

Related Articles
लेखक, संजय नायक ‘शिल्प’ की====कहानी “मरीज़” क़िश्त- 3, पढ़िये!
संजय नायक ‘शिल्प’ ============== · कहानी”मरीज” किश्त- 3 उस दिन फुटबाल के इंटर कॉलेज टूर्नामेंट का फाइनल मैच था । मैच उनके कॉलेज और उस कॉलेज की चिर प्रतिद्वंदी कॉमर्स कॉलेज के बीच था । पिछले दो साल से कॉमर्स कॉलेज हारता रहा था और इस बार भी उस फाइनल मैच का रोमांच पूरे शहर […]
सन्नाटा राक्षस बन कर उन्हें निगलने लगता….वे उन्हें भी मार देंगे…
Madhu Singh ================ · हैलो सर, आज औफिस नहीं आ पाऊंगी, तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है,’’ रूपा ने बुझीबुझी सी आवाज में कहा. ‘‘क्या हुआ रूपाजी, क्या तबीयत ज्यादा खराब है?’’ बौस के स्वर में चिंता थी. ‘‘नहीं, नहीं सर, बस यों ही, शायद बुखार है.’’ ‘‘डाक्टर को दिखाया या नहीं? इस उम्र में लापरवाही […]
जब इस खूबसूरत दुनिया की रचना हुई…. तब….,,,लक्ष्मी सिन्हा की रचना!
Laxmi Sinha =========== जब इस खूबसूरत दुनिया की रचना हुई । तब इसकी तमाम विशेषताओं में विविधता एक प्रमुख विशेषता थी। इसीलिए सृष्टि के कण- कण में विविधता दृष्टिगोचर होती है। इस जड़ चेतनरूप संसार में एक जैसा कुछ भी नहीं। यही विविधता सृष्टि के सौंदर्य का कारण है। वास्तव में सौंदर्य का प्रस्फुटन विविधता […]