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इज़राईल और ईरान के बीच छिड़ी जँग-रातभर एक दूसरे पर बरसाते रहे मिसाइल और रॉकेट

नई दिल्ली: दुनिया की दो बड़ी ताकत माने जाने वाले देश ईरान और इज़राईल के बीच युद्ध छिड़ गया है,कई दिनों से माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था जिसके परिणाम में ये स्थिति बनी है,इजरायल की सेना ने दावा किया है कि उसने रात भर सीरिया में ईरान के सैन्य ठिकानों पर कई हमले किए. इससे पहले उसने अपनी सेनाओं पर रॉकेट और मिसाइल दागने के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था. इस घटना से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है।

इंटरनेशनल मीडिया के अनुसार इजरायल सेना के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने खुफिया, साजो-सामान, भंडार गृह और वाहनों को निशाना बनाया है. हाल के सालों में ईरान के ठिकानों के खिलाफ यह इजरायली सेना का सबसे बड़ा अभियान है. इजरायल ने सीरिया के सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया है।

नेतन्याहू सरकार का दावा है कि इजरायल अधिकृत गोलन हाइट्स में सीरिया से सटी सीमा पर उसके सैन्य ठिकानों पर अटैक किया गया, जिसमें 20 रॉकेट और मिसाइल दागे गए।

सीरिया का दावा है कि राजधानी दमिश्क के पास इजरायल ने अटैक किया है. सीरिया की सरकारी मीडिया का दावा है कि दमिश्क की बाहरी सीमा पर हुए एक इजरायली हवाई हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है. इसमें असद समर्थक गैर-सीरियाई लड़ाकों सहित आठ ईरानी नागरिक शामिल है।

सीरिया की सेना ने दमिश्क के निकट एक जिले पर दागी गई दो इजरायली मिसाइलों को मार गिराने का दावा किया है. सरकारी एजेंसी के मुताबिक, ‘इजरायल की ओर से किस्सवेह जिले पर दागी गई दो मिसाइलों को विमान रोधी सुरक्षा सिस्टम से मार गिराया गया है.’

बुधवार को रूस जाने से पहले इजरायल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि सीरिया में वर्तमान में जो हो रहा है, उसके मद्देनजर रूसी सेना व आईडीएफ (इजरायल डिफेंस फोर्सेज) के बीच समन्वय सुनिश्चित करना जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘इजरायल ने बार-बार दोहराया है और फिर से कहता है कि वह ईरान के सीरिया में बढ़ते प्रभाव को ‘खतरा’ मानता है और वह ईरान को सीरिया में प्रवेश की इजाजत नहीं देगा. इजरायली नेता ने रूस से ईरान की सीरिया में मौजूदगी रोकने को कहा है, जहां रूसी व ईरानी सेनाएं बशर अल-असद के शासन का समर्थन कर रही हैं।

बता दें कि सीरिया में विद्रोहियों के खिलाफ असद सरकार 2011 से हमले कर रही है. रूस और ईरान सीधे तौर पर असद सरकार का साथ दे रहे हैं. वहीं, अप्रैल में सीरिया में कथित केमिकल अटैक के जवाब में अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर बड़ी कार्रवाई की. अब सीरिया में मौजूद ईरान के ठिकानों को इजरायल ध्वस्त करने की कार्रवाई कर रहा है।