उत्तर प्रदेश राज्य

अलीगढ निकाय चुनाव : कहीं पूरी बस्ती मतदाता सूची से ग़ायब है तो कहीं ज़िंदा लोगों को मृत दिखाया गया : रिपोर्ट

कहीं पूरी बस्ती ही गायब तो कहीं सौ फीसदी आबादी वोटर

नगर निकाय चुनाव की तैयारियों के बीच वोट बढ़वाने का काम जारी है। अभी दो दिन शेष हैं। मगर इस काम को लेकर सिस्टम पर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। आलम ये है कि कहीं पूरी बस्ती की मतदाता सूची से गायब है तो कहीं सौ फीसदी आबादी ही वोटर बना दी गई है। सौ फीसदी आबादी को लेकर खुद भाजपा के ही एक पार्षद ने सवाल खड़ा किया है। हालांकि सिस्टम से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि अभी इसमें सुधार का काम चल रहा है। जल्द इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।

इसे लेकर जब शिकायतों पर गौर किया गया तो सबसे पहले क्वार्सी बाईपास की इंजीनियर कॉलोनी का जिक्र सामने आया। यहां के लोग बताते हैं कि जो अभी तक वोटर लिस्ट निकाय के चुनाव के लिए तैयार की गई है। उसमें बहुतायत में मुस्लिम आबादी के वोटर शामिल हैं। अगर इस इलाके की आबादी पर गौर करें तो इंजीनियर कॉलोनी से सटे गांव क्वार्सी में जरूर चंद मुस्लिम परिवार रहते होंगे।

ऐसे में सूची में बहुतायत मुस्लिम वोटर कैसे हो गए। ये अपने आप में सवाल है। इसकी शिकायत बूथ स्तर पर बीएलओ सुनने को तैयार नहीं हैं। इसी तरह क्वार्सी बाईपास के कुलदीप विहार पर गौर किया गया तो वहां कृष्णा होम्स वाले रोड की पूरी आबादी पिछले करीब 4 बार से देवी नगला की प्रधानी में वोट कर रही है। मगर इस बार निकाय चुनाव में आते ही यह पूरी आबादी वोटर लिस्ट से गायब है।

कम से कम 500 वोटर इस इलाके में हैं। शुक्रवार कुछ लोगों ने यहां की वोटर लिस्ट निकलवाकर उस पर अध्ययन शुरू किया तो खुद को गायब देख हैरान रह गए। इसे लेकर शनिवार को सभी लोग एकत्रित होकर बूथ पर बीएलओ से मिले। मगर वहां कोई सुनने को तैयार नहीं हुआ। इस इलाके में अभी तक न तो कोई बीएलओ वोट बढ़वाने के लिए आया और न सत्यापन के लिए आया।

भाजपा पार्षद दल वरिष्ठ पार्षद मुकेश शर्मा ने एक मुद्दा उठाया है। जिसमें उन्होंने कई इलाकों का उदाहरण देते हुए कहा है कि जिस इलाके में आबादी 11 हजार के आसपास है, वहां वोटर संख्या 10 हजार कैसे हो गई। यह कतई संभव नहीं है। उन्होंने इस तरह का मुद्दा निगम अधिकारियों के समक्ष रखा है। जिसमें सौ फीसदी के आसपास आबादी को वोटर बनाने पर सवाल खड़ा किया है।

उनका कहना है कि इस शिकायत को नगर निगम में कोई सुनने को तैयार नहीं है, जबकि नगर निगम ही इस समस्या का निस्तारण करने का दावा कर रहा है। इस विषय में जब एडीएम प्रशासन डीपी पाल से बात हुई तो इतना ही कहते हैं कि अभी वोटर लिस्ट पर काम जारी है। उसमें संशोधन, नाम बढ़ाने, घटने का काम जारी है। हर समस्या का समाधान किया जा रहा है। जो शिकायतें आ रही हैं, उनका निस्तारण किया जा रहा है।


जिंदा लोगों को मृत दिखाया गया

निकाय चुनाव की अनंतिम मतदाता सूची में बड़ा गड़बड़झाला सामने आ रहा है। किसी बूथ पर जिंदा लोगों को मृत दिखाया गया है तो किसी पर आवेदनों के बाद भी नाम ही शामिल नहीं हुए हैं। मतदाताओं के रिश्तों को भी बदल दिया गया है। बेटे को बाप और बाप को बेटा दिखा दिया गया है। पति की जगह देवर का नाम कर दिया गया हैं। अगर सात नवंबर तक इन खामियों में सुधार नहीं हुआ तो हजारों लोग मतदान से वंचित रह सकते हैं। 2017 के निकाय चुनाव में भी इसी तरह की लापरवाही हुई थी।

केस -1
शहर के विष्णुपुरी निवासी भाजपा नेता मानव महाजन के परिवार के वोटों में ही खामियों का अंबार है। वार्ड नंबर 58 में इनकी पत्नी मोनिका के नाम के आगे पति के नाम की जगह छोटे भाई विशाल का नाम लिखा हुआ है। जबकि, पिछले चुनाव तक वोट पर नाम ठीक था।

केस -2
क्वार्सी क्षेत्र का स्वर्ण जयंती जयंती नगर शहर का प्रमुख और पाश इलाका है। इसमें नई आबादी भी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन मतदाता सूची में पुराने मतदाताओं के नामों में ही बदलाव हो गया है। रवि किशन नाम के मतदाता के पिता का नाम बदल गया है। तमाम लोगों के वोट भी नहीं जुड़ पाए हैं।

केस – 3
सारसौल क्षेत्र निवासी विनीत सारस्वत ने डीएम को एक शिकायती पत्र दिया है। इसके माध्यम से इन्होंने मतदाताओं के क्षेत्र बदले जाने का आरोप लगाया है। इनका कहना है कि गुरु रामदास नगर, एडीए कालोनी, साईं विहार नक्शे के हिसाब से वार्ड नंबर 40 में हैं, लेकिन गलती से इन क्षेत्र के लोगों के वोट वार्ड नंबर 32 में पहुंच गए हैं।

इस बार सात नई नगर पंचायतें
2017 के चुनाव में जिले में कुल 12 नगरीय निकायों में मतदान हुआ था, लेकिन इस बार सात और नई नगर पंचायतें बन गई हैं। ऐसे में 19 नगर पंचायतों में दिसंबर में निकाय चुनाव प्रस्तावित हैं। इसको लेकर प्रशासनिक तैयारी जोरों पर चल रही हैं। 31 अक्टूबर को जिले में मतदाता सूची का अनंतिम प्रकाशन कर दिया गया है लेकिन इसमें खामियों के अंबार हैं। हजारों लोगों के नाम गायब होने के साथ ही मतदाताओं के रिश्ते भी बदल गए हैं। तमाम लोगों के पति व पिता के नाम में बदलाव हो गया है। अब लोग इसे संशोधन कराने के लिए बूथों पर पहुंच रहे हैं तो बीएलओ के दर्शन तक नहीं हो रहे हैं। ऐसे में परेशानी और बढ़ गई है।

सात नवंबर तक दर्ज कराएं आपत्ति
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक सात नवंबर तक अनंतिम मतदाता सूची पर आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। मतदाता सूची नगर निगम, नगर पंचायत कार्यालयों और कार्यालय निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी कार्यालयों में देखी जा सकती है। अगर किसी को अपना नाम शामिल करना है या किसी तरह का संशोधन कराना है तो संबंधित मतदान केद्रों पर बीएलओ के सामने भी आवेदन कर सकते हैं। आठ से 12 नवंबर तक दावे और आपत्तियों का निस्तारण होगा। 14 से 17 नवंबर तक पूरक सूची बनेगी। 18 नवंबर को अंतिम प्रकाशन होगा। गुरुवार को आनलाइन मतदाता बनने का अंतिम दिन था।

इनका कहना है
मतदाता सूची का अभी अनंतिम प्रकाशन हुआ है। कोई भी व्यक्ति सात नवंबर तक दावे एवं आपत्ति दर्ज करा सकता है। 18 नवंबर को अंतिम प्रकाशन होना है।

– कौशल कुमार, सहायक निर्वाचन अधिकारी