विशेष

सत्य घटना….तेरी लीला तूही जाने….नेता भाँप गये है, ये सभी पलटेगें…!!

Dr.vijayasingh
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सत्य घटना..मैं अलवर से आगरा जा रही थी ,रास्ते में नगर कस्बा पड़ा मैने कार साइड में खड़ी की ओर कुछ फ्रूट खरीदने लगी नगर में मैने कई वर्ष तक जॉब की थी यहाँ के लोगों से और उनके व्यवहार से अच्छी तरह से परिचित थी, जैसे ही मैं अपनी गाड़ी के नजदीक आई तो दो लोग मेरी कार के पास खड़े थे बोले मैडम आप हमको डीग छोड़ देना हमारे बेटे का एक्सीडेंट हो गया है काफ़ी देर से बस का इंतजार कर रहे हैं किन्तु बस आज शायद नहीं चल रही है, मैने उनको घूर कर देखा वो मुझे भले आदमी प्रतीत हुए तो मैंने सहमति दे दी मैं अकेली थी और पीछे की सीट पर अस्त व्यस्त सामान रखा हुआ था ,मुझे समेटने में थोड़ी तकलीफ भी हुई फ़िर भी मैने दोनो को कार में बैठा लिया और आगरा की तरफ चल पड़ी रास्ते में वो मेरे बारे में पूछते गये और मैं बताती गई, मुझे नहीं मालूम वो मुझे लूटने आये थे या किसी और मकसद से मुझे लगा कोई मेरी मदद चाहता है तो मुझे उसको मना नहीं करना चाहिए ,वो लोग भी अपने बारे में बताने लगे बाते करते करते काफी आत्मीयता बढ गई थी इसी बीच उनका गन्तव्य आ गया वो लोग उतर कर पैसे देने लगे मैने मना कर दिया उन्होने अपने घर चलने का अनुरोध किया मैने वो भी अस्वीकार कर दिया तब वो बोले बहन जी एक बात बोले आप आज के बाद कभी किसी को लिफ्ट मत देना आजकल जमाना खराब है मै उनकी बात सुनकर जोर से हँस पड़ी और बोली अच्छा भाई साहब ये जमाना तो आपके लिए भी खराब था आपके मुँह पर कौन सा सर्टिफिकेट लगा था शराफत का लेकिन मैंने आपकी मदद की, तब वो दोनो शर्मिदा हो गये उन्होने मुझें अपना मोबाइल नंबर दिया बोले बहन जी आज हमारी मजबूरी थी मेरे बेटे का एक्सीडेंट हो गया है लेकिन सड़क पर ही हमारी दुकान है पास में ही घर आपको कभी भी जीवन में जरुरत पड़े तो संकोच मत करना हम आधी रात को भी आपके लिए दौड़कर आयेगे हमारा बहुत बड़ा परिवार है मैने उनका नम्बर अपने फ़ोन में ऐड किया और मुस्करा कर अलविदा कहा तो उन्होनें आशीर्वादो की झड़ी लगा दी मैं ढ़ेरो आशीर्वाद लेकर और एक नया रिश्ता लेकर आगे बढ़ गई अभी कुछ किलो मीटर ही चली थी कि अचानक मुझे लगा कि मेरा कार से नियंत्रण खो गया है साइड में गहरी खाई थी और मैंने मालुम नहीं कैसे एक पत्थर से कार को टकरा दिया और फिर खुद पर्स उठाकर बाहर निकल आई ना जाने कितनी कारे मेरे आस-पास आकर खड़ी हो गई एक्सीडेंट भयानक हुआ था कार से घुआ उठ रहा था मैं घबरा गई थी और मेरी हिम्मत कार चलाने की नहीं बची थी तभी एक व्यक्ति ने मेरी कार पर पानी डाला कुछ दूर चलाकर लाया ,कार एकदम ठीक थी और मुझे भी कुछ नहीं हुआ था , वो बोला मैं मैकेनिक हूँ आपकी गाड़ी बिल्कुल सही है आप बिना डरे जाये ,जहाँ आपका संतुलन बिगड़ा वहाँ कई लोगों के एक्सीडेंट हो चुके है किसी की दुआ आपके काम आ गई उसका शुक्रिया करे आप सही सलामत हैं ।।और मैं मन ही मन सोच रही थी ईश्वर हमारी नेकियो का बदला हाथ के हाथ दे देता है …उस दिन से मैने प्रण किया कि रास्ते में कोई भी मिलेगा तो उसकी मदद अवश्य करूँगी जिसे मैं आज तक निभा रही हूँ और मैं सफ़र में आधी रात को भी स्वं को अकेला महसूस नहीं करती हूँ ईश्वर हर जगह मेरी मदद के लिये किसी ना किसी को भेज देते हैं जब आप बिना किसी स्वार्थ के लोगो की मदद करते है तब आप की मदद ईश्वर स्वं करते है ……
राधे राधे. डॉ.विजया सिंह चौहान

Surya Pratap Singh IAS Rtd.
@suryapsingh_IAS
तेरी लीला तूही जाने।

punya prasun bajpai
@ppbajpai
बंधु, इस बार दांव उल्टा है….
नेता भाँप गये है ये सभी पलटेगें…इंतजार !

Deepak Sharma
@DeepakSEditor
कौन किस से मिल रहा है इसके इतने मायने नहीं है ।

सच ये है कि उघोगपति सबसे पहले बदलाव भांप लेते हैं !