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सच्च होने वाली है पुतिन की परमाणु हमले की धमकी, पूरा यूरोप बंजर ज़मीन में बदल जायेगा : रिपोर्ट

रूस ने यूक्रेन पर हमला बहुत मजबूर होकर किया था, अमेरिका और नेटो गठबंधन देशों की दादागिरी से तंग आ कर पुतिन ने यूक्रेन पर अटैक का रास्ता चुना हैं, इस जंग में यूक्रेन अमेरिका और यूरोप के देशों के बहकावे में आ कर रूस के ख़िलाफ़ लड़ रहा है, यूक्रेन इस जंग में अमेरिका और रूस के लिए एक मैदान है जहाँ विश्व के कई देश रूस से जंग कर रहे हैं

खतरा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है, जंग बंद होने के अभी कोई आसार नज़र नहीं आ रहे हैं, पुतिन ने साफ़ कर दिया है कि अगर उसकी ज़मीन पर किसी भी देश ने हमला किया तो रूस परमाणु विकल्प इस्तेमाल करेगा, अगर ऐसी कोई नौबत आ गयी तो पांच मिनट में लंदन ज़मीन के नक़्शे में नहीं होगा, पोलैंड सिर्फ तीन मिनट में ख़तम हो जायेगा, न्यूयोर्क और वाशिंगटन तक रूसी मिसाइल सिर्फ पन्दरह मिनट में पहुँच जाएँगी, यूरोप केवल दस मिनट में बंजर ज़मीन बन जायेगा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आए दिन पश्चिमी देशों की धड़कनें बढ़ा रहे हैं। हाल ही में पुतिन की सेनाओं ने नाटो के बॉर्डर पर परमाणु मिसाइल हमलों और कैमिकल अटैक की अभ्यास किया। सात महीने से अधिक समय से चल रहे यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है। इस बीच मॉस्को ने पुष्टि की है कि उसके सैनिकों ने बुधवार को कलिनिनग्राद के पश्चिमी एन्क्लेव में नकली परमाणु मिसाइल हमले किए। यह अभ्यास ऐसे समय पर किया गया है जब पिछले हफ्ते पुतिन यूक्रेन के चार इलाकों को औपचारिक रूप से रूस में शामिल कर चुके हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर जारी एक बयान के अनुसार बुधवार को पोलैंड और लिथुआनिया से लगे एन्क्लेव में रूस ने परमाणु-सक्षम इस्कंदर मोबाइल बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम के नकली ‘इलेक्ट्रॉनिक लॉन्च’ का अभ्यास किया।

फरवरी में जंग की शुरुआत से पुतिन कई बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दे चुके हैं। उन्होंने यूक्रेन को हथियार मुहैया कराने पर नाटो को परमाणु हमले की धमकी दी थी। हाल ही में उन्होंने यूक्रेन के कब्जे वाले इलाकों की रक्षा के लिए ‘किसी भी माध्यम के इस्तेमाल’ की चेतावनी दी थी। बयान में कहा गया है कि उन्होंने नकली मिसाइल सिस्टम, एयरफील्ड्स, संरक्षित इन्फ्रास्ट्रक्चर, सैन्य उपकरणों और कमांड पोस्ट पर कई हमले करने का भी अभ्यास किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सैन्य कर्मियों ने एक ‘संभावित जवाबी हमले’ से बचने के लिए अपनी स्थिति बदलने के लिए एक युद्धाभ्यास किया। 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने के कुछ ही समय बाद पुतिन ने अपने परमाणु बलों पर अलर्ट पर रहने का आदेश जारी कर दिया था।

ऑब्जर्वर्स का कहना है कि हाल के दिनों में रूस के सरकारी टीवी चैनल ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को जनता के लिए अधिक आकर्षक बनाने का प्रयास किया है। पुतिन विनाशकारी सरमत मिसाइल सहित अपने छह सुपरहथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। सरमत या Satan-2 मिसाइल 17 हजार किमी तक यात्रा कर सकती है और 15 वॉरहेड ले जा सकती है। इसमें फ्रांस के आकार के क्षेत्र को नष्ट करने की क्षमता है।

तनाव अपने चरम पर इसलिए है क्योंकि नाटो पुतिन की धमकियों का उन्हीं की भाषा में जवाब दे रहा है। कुछ दिनों पहले नाटो चीफ ने कहा था कि पुतिन के हालिया कदम ने दुनिया को परमाणु तबाही के एक कदम और करीब ला दिया है। उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन को अपने समर्थन को लेकर दृढ़ हैं क्योंकि वह रूसी हमले से अपना बचाव कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कहा था कि यूक्रेन को अपनी रक्षा के लिए जिन उपकरणों की आवश्यकता होगा, हम वे मुहैया कराना जारी रखेंगे।

पुतिन के ‘इंसानी मेंढक’ जो गहरे पानी में कर सकते हैं दुश्मन को तबाह, स्पेशल गन से लैस, उड़ाई ‘यूरोप की लाइफलाइन’?

रूस से यूरोप जाने वाली प्राकृतिक गैस की पाइपलाइन नॉर्ड स्ट्रीम पिछले दिनों बाल्टिक सागर में क्षतिग्रस्त हो गई। नॉर्ड स्ट्रीम पर हमले के प्रमुख संदिग्धों में से एक रूस की स्पेशल फोर्सेस हैं। यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और यूरोप के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि यूरोप के साथ एनर्जी वॉर को जारी रखने के प्रयास में व्लादिमीर पुतिन ने प्रमुख गैस पाइपलाइन पर हमला करवाया है। नॉर्ड स्ट्रीम को ‘यूरोप की लाइफलाइन’ कहा जाता है जिससे गैस की सप्लाई बाधित होने पर यूरोप के लिए आगामी सर्दियां बेहद खतरनाक हो सकती हैं। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे रूस के ‘फ्रॉगमैन’ स्पेशल फोर्सेस कमांडो हो सकते हैं जो रूस की नौसेना और पुतिन के जासूस के रूप में काम करते हैं।

आशंका जताई जा रही है कि रूस ने पाइपलाइन पर हमले के लिए गोताखोरों या ड्रोन सबमरीन का इस्तेमाल किया होगा जिससे नॉर्ड स्ट्रीम 1 में दो और नॉर्ड स्ट्रीम 2 में एक छेद हो गया। रूस के ये कमांडो बेहद अच्छी तरह हथियारबंद, उच्च प्रशिक्षित और बेहद खतरनाक होते हैं। इन्हें ‘फ्रॉगमैन’ कहा जाता है जो काले रंग का स्विम सूट पहनते हैं। इनके पास अंडरवाटर गन होती हैं जिनसे ये गहरे पानी में स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देते हैं। यूनिट में शामिल कमांडो जासूसी और हमले, दोनों तरह के मिशन के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। इन स्पेशल फोर्सेस के पास छोटी पनडुब्बियां, मानवयुक्त टॉरपीडो, स्पेशल हथियार, स्पीड बोट और यहां तक कि प्रशिक्षित डॉल्फिन भी होती हैं।

इन्हें आमतौर पर एक युद्धपोत, छोटी नाव या सबमरीन से तैनात किया जाता है जहां से पानी के नीचे खुफिया अभियानों को अंजाम देते हैं। यूरोप का दावा है कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन के साथ छेड़छाड़ हुई है। यूक्रेन और पोलैंड ने इसका संदेह रूप पर जताया है। माना जाता है कि पुतिन के फ्रॉगमैन कमांडो GUGI नौसैनिक इकाई के लिए काम करते हैं, जो गहरे पानी में रिसर्च करती है। इसे एक जासूसी विभाग भी माना जाता है जो पानी के नीचे ऑपरेशन में माहिर है, जिसमें गहरे पानी में पाइपलाइन पर हमला जैसी चीजें शामिल हो सकती हैं।

रूस के फ्रॉगमैन के पास APS अंडरवाटर राइफल होती है। यह एक खास तरह की गन होती है जिसे विशेष रूस से पानी के भीतर फायर करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह 4.75 इंच लंबे स्टील बोल्ट को फायर करती है जो कठोर वेटसूट के आरपार जा सकता है और एक सामान्य गोली से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। ये बोल्ट पानी के नीचे के वाहनों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा इनके पास SSP-1 पिस्टल भी होती है जो इसी तरह के स्टील बोल्ट फायर करती है।

जमीन पर ये दोनों हथियार उतने उपयोगी नहीं हैं लेकिन पानी के नीचे ये अपने सामने आने वाले किसी भी दुश्मन के लिए विनाशकारी हो सकते हैं। फ्रॉगमैन को इसकी भी ट्रेनिंग दी जाती है कि अगर मौके पर बंदूक काम न करे तो वे पानी के नीचे लड़ाई में ब्लेड का भी इस्तेमाल कर सकें। ये फ्रॉगमैन विशालकाय पनडुब्बी से भी तैनात किए जा सकते हैं। मानवयुक्त टॉरपीडो की सवारी करते हुए भी इन्हें इनके गंतव्य तक छोड़ा जा सकता है। पानी के नीचे रूसी शस्त्रागार में डॉल्फिन जैसे कुछ समुद्री जीव भी शामिल हैं जो जरूरत पड़ने पर हमला भी कर सकते हैं।

(फोटो साभार : ट्विटर)