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निर्भया फंड से ख़रीदी गाड़ियों का एकनाथ शिंदे के विधायकों-सांसदों की सुरक्षा में इस्तेमाल, एनसीपी ने इन गाड़ियों को तुरंत हटाने की मांग की

निर्भया फंड से ख़रीदी गाड़ियों के एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों और सांसदों की सुरक्षा में इस्तेमाल से जुड़ी ख़बरों पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने इन गाड़ियों को सुरक्षा से तुरंत हटाने की मांग की है.

शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं. उनका गुट बीजेपी के साथ महाराष्ट्र के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल है.

एनसीपी ने इस मामले में महाराष्ट्र के डीजीपी को एक पत्र में लिखा है.

पत्र में लिखा गया है, “गृह मंत्रालय का शिंदे गुट के सभी एमएलए को वाई प्लस सुरक्षा देना अपने आप में उन्हें वीआईपी स्टेटस देने जैसा लगता है. इन विधायकों की ओर से इन गाड़ियों का इस्तेमाल शर्मनाक है. ये बात सामने आने के बाद भी वो इन गाड़ियों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं, जबकि इनका इस्तेमाल महिलाओं की सुरक्षा के लिए होना था.”

पत्र में आगे लिखा गया है, “एनसीपी मांग करती है कि इन गाड़ियों को तत्काल प्रभाव से विधायकों की सुरक्षा से हटाकर निर्भया स्क्वॉड में वापस भेजा जाए.”

ANI
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आधिकारिक
NCP has written to Maharashtra DGP and demanded “Immediate withdrawal of vehicles procured under Nirbhaya fund”.

इसके पहले उद्धव ठाकरे गुट की प्रियंका चतुर्वेदी और आदित्य ठाकरे भी सरकार की आलोचना कर चुके हैं.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक निर्भया फंड के तहत मुंबई पुलिस के लिए ख़रीदी गईं कई गाड़ियों का इस्तेमाल इस साल जुलाई में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिव सेना गुट के विधायकों और सांसदों के लिए किया गया.

इंडियन एक्सप्रेसकी एक ख़बर के मुताबिक़ महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रहे अपराधों से निपटने के लिए ये गाड़ियां ख़रीदी गई थीं लेकिन इसका इस्तेमाल नेताओं को सुरक्षा देने में किया गया.

अख़बार कहता है कि इस साल जून में मुंबई पुलिस ने 220 बोलेरो और 35 अर्टिगा गाड़ियां, 313 पल्सर मोटरसाइकल और 200 एक्टिवा स्कूटर ख़रीदे थे. इसके लिए निर्भया फंड से 30 करोड़ रुपये निकाले गए. जुलाई में ये गाड़ियां अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में बाँट दी गईं.

केंद्र सरकार ने साल 2013 में महिला सुरक्षा के लिए बनी योजनाओं के अमल के लिए राज्यों के लिए ये फंड बनाया था.