लखनऊ:उत्तर प्रदेश के उन्नाव गैंगरेप मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर साल भर पहले सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की तरफ से एक्शन के नाम पर रस्म अदायगी भर नहीं होती और सख्त कार्रवाई होती तो पीड़िता का पिता नहीं मरता। इस टिप्पणी के साथ ही हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दिलीप बी भोसले ने शुक्रवार को बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार करने का आदेश सीबीआई को दिया।
राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोपी विधायक को संरक्षण देने के आरोप लग रहे थे। शुक्रवार को ही सीबीआई ने आरोपी विधायक को हिरासत में लेकर पूछताछ की फिर कोर्ट के आदेश पर गिरफ्तार कर लिया। विधायक के खिलाफ तीन केस दर्ज किए गए हैं।
#Unnao case: #CBI arrests BJP MLA #KuldeepSinghSengar; read what Allahabad HC said in its 20-page orderhttps://t.co/hwOJ3tAQZi pic.twitter.com/FVSPLevcvF
— Financial Express (@FinancialXpress) April 14, 2018
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि पीड़ित पक्ष द्वारा पिछले साल 17 अगस्त, 2017 को ही सीएम योगी आदित्यनाथ से आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की शिकायत की गई थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि, सीएम के स्पेशल सेक्रेटरी की तरफ से उन्नाव के एसपी को इस बाबत चिट्ठी भेजी गई थी। इधर, सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि इस मामले में उन्हें पहली जानकारी इस साल 9 अप्रैल को मिली। इसके बाद तुरंत मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया। फिर बाद में मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया।
इधर, केंद्रीय गृह मंत्री और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में कहा कि नाबालिग के साथ रेप के मामलों में तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। सिंह ने कहा कि उन्नाव मामले में अब सीएम ने जांच कमेटी गठित कर दी है कि क्यों इसकी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी। उन्होंने इस घटना को शर्मनाक और दुखद करार दिया।
बता दें कि इस मामले में जिन लोगों के कंधों पर जांच करने और कार्रवाई करने की जिम्मेदारी थी, ऐसे लोग आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के इशारों पर नाच रहे थे। मामले में एक डॉक्टर भी जांच के घेरे में है, जिसने पीड़ित के पिता की मेडिकल जांच करने की जगह उसका मजाक बनाया था। पीड़ित के पिता को विधायक के भाई और गुंडों ने पीटा था, जिससे बाद में उनकी मौत हो गई थी।