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बैतुल मुक़द्दस में लगातार तीन धमाकों में 21 से ज़्यादा ज़ायोनी ज़ख़्मी, एक ज़ायोनी की मौत!

अवैध अधिकृत बैतुल मुक़द्दस में एक के बाद एक लगातार तीन धमाकों में 21 से ज़्यादा ज़ायोनी ज़ख़्मी हो गए और एक ज़ायोनी की मौत हो गई।

यह धमाके उन इलाक़ों में हुए हैं, जहां की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी पूर्ण रूप से ज़ायोनी शासन के पास है। इसलिए यह धमाके ज़ायोनी सुरक्षा और जासूसी एजेंसियों की नाकामी का एक बड़ा सुबूत है।

इस बीच, हिज़्बुल्लाह ने इस्राईल के क़ब्जे वाले फ़िलिस्तीनी इलाक़ों में प्रतिरोधी कार्यवाहियों की सराहना की है। बुधवार को हिज़्बुल्लाह ने एक बयान जारी करके कहा कि यह साहसी क़दम दुश्मन के अहंकार का सामना करने और उसके अपराधों और आतंक के कृत्यों का जवाब देने के लिए फ़िलिस्तीनियों के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।

इस्राईल के क़ब्ज़े वाले फ़िलिसीनी इलाक़ों में प्रतिरोधी कार्यवाहियों का एक लंबा इतिहास रहा है। इन कार्यवाहियों का मुक़ाबला करने के लिए ज़ायोनी शासन ने वेस्ट बैंक में लहरों के तोड़ने के नाम से एक ऑप्रेशन शुरू किया था, जसिका कोई ख़ास नतीजा नहीं निकला है। इसके विपरीत, वेस्ट बैंक में फ़िलिस्तीनियों की प्रतिरोधी कार्यवाहियां एक नए चरण में प्रवेश कर गई हैं। ख़ास तौर पर बुधवार को जो धमाके किए गए हैं, वह रिमोट कंट्रोल से किए गए हैं, जिससे पता चलता है कि फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी नए पकरणों और हथियारों से लैस हो चुके हैं।

पिछले हफ्तों के दौरान, ज़ायोनी शासन के गोला-बारूद डिपो में घुसपैठ की ख़बरें सामने आई थीं। इसलिए ऐसी संभावना है कि बुधवार कार्यवाहियों में इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों की आपूर्ति, अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के अंदर से ही की गई थी। इसके अलावा, अगर पिछले अभियानों को अजांम देने वाले शहीद या गिरफ्तार हुए थे तो इन हमलों को अंजाम देने वालों को ज़ायोनी शासन पकड़ नहीं पाया है।

ऐसा लगता है कि बुधवार को हुए हमलों का संदेश, इस्राईल में हुए हालिया आम चुनावों के नतीजों से जुड़ा है। पहली नवम्बर को हुए आम चुनाव में कट्टर दक्षिणपंथी ज़ायोनी पार्टियों की जीत हुई है। यह पार्टियां जहां बहुत ही कट्टर विचारधारा रखती हैं, वहीं जातिवादी भी हैं। इसके बाद ऐसी संभावना बढ़ गई है कि पूर्व ज़ायोनी प्रधान मंत्री नेतनयाहू के नेतृत्व में नई ज़ायोनी सरकार, मस्जिदुल अक़्सा को ध्वस्त करने और बैतुल मुक़द्दस के यहूदीकरण की अपनी पूर्व की योजना को आगे बढ़ाएगी। इस लिहाज़ से नए हमले आने वाले ज़ायोनी शासन के लिए एक चेतावनी भी हो सकते हैं।