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रूस-यूक्रेन युद्ध, आख़िर ऊंट किस करवट बैठेगा

24 फ़रवरी को जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपनी सेना को यूक्रेन पर हमला या स्पेशल ऑप्रेशन का आदेश दिया था तो ख़ुद पुतिन या किसी ने भी नहीं सोचा था कि यह हमला एक लम्बी लड़ाई में बदल जाएगा और यूक्रेन, अपने शक्तिशाली पड़ोसी को ऐसी टक्कर दे पाएगा।

तब क्रेमलिन का यूक्रेन को जल्द से जल्द हरा देने का लक्ष्य था और वह अपने इस पड़ोसी को लंबी लड़ाई के बिना ही घुटनों पर लाना चाहता था। लेकिन अभी तक की लड़ाई के बाद यही कहा जा सकता है कि उसका यह आकलन ग़लत निकला। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस ने यूक्रेन की सेना और इस देश के लोगों की दृढ़ता को कम करके आंका था, वहीं अपनी सेना की क्षमताओं को कहीं ज़्यादा करके आंका था।

इसी हफ़्ते रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव यूक्रेन युद्ध के सहयोगी देशों को चेतावनी देते हुए कहा था कि यूक्रेन अपनी वर्तमान स्थिति में रूस के लिए लगातार, सीधे और स्पष्ट रूप से ख़तरा बनता जा रहा है। इसलिए रूस का लक्ष्य, यूक्रेन के राजनीतिक शासन का पूरी तरह से ख़ात्मे का होना चाहिए।

अगर मेदवेदेव के शब्द रूसी राष्ट्रपति की सोच को दर्शाते हैं, तो एक लंबे और ख़ूनी संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए। हालांकि इस युद्ध के शुरू होने पर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि यह कुछ ही दिनों में ख़त्म हो जाएगा। लेकिन अब क़रीब आठ महीने हो गए हैं और इसका अंत नज़र नहीं आ रहा है।

हालिया कुछ हफ़्तों के दौरान, रूस की सेना के हाथों से कई वह इलाक़े निकल गए हैं, जिस पर उसने इस युद्ध के दौरान क़ब्ज़ा किया था।

यहां यह सवाल उठता है कि अगर यह लड़ाई अस्तित्व के लिए है, तो राष्ट्रपति पुतिन इसे जीतने के लिए किस हद तक जा सकते हैं? हालिया महीनों में राष्ट्रपति पुतिन और रूस के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि अगर रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई ख़तरा हुआ तो मास्को, इस युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से भी नहीं हिचकिचाएगा।

वहीं इस युद्ध में यूक्रेन की सबसे ज़्यादा सैन्य सहायता करने वाले अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सीएनएन से बातचीत में कहा है कि मुझे नहीं लगता कि रूस ऐसा करेगा। लेकिन इस बारे में बात करना भी रूसी अधिकारियों के लिए उचित नहीं है।

इसमें कोई शक नहीं है कि रूस, पश्चिम के साथ सीधे टकराव नहीं चाहता है, लेकिन साथ ही वह इसके लिए तैयार भी है। इस हफ़्ते रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर जो लगातार बमबारी की है वह कम से कम इस बात का संकेत है कि रूस इस युद्ध को और बढ़ाने से नहीं घबरा रहा है।

लेकिन अंतहीन युद्ध के लिए अंतहीन संसाधन चाहिए, जो न ही यूरोप के पास हैं और न ही रूस के पास। वहीं यूक्रेन के शहरों पर एक साथ कई मिसाइल हमले जहां रूस की ताक़त का प्रदर्शन है, वहीं यूरोप के लिए चेतावनी भी।