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असल में सब कुछ ठीक कभी नही होता
Madhu ======== ऊपर वाले ने मुसाफ़िर भेजे। मुसाफ़िरों ने सराय को ठौर मान लिया । ऊपर वाले ने मंच पर कठपुतलियाँ उतारी। कठपुतलियों ने गति को अपनी ताकत माना । भूल गई कि डोर खींचते ही कभी भी खेल खत्म किया जा सकता है । ऊपर वाले ने मल्लाहों को दरिया में उतारा । मल्लाह […]
समय पुराना था, घर की बेटी, पूरे गाँव की बेटी होती थी…आज की बेटी पड़ोसी से ही असुरक्षित हैं…!…by-अंगद अग्रहरि
Anand Agrahari ============= समय पुराना था 🩸तन ढँकने को कपड़े न थे, फिर भी लोग तन ढँकने का प्रयास करते थे …! आज कपड़ों के भंडार हैं, फिर भी तन दिखाने का प्रयास करते हैं समाज सभ्य जो हो गया हैं । 🩸समय पुराना था, आवागमन के साधन कम थे। फिर भी लोग परिजनों से […]
हवा हवाई पंख पहन कर, प्रेम पचीसा पढ़ने वालों…कभी ज़मीनों पर उतरो तो…#सीमा_अग्रवाल
सीमा अग्रवाल Lives in Mumbai, Maharashtra From Kanpur, Uttar Pradesh ============= मेहनतकश कमला उवाच …… हवा हवाई पंख पहन कर प्रेम पचीसा पढ़ने वालों कभी ज़मीनों पर उतरो तो हम से मिलने आना तन के राजमहल पर खारे पानी की नक़्क़ाशी मन के गलियारों में टूटे सपनो की अय्याशी हथेलियों से कूद भागती क़िस्मत की […]