नई दिल्ली: दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास पर शुक्रवार (23 मार्च) को आयोजित पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोह में नरेंद्र मोदी सरकार के केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल हुए। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक गजेंद्र सिंह शेखावत इस समारोह में सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर गए थे। 23 मार्च को ‘लाहौर रिजोल्यूशन’ की याद में हर साल पाकिस्तान दिवस मनाया जाता है।
#WATCH: Union Minister of State for Agriculture Gajendra Singh Shekhawat at Pakistan High Commission to attend the Pakistan National Day reception. #Delhi pic.twitter.com/tBWldVESKu
— ANI (@ANI) March 23, 2018
लाहौर रिजोल्यूशन को पाकिस्तान रिजोल्यूशन के तौर पर भी जाना जाता है। इसे 1940 को पास किया गया था, जिसे मुसलमानों के लिए अलग देश पाकिस्तान बनने के रास्ते में मील का पत्थर माना जाता है। गजेंद्र सिंह शेखावत ऐसे वक्त में पाकिस्तान दिवस के समारोह में शामिल होने गए थे जब दोनों देशों के बीच संबंध सबसे तल्ख दौर से गुजर रहे हैं। पाकिस्तान की तरफ से आए दिन सीमा पर युद्ध विराम का उल्लंघन किया जा रहा है और भारतीय सेना उसका जवाब दे रही है।
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हाल के हफ्तों में दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिक अधिकारियों को परेशान करने के आरोप भी लगाए थे और इससे चीजें और खराब हुई थीं। बता दें कि आजादी से पहले भारत में दो प्रमुख पार्टियां थीं जो देश को आजाद कराने की लड़ाई लड़ रही थीं। पहली कांग्रेस और दूसरी मुस्लिम लीग। मुस्लिम लीग के मोहम्मद अली जिन्ना मुसलमानों के लिए अलग देश बनाने की बात पर अड़े थे। जिन्ना की दलील थी कि अगर मुसलमानों के लिए अलग देश नहीं बनाया जाता है तो बहुसंख्यक हिन्दुओं के आगे एक ही देश में वे पिस कर रह जाएंगे।
Delhi: Union Minister of State for Agriculture Gajendra Singh Shekhawat leaves from Pakistan High Commission. He was there to attend the Pakistan National Day reception as govt's representative. pic.twitter.com/J5OsuMLGbZ
— ANI (@ANI) March 23, 2018
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश के बंटवारे के सख्त खिलाफ थे, लेकिन जिन्ना और मुस्लिम लीग के आगे उनकी एक न चली। आजादी के इतने वर्षों बाद भी पाकिस्तान और भारत के बीच संबंधों पर जमी बर्फ पिछल नहीं पाई है और वक्त के साथ यह और सख्त होती जा रही है। ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि पाकिस्तान दिवस के समारोह में नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री का जाना संबंधों को सुधारने की क्या भारत की एक ओर पहल है? फिलहाल इस बारे में खबर लिखे जाने तक सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।