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तस्वीर की अक्कासी…लूट लेता है चैन सब का ही….हरबंस सिंह सेठी की तरही ग़ज़ल…कैसी दिल पर चोट लगी जो, अब वो संवरना भूल गई!!
Harbans Sethi ================ तरही ग़ज़ल… मिसरा :- “मुझको देखा पनघट पे तो पानी भरना भूल ग’ई” !! वज़्न :- 2222. 2222. 2222. 222 शायद नसमझी में वक़्त का आदर करना भूल ग’ई !! या जिस झरने पर मिलना था शायद झरना भूल ग’ई !! दस दस बारी दिन में अक्सर सजती और संवरती थी ! […]
”लानत है मुझ जैसे पति पे”
Madhu Singh ============= · ये उन दिनों की बात है जब रूचि की नई नई शादी विनोद से हुई थी। रूचि और विनोद दोनों ही अपने अपने घरों में सबसे छोटे थे। रूचि के पिता थे नहीं और विनोद के माता पिता की चलती नहीं थी कुल मिला के बस सिंदूर डलवा दोनों परिवार ने […]
सादगी व्यक्ति को आंतरिक शक्ति प्रदान करती है, बुद्धि बल और विवेक को बढ़ाती है : लक्ष्मी सिन्हा की रचना
Laxmi Sinha ============= अपनी आवश्यकताओं व इच्छाओं में संतुलन बिठाना, सीमित संसाधनों में प्रसन्न रहना और स्वभाविक एवं सहज रहना ही सादगी है। सादगी व्यक्ति को आंतरिक शक्ति प्रदान करती है। बुद्धि बल और विवेक को बढ़ाती है। मनुष्य की प्रतिष्ठा और चरित्र का निर्माण करती है। सादगी का सबसे बड़ा लाभ यही है कि […]