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समकालीन कविता के सशक्त कवि केदारनाथ सिंह…इनकी एक कविता…”वसीयत”
जयचंद प्रजापति ========= समकालीन कविता के सशक्त कवि केदारनाथ सिंह …………. समकालीन कविता के सशक्त कवि केदारनाथ का जन्म बलिया के चकिया गांव में 07 जुलाई 1934 में हुआ था। क्षत्रिय परिवार से ताल्लुक था। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से 1956 में हिंदी से एमए किया और 1964 में पीएचडी भी कर लिए।दिल्ली में इनका निधन […]
दर्द लिखना चाहती हूं तो अल्फ़ाज़ मर जाते हैं….by-kiransingh
अयोध्या की किरन ================== दर्द लिखना चाहती हूं तो अल्फ़ाज़ मर जाते हैं। कलम ही नहीं चलती तो कागज बिखर जाते हैं। शब्दों का कसूर ही क्या जो वही गुनहगार हुआ। जिसका इंतजार था मतलब वही इंतजार हुआ। निगाहें बदल जाती हैं मगर तस्वीर नहीं बदलती। किस्मत बदल गई है मगर तकदीर नहीं बदलती। मेरी […]
तुझको जीना, जी कर लिखना, लिख कर पढ़ना, पढ़ कर रोना….
Muskan Sharma =============== · जा तुझे भी इश्क़ हो। तुझको देती हूँ दुआएं जा तुझे भी इश्क़ हो, दर्द तुझको भी सताएं जा तुझे भी इश्क़ हो। नींदें भी उड़ जाएं तेरी तू भी हो बेचैन कुछ ख़्वाब तेरा मुहं चिढाएं जा तुझे भी इश्क़ हो। नाम सुनकर इश्क़ का धड़के तेरा दिल ज़ोर से, […]