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पुलिस अधिकारी का अनोखा घर

घर में नानाजी का लगाया हुआ एक नारियल का पेड़ है. इस पेड़ के साथ 35 साल से जुड़ी हैं कई घटनाएं, कई यादें. नानाजी नहीं रहे लेकिन नारियल का पेड़ अभी भी है. इसलिए उसी पेड़ के चारों ओर नाती ने दो मंज़िला मकान बना लिया. लोग इस अनूठी पहल को देखने के लिए घर आ रहे हैं. आज विश्व जहां ग्लोबल वार्मिंग से गुज़र रहा है वहीं आज के ज़माने में भी कुछ लोग हैं जिन्हें प्रकृति से बेहद प्यार है. ऐसा ही प्रकृति प्रेम पश्चिम बंगाल के एक #PoliceOfficer द्वारा भी देखने को मिला है.

अरिंदम पाल पूर्व बर्दवान जिले के mantweswar के डेनुर पंचायत के दाउकाडांगा गांव के रहने वाले हैं. पेशे से वे पुलिस अधिकारी हैं. वह हावड़ा पुलिस कमिश्नरेट के दासनगर पुलिस स्टेशन के एएसआई के पद पर कार्यरत हैं. उनका परिवार गांव के पुराने मकान में रहता है. इसलिए उन्होंने एक नया घर बनाने की योजना बनाई और ऐसा करते हुए अरिंदमबाबू को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा क्योंकि जिस जगह पर उन्होंने अपना घर बनाने का सोचा, उसके दोनों तरफ नारियल के पेड़ हैं.

इन दोनों पेड़ों में से एक नारियल का पेड़ अरिंदम बाबू के नानाजी विश्वनाथ कोनार ने करीब 35 साल पहले अपने हाथों से लगाया था. विश्वनाथ कोनार किसान थे. 80 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया था. इस बात को 25 साल गुजर गए. नारियल का पेड़ बड़ा होकर आज तीन मंज़िला मकान से भी ऊंचा हो गया है. इस पेड़ से नानाजी का यादें जुड़ी हैं लेकिन घर बनाने के लिए बिना पेड़ काटे कोई रास्ता नहीं था लेकिन अरिंदम बाबू पेड़ काटने को राजी नहीं हुए.

अरिंदम पाल अपने नाना की याद को ज़िंदा रखते हुए ही एक ऐसा घर बनाने की योजना बनाई, राजमिस्त्री से लेकर परिवार तक, पड़ोसियों सभी ने पेड़ काटने की बात कही लेकिन उन्होंने बिना किसी की बात सुने मनोमत मिस्त्री को ढूंढ लिया और अंत में पेड़ को बीच में रखकर घर बना लिया. छत के ऊपर, घर का पुराना नारियल का पेड़ है और ऐसा लगता है कि इससे नए घर की शोभा और बढ़ गई है. पेड़ों को बचाने के ऐसे प्रयासों की हर कोई सराहना कर रहा है. कहने की ज़रूरत नहीं कि पेड़ों को बचाने के लिए पुलिस अधिकारी का संदेश भी बहुतों को प्रेरित करेगा.