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जीवन संगिनी – धर्म पत्नी की विदाई!….कृपया बिना रोए पढ़ें!!!
Ashraf Azmi ============= *कृपया बिना रोए पढ़ें। यह मेसेज मेरे दिल को छू गया है* जीवन संगिनी – धर्म पत्नी की विदाई! अगर पत्नी है तो दुनिया में सब कुछ है। राजा की तरह जीने और आज दुनिया में अपना सिर ऊंचा रखने के लिए अपनी पत्नी का शुक्रिया कीजिए। आपकी सुविधा – असुविधा, आपके […]
”कुसुम शर्मा अंतरा” की ग़ज़ल – मैं हक़ीक़त हूं या हूं अफ़साना
Kusum Sharma Antra ============= ग़ज़ल मेरे अंदर है मेरी तन्हाई ग़म का मंज़र है मेरी तन्हाई काटती जा रही है कब से मुझे एक ख़ंजर है मेरी तन्हाई हर तरफ़ से ये वार मुझ पे करे यूं सितमगर है मेरी तन्हाई अश्क़ का इक अदद हूं क़तरा मैं और समंदर है मेरी तन्हाई शोर ओ […]
क़ाश मैं होती तुम्हारी प्रेयसी!…..कुसुम सिंह लता की कविता पढ़िये!
Kusum Singh ============ काश मैं होती तुम्हारी प्रेयसी! ———————————- काश मैं होती तुम्हारी प्रेयसी, पंथ में पंखुड़ियां बिछाती, अगणित दीप से सजाती, मग के कंटक सहेजती। काश मैं होती तुम्हारी प्रेयसी! प्रियतम की धोती पीर, अपने ही नयनों के नीर, स्नेह की ज्योति जलाती, अनुराग तुम पर उड़ेचती। काश मैं होती तुम्हारी प्रेयसी! अक्षि में […]