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रामदेव द्वारा संचालित कंपनी ‘पतंजलि’ ने अख़बारों में आधे पेज का विज्ञापन देकर एक और विवाद को जन्म दे दिया : रिपोर्ट

अतीत में ‘भ्रामक’ विज्ञापन दिए जाने को लेकर अधिकारियों द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद बाबा रामदेव द्वारा संचालित कंपनी ‘पतंजलि’ ने अख़बारों में आधे पेज का विज्ञापन देकर एक और विवाद को जन्म दे दिया है।

इस विज्ञापन में दावा किया गया है कि उसके ब्रांड की पारंपरिक दवाएं टाइप-1 शुगर/डायबिटीज, थायराइड और अस्थमा जैसी कई बीमारियों का इलाज कर सकती हैं।

विज्ञापन का शीर्षक ‘एलोपैथी द्वारा फैलाई गईं ग़लत धारणाएं’ है, जिसे कई वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा इसे ‘भ्रामक’ और ‘पूरी तरह से गलत’ बताते हुए खारिज कर दिया गया है।

बीते चार दिसम्बर को इस विज्ञापनों को अखबारों में प्रकाशित कराया गया था। इससे पहले भी यह विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित हो चुका है।

द न्यूज़ मिनट की एक रिपोर्ट के अनुसार, पतंजलि की ओर से अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन में दावा किया गया है कि ब्लड प्रेशर (बीपी), शुगर और थायरॉयड जैसी बीमारियों के इलाज के लिए वर्षों से एलोपैथिक दवाएं लेने वाले लोगों के लिए जीवन ‘नरक’ बन गया है।

विज्ञापन में कहा गया है कि ‘वैज्ञानिक अनुसंधान’ के माध्यम से वे करोड़ों लोगों को ‘सभी रोगों से मुक्त’ बनाकर इन बीमारियों को जड़ से खत्म करने में सफल रहे हैं।

विज्ञापन की जिस बात ने डॉक्टरों को सबसे ज्यादा हैरान किया है, कंपनी यह दावा कर रही है कि पतंजलि ‘दुनिया में पहली बार’ टाइप-1 डायबिटीज़ को पूरी तरह से ठीक करने में सफल रही है।

डॉक्टरों के अनुसार आज तक डायबिटीज़ के लिए कोई चिकित्सकीय रूप से सत्यापित इलाज नहीं है लेकिन विज्ञापन का दावा है कि ‘एकीकृत उपचार’ के साथ-साथ संतुलित आहार का उपयोग करके इसे ठीक किया जा सकता है।

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और डॉ. मोहन्स डायबिटीज स्पेशलिटीज सेंटर के अध्यक्ष डॉ. वी. मोहन ने ट्विटर पर टाइप-1 डायबिटीज वाले लोगों से विज्ञापन से गुमराह नहीं होने का आग्रह किया है।

विज्ञापन की फोटो शेयर करते हुए डॉ. मोहन ने कहा कि अगर आप इंसुलिन बंद कर देते हैं तो आपकी जान को ख़तरा हो सकता है, अभी तक टाइप-1 डायबिटीज़ का कोई इलाज नहीं है, इंसुलिन जीवन रक्षक है, कृपया इसे जारी रखें।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा था कि आयुर्वेद और अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों और योग के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है, वे कई बीमारियों के लिए बहुत अच्छा काम करते हैं, हमें अध्ययन करने और अधिक साक्ष्य खोजने की आवश्यकता है, आज की दुनिया विज्ञान और साक्ष्य आधारित है, जिसे केवल एलोपैथी ही नहीं होना चाहिए।