न राशन का जिक्र हो….न EMI की कोई तारीख हो
आज क्या बनाना है,
ना इसकी कोई तैयारी हो
बस कुछ ऐसे ही मन की दो बातें करना चाहती है
कभी उल्टी_सीधी ,बिना सर_पैर की बाते
तो कभी छोटी सी हंसीओर कुछ पल की खुशी…
बस इतना ही तो चाहती है
आज शायद हर कोई इस रिश्ते से मुक्त एक दोस्त ढूंढता है
धन्यवाद 🙏
गलत टिप्पणी कोई ना करे
तुम्हारा स्वामी देव
डिस्क्लेमर : लेखों में व्यक्त विचार/जानकारियां लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है!
हिरण्या ࿗
@Hiranyaa_
१३. जल में सूर्य और चन्द्रमा का प्रतिबिम्ब देखने से मनुष्य को शोक की प्राप्ति होती है।
१४. पराया मैथुन देखने से बन्धु का वियोग होता है।
१५. नग्न परस्त्री अथवा परपुरुष की ओर कभी नहीं देखना चाहिये।
१६. जो दूषित हृदयसे किसी नग्न स्त्रीकी ओर देखते हैं, वे रोग से पीड़ित होते हैं।
शुकदेव पाण्डेय
@Sdpp00193236
तंत्र ने सेक्स को स्प्रिचुअल बनाने का दुनिया में सबसे पहला प्रयास किया था। खजुराहो में खड़े मंदिर,पुरी और कोणार्क के मंदिर सबूत है। कभी आप खजुराहो की मूर्तियों देखी।तो आपको दो बातें अदभुत अनुभव होंगी। पहली तो बात यह है कि नग्न मैथुन की प्रतिमाओं को देख कर कहीं भी ऐसा नहीं लगेगा
मुख मैथुन: मज़ा महिलाओं को ज़्यादा आता है या पुरुषों को?
तो मुख मैथुन देने या पाने में क्या फ़र्क़ है? महिलाओं और पुरुषों में से कौन ज़्यादा मज़े उठाता है? जवाब देगी नवीनतम रिसर्च।
कौन ज़्यादा मज़े उठाता है? जवाब देगी नवीनतम रिसर्च।
ज़रा उस समय पर गौर कीजिये जब आप आख़री बार अपने साथी के साथ अंतरंग हुए थे। क्या आप दोनों के बीच मुख मैथुन हुआ था? अगर आपको उस क्रिया को अंक देने होंगे तो आप कितने अंक देंगे?
कैनेडियन शोधकर्ताओं का एक समूह इस बारे में और जानकारी की खोज में लगा हुआ था। वो खासकर यह जानना चाहते थे कि क्या इस सम्बन्ध में महिलाओं और पुरुषों के जवाब अलग हो सकते हैं?
तो उन्होंने 900 ऐसे इतरलिंगी विद्यार्थी ढूंढ निकाले जिन्हें इस बारे में बात करने में कोइ संकोच नहीं थाI उनमें से अधिकतर विद्यार्थी 20 से 25 बरस के थे। उनसे उनकी आख़री कामुक क्रिया के बारे में पूछा गया और यह याद करने को कहा गया कि क्या उन्होंने उस दिन मुख मैथुन किया था।
उनका जवाब हाँ होने पर उनको उस क्रिया को 1 से लेकर 4 तक अंक देने को कहा गया। विद्यार्थियों ने शोधकर्ताओं को यह भी बताया कि उनका वो अनुभव एक प्रतिबद्ध साथी के साथ था या फ़िर उस समय वो एक अस्थायी रिश्ते में थे।
![](data:image/gif;base64,R0lGODdhAQABAPAAAMPDwwAAACwAAAAAAQABAAACAkQBADs=)
सर्वे से पता चला कि तीन में से दो लोगों ने अपनी आख़री कामुक क्रिया के दौरान मुख मैथुन किया था। जिन लोगों को मुख मैथुन मिला था उन्होंने अपने अनुभव को चार में से पूरे चार अंक दिए थे और शायद ही शोधकर्ताओं को यह आश्चर्य हुआ होगाI एक और बात जो सामने आई वो यह थी कि यह बात पुरुषों और महिलाओं दोनों ही के लिए एक सामान थी।
किसको मुख्य मैथुन करने में ज़्यादा मज़ा आता है?
लेकिन जब बात आई कि किस को अपने साथी को मुख मैथुन देने में ज़्यादा मज़ा आता है तो पुरुष और महिलाओं के जवाबों में काफ़ी अंतर निकला। जहाँ आधे से ज़्यादा पुरुषों ने अपने साथी को मुख मैथुन देने के अनुभव को भी पूरे चार अंक दिए, वही तीन में से केवल एक महिला ने ही ब्लोजॉब या अपने पुरुष साथी के साथ मुख मैथुन के अपने अनुभव को आनंददायक बताया।
पुरुष और महिला दोनों ने ही माना कि एक अस्थायी साथी की तुलना में एक प्रतिबद्ध साथी के साथ मुख-मैथुन अधिक मज़ेदार होता है I महिलाओं ने यह भी माना कि अगर उनका पुरुष साथी भी उनके साथ मुख मैथुन करे तो उनके लिये उसे मुख मैथुन देना ज़्यादा मज़ेदार अमुभव बन जाता है। जबकि पुरुषों के सन्दर्भ में ऐसा नहीं था। उनके लिए अपने साथी को मुख मैथुन देते हुए मज़ा उठाना इस बात पर निर्भर नहीं था कि उनका साथी भी उनके साथ वही करे। कमाल कि बात यह है कि फ़िर भी दुनिया भर में पुरुषों को बिस्तर में स्वार्थी माना जाता है।
तो अगर पुरुषों को अपनी महिला साथी को ख़ुशी देने में इतना मज़ा आता है तो निस्संदेह वो ज़्यादा बार मख मैथुन देते होंगे? लेकिन ऐसा नहीं है क्यूंकि अध्ययन के दौरान पता चला कि पुरुषों की तुलना में लगभग उनसे दुगुनी महिलाओं ने आख़री कामुक क्रिया के दौरान अपने साथी को मुख मैथुन दिया था, जबकि इसके बदले उनको मिला कुछ भी नहीं थाI
शोधकर्त्ताओं ने बताया कि यह सब उन्हें एक महत्त्वपूर्ण सवाल की ओर ले गयाI और वो यह कि जब पुरुषों को मुख मैथुन देने में ज़्यादा मज़ा आता है और महिलाओं को नहीं तो फ़िर मुख मैथुन देने के मामले में महिलाओं की संख्या पुरुषों की संख्या से ज़्यादा क्यों है?
जुड़ाव महसूस होना
अध्ययन से निकले परिणामों से शोधकर्ताओं ने कुछ अर्थ निकाले। उनमे से एक यह था कि सेक्स के मामले भी सामाजिक मानदण्डों पर आधारित होते हैं। जहाँ तक सेक्स की बात हो तो युवा वयस्क महिलाओं को एक दब्बू के रूप में देखते हैं जबकि पुरुषों की प्रवृत्ति इस मामले में काफी हावी समझी जाती है।
यह तथ्य कि इस बात की संभावना ज़्यादा है कि महिलाएं मुख मैथुन दे बल्कि इसके कि उन्हें इसकी प्राप्ति हो, इस पर आधारित है कि वो मुख मैथुन लेते हुए कितना सहज महसूस करती हैं। शोध से पता चला कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए मुख मैथुन का आनंद उठाना एक मुश्किल काम था और वो इसमें सहज नहीं हो पाती थी।
अपने साथी को ब्लोजॉब देने के पीछे महिलाओं के कारण भावात्मक निकले थे – जैसे यह उनके लिए अपने प्यार को दिखाने का एक तरीका था या फ़िर अपने साथी के साथ जुड़ाव महसूस करने पर भी उन्हें मुख मैथुन देना अच्छा लगता था। जबकि पुरुषों के लिए आमतौर पर यह एक शारीरिक ज़रुरत हेी थी।
अगर बात हो कि क्यों कुछ पुरुष मुख मैथुन देने को भी उतना ही आनंददायक मानते थी जितना कि उसे पाना तो इसकी वजह भी सामाजिक मानदंड ही थेI रिसर्च की माने तो पुरुष अपने आपको सेक्स में पारंगत समझते हैं इसलिए वो यह सुनिश्चित करना चाहते है कि उनके साथी को ओर्गास्म की प्राप्ति हो और मुख मैथुन से इस बात की संभावना काफ़ी बड़ जाती हैI और शायद यही वजह है कि मुख मैथुन देना भी पुरुषों के लिए रुचिकारक होता है। निस्संदेह यह जानना कि वो अपने साथी को पूरी तरह संतुष्ट करने में सक्षम है, ही कई पुरुषों को काम देवता होने का एहसास देता है जो अपने आप में एक बहुत कामोत्तेजक बात है।
स्त्रोत : वास् आईटी गुड फॉर यू?: ऐन एनालिसिस ऑफ़ जेंडर डिफरेंसेस इन सेक्स प्रॅक्टिसिस एंड प्लेझर रेटिंग्स अमंग हेटेरोसेक्शुल् कैनेडियन यूनीवर्सिटी स्टूडेंट्स (2016)। द कैनेडियन जॉर्नल ऑफ़ ह्यूमन सेक्सुअलिटी।
लड़कियाँ हस्तमैथुन कैसे करती हैं
कई लड़कियां हस्तमैथुन करती हैं। आप अपनी उंगली से अपनी टिठनी या उसके आस-पास के स्थान को सहला सकती हैं। इससे आपको यौन उत्तेजना महसूस हो सकती है।
हस्तमैथुन करने के कई तरीके हैं:
हाथ में फुहारे (हैंड शावर) का सिरा लेकर उससे योनि के आस-पास पानी की धार छोड़ना।
वाइब्रेटर का प्रयोग करना।
अपनी योनि में डिल्डो (लिंग के आकार का खिलौना) प्रवेश करना। (कुछ महिलाएं इसके स्थान पर उपयुक्त आकार के फलों या सब्जियों का प्रयोग करती हैं। यदि आप इसे कंडोम पहना लें तो यह अधिक साफ़ और सुरक्षित हो जाता है।
आपको कई चीज़ें आनंद दे सकती हैं। समय के साथ-साथ इनमें बदलाव आना स्वाभाविक है।
हस्तमैथुन करते समय आपको उत्तेजित करने वाली बातों के बारे में कल्पना करना अच्छा लग सकता है। आप अपने पहने हुए कपड़ों से लेकर किसी खास व्यक्ति के बारे में या किसी रोमांचक कहानी के बारे में सोच सकते हैं। आप उन बातों की कल्पना भी कर सकते हैं जिन्हें आप वास्तव में अपने जीवन में कभी करना ही न चाहती हों।
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हस्तमैथुन क्या है?
हस्तमैथुन करने का अर्थ है, अपने शरीर के अंगों को इस तरह से छूना-सहलाना जिससे आपको चरम आनंद महसूस हो।
सहलाना जिससे आपको चरम आनंद महसूस हो।
इसे आप तब तक करते हैं जब तक आप पूरी तरह उत्तेजित हो जाते और आर्गैज़्म महसूस कर लेते हैं।
हस्तमैथुन करने से आप यौन उत्तेजना महसूस करते हैं। ऐसा करने के कई तरीके हैं।
लड़कियां, अक्सर अपनी टिठनी और योनि को उंगली से सहला कर हस्तमैथुन करती हैं और लड़के अपने लिंग को आगे-पीछे सहला कर हस्तमैथुन करते हैं।
लेकिन अपनी पसंद के अनुसार आप कोई भी तरीका अपना सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, आप अपने निप्पल या गुदा को सहला कर भी यौन उत्तेजना महसूस कर सकते हैं।
आप यौन-उत्तेजक चित्रों या कहानियों के बारे में सोचकर भी यौन उत्तेजना महसूस कर सकते हैं। आपको जो भी पसंद हो उसकी कल्पना कर सकते हैं- कल्पना में कुछ भी विचित्र नहीं होता!
अनुभव लें
हस्तमैथुन करना आनंददायी होता है। साथ ही इसके फायदे भी हैं। आपको अपने शरीर के बारे में पता चलता है।
आपका लिंग या योनि कैसी दिखती है, उनको छूने से कैसा महसूस होता है, उनसे कैसी गंध आती है और वे कैसे काम करते हैं, इन सब बातों का पता चलता हैं, और जब आपको पता होता है कि आप
किस बात से या क्या करने से उत्तेजित होते हैं और चरम आनंद महसूस करते हैं, तो सेक्स करते समय, आप अपने साथी को ये बातें बता सकते हैं। रिश्तों से बंधे होने के बावजूद अधिकांश लोग
हस्तमैथुन करते हैं। बार-बार हस्तमैथुन करना पूरी तरह सामान्य बात है। लेकिन यदि आपकी इच्छा कभी भी हस्तमैथुन करने की नहीं होती, तो भी यह असामान्य बात नहीं है!
रिश्तो में हस्तमैथुन
एक सुखी और प्रतिबद्ध रिश्ते होते हुए भी कुछ लोग हस्तमैथुन करते हैंI लेकिन अगर उनका साथी उन्हें शारीरिक सुख दे पा रहा है तो भी वो ऐसा क्यों करते हैं ? इसके कई कारण हैंI लेकिन यह भी सच है कि जो लोग नियमित रूप से हस्तमैथुन करते हैं वो आमतौर पर एक सुखी सेक्स जीवन जीते हैंI