देश

जयपुर में होगा पत्रकारों का महाकुंभ, 1200 से अधिक पत्रकार फ़रवरी में महाधिवेशन में शामिल होंगे : राजस्थान से धर्मेन्द्र सोनी की रिपोर्ट

– बजट सत्र से पूर्व फरवरी माह में होगा महाधिवेशन

– पत्रकार सुरक्षा लागू करने, अधिस्वीकरण सरलीकरण की मांग प्रमुख

– आईएफडब्ल्यूजे के पदाधिकारियों की आयोजित बैठक में लिया गया निर्णय

हनुमानगढ़। राज्य के सभी 33 जिलों के 1200 से अधिक पत्रकार आगामी फरवरी माह में जयपुर में आईएफडब्ल्यूजे के तत्वाधान में आयोजित महाधिवेशन में शामिल होंगे। जयपुर स्थित स्थानीय डाक बंगले मे आईएफडब्ल्यूजे की एक आवश्यक बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस बैठक में राज्य के सभी जिलों के अध्यक्ष एवं महासचिव सहित प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में शामिल होकर हनुमानगढ़ पधारे इंडियन फैडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट् (आईएफडब्ल्यूजे) के प्रदेश सचिव और बीकानेर संभाग प्रभारी अनिल जांदू ने बताया कि इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ ने की। बैठक में सर्वसम्मति से आगामी फरवरी माह में पत्रकारों का महाधिवेशन आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। महाअधिवेशन में पत्रकारों की प्रमुख मांग पत्रकार सुरक्षा कानून, पत्रकारों के अधिस्वीकरण का सरलीकरण, राज्य के सभी शहरी एवं ग्रामीण पत्रकारों को आवास, भूखण्ड उपलब्ध कराने सहित और भी मांगों को राज्य सरकार के समक्ष उठाने का निर्णय लिया गया। बैठक में संगठन को और अधिक मजबूत बनाने और पत्रकारों को एक सूत्र में बांधकर मजबूत, एकीकरण पर भी विचार विमर्श किया गया। बैठक में पत्रकारों ने कहा कि एक तरफ हमें लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का प्रतीक माना जाता है दूसरी तरफ आए दिन पत्रकारों को विभिन्न प्रकार से उत्पीडि़त किया जाता है पत्रकारों पर हो रहे दमनकारी घटनाओं, हमले और हत्या से पत्रकारों की स्वतंत्र खतरे में पड़ गई है। इसके अलावा पत्रकारों ने वर्तमान चुनौतियों, पत्रकारिता जगत में हो रहे बदलाव एवं सोशल मीडिया के बढ़ते हस्तक्षेप पर भी खुलकर चर्चा की। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शंकर नागर और प्रदेश मंत्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहां की राज्य के प्रत्येक उपखंड क्षेत्र से पत्रकारों के सुझाव और मांगों को सुना जायेगा। संगठन स्तर की मांगों के अलावा जो बड़ी मांगे है उन्हे राज्य सरकार तक महाधिवेशन के माध्यम से पहुंचाएंगे।

इन जिलों की रही उपस्थिति
बैठक में श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ से अनिल जांदू, जोधपुर से डॉ. सैयद मोईनुल हक, सुभाष चौहान, जमील अंसारी, लक्ष्मण मोतीवाल, पाली से अरुण जोशी,जैसलमेर से रमेश कुमार,गणपत देया,जालोर से डूंगर सिंह राठौड़,दलीप डूडी,दिलीप सिंह, सिरोही से अशोक कुमावत, विक्रम सिंह करनोत, गणपत सिंह मांडोली, उदयपुर से नरेंद्र त्रिपाठी, बांसवाड़ा से धर्मेंद्र उपाध्याय, बारां से फिरोज खान, सुरेंद्र चौरसिया, झालावाड़ से रियाज़ खान, चूरु से अमित तिवाड़ी, अजमेर से आनंद शर्मा, चंद्रशेखर शर्मा, नागौर से रामेश्वर सोनी, टोंक से अजय जैन, भूपेंद्र सिंह सोलंकी, कपोद गुर्जर, देवली से गोविंद सिंह सेठी, भारत सोलंकी, अश्विनी पंचोली, सवाईमाधोपुर से राजेश गोयल, राजेश शर्मा, जियाउल इस्लाम, भरतपुर से उमेश लवानिया, प्रभुदयाल शर्मा, धौलपुर से गोपेश पचौरी एवं जयपुर से सागर चौधरी, अमरदीप, रमेश पुरोहित, रहमतुला सहित सभी जिला अध्यक्ष तथा महासचिवों ने भाग लिया। इसके अलावा संगठन की प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने भी भाग लेकर अपने सुझाव प्रस्तुत किए गए।