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जागरूक और समझदार इंसान की क्या पहचान है ——आओ जानिए——-By-सरदार मेघराज सिंह

Meghraj Singh
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जागरूक और समझदार इंसान की क्या पहचान है ——
आओ जानिए——-
अगर उस इंसान के अंदर यह बाते हैं तो — जैसे कि —
1 मैं दुनिया में सबसे ज़्यादा होशियार हूँ बाक़ी सब बेवकूफ़ और मूर्ख लोग है ।
2 मैं दूसरे लोगों की इज़्ज़त करूँ या ना करूँ पर दूसरे लोग मेरी इज़्ज़त ज़रूर करें ।
3 मैं दूसरे लोगों का कहना मानु या ना मानु पर दुसरे लोग मेरा कहना ज़रूर माने ।
4 अगर कोई इंसान अपने समाज के अच्छे कामो की तारीफ़ ना करके उस काम की बुराई कर रहे हो और अपने समाज के लोगों का मनोबल गिराने का काम कर रहा हो ।
5 अगर वह इंसान दूसरों की बुराई इसलिए कर रहा हो कि उस को समाज में मान सम्मान नहीं मिल रहा हो ।
तो ऐसा इंसान उस समाज के लिए घातक होगा क्योंकि वह इंसान जागरूक नहीं है एेसे इन्सान नासमझ और अज्ञानी होते है ।
अगर उस इंसान के अंदर यह बातें होंगी तो —- जैसे कि —
1 मेरे जैसे दुनिया में करोड़ों लोग होशियार समझदार हैं मैं तो एक आम इंसान हूँ मुझे अभी बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है ।
2 मेरी इज़्ज़त कोई दूसरा इंसान करें या ना करें पर मैं इंसानियत के नाते सभी इंसानों की इज़्ज़त करूँ ।
3 मेरा कहना कोई माने या ना माने पर मैं सही लोगों की बात को मानुगा और सच्चाई का प्रचार करता रहूँगा ।
4 मेरे समाज में अगर कोई भी अच्छा काम हो रहा हो मैं उसकी तारीफ़ करूँ और जिस काम मे कमी रह गई है उसको बड़े प्यार से लोगों के सामने रखुगा ताकि उसमें सुधार किया जाए और अपने समाज के लोगों का मनोबल नहीं गिराऊँगा ।
5 मुझे समाज में सम्मान मिले या ना मिले फिर भी मैं सबका सम्मान करते हुए सच्चाई और ईमानदारी से मिशन चलाता रहूंगा ।
अगर यह बातें उस इंसान के अंदर हैं तो वह सचमुच ही वह जागरुख़ हो गया है और वह अंदर से समझदार और ज्ञानी है।
कुछ महत्वपूर्ण शायरी
ऐसे इंसान जागरूक नहीं हो सकते जिनके अंदर झूंठ बेईमानी छल कपट असमानता और नफ़रत भरी हो ।
ऐसे इंसान ही जागरूक हो सकते हैं जिनके अंदर सच्चाई ईमानदारी सब्र संतोष समानता और प्यार भरा हो ।
जिन इंसानों के अंदर घमंड हीन भावना परायापन और दुविधा है तो समझ लेना कि यह इंसान जागरूक नहीं है ।
जिन इंसानों के अंदर स्वाभिमान निमरता अपनापन दूरंदेशी है तो समझ लेना कि यह इन्सान ही जागरूक है ।
जो इंसान समाज के लोगों का मनोबल गिराने का काम करते हैं वह जागरूक नहीं होते बल्कि नासमझ और अज्ञानी होते हैं ।
जो इंसान समाज के लोगों का मनोबल बढ़ाने का काम करते हैं ऐसे इंसान ही जागरूक होते हैं और समझदार और ज्ञानी होते हैं ।
जो भी इंसान सच को सचमुच ही अपनाएंगे वह जागरूक भी हो जाएंगे और समझदार बन जाएंगे ।
सच्ची और ईमानदार इंसान ही पूर्ण रूप से अपने आपको और अपने समाज को ग़ुलामी से आज़ाद कराएंगे ।
नोट —जिस इंसान के अंदर झूठ और बेईमानी होगी वह कभी भी जागरूक नहीं हो सकता जिस इंसान के अंदर सच और ईमानदारी होगी वही इंसान जागरूक हो सकता है जागरूक इंसान ही अपने समाज को आज़ाद और ख़ुशहाल रख सकता है ।
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( M S Khalsa)