साहित्य

एक शादीशुदा स्त्री क्यों पड़ जाती है किसी के प्रेम में ?….By – स्वामी देव कामुक

स्वामी देव कामुक
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एक शादीशुदा स्त्री क्यों
पड़ जाती है किसी के प्रेम
में ?
ऐसा नहीं कि वो बदचलन है
ऐसा भी नहीं कि उसका
चरित्र ग़लत है
पर हाँ फिर भी वो पड़ जाती
है किसी के प्रेम में
उसके जीवन में जो खालीपन
हैं उसे किसी का साथ भरने
लगता है
जब उसे लगता है उसे कोई
नहीं समझता कोई भी उसे
नहीं सुनता


तब वह उसे अच्छा लगने
लगता हैं जो उसे समझता
भी है और सुनता भी है
एक ऐसे किसी का साथ
जिसके साथ वो बेफिक्री
वाली हंसी हंस पाती है
एक ऐसे किसी का साथ
जिसे वो हर बात कह जाती
है बिना ये सोचे कि कोई उसे
जज करेगा
पूर्ण समर्पित भाव से खुद
को उसके हवाले कर देती है
देह से परे प्रेम को हर रंग में
बिखेर देती है..💓

Apna mohalla-अपना मोहल्ला
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संघ के एक प्रचारक ने अंकिता हत्याकांड पर टिप्पणी की, टिप्पणी पर विवाद हुआ और उन्होंने अब माफ़ी माँग ली है।
टिप्पणी का सारांश यह था की 19 साल की बेटी को रिसोर्ट में नौकरी करवाकर उसकी कमाई बाप और भाई खाएँ, यह अपने आप में बेहद असंवेदनशील बात है। उससे भी ग़लत बात यह है की परिवार को पता था कि वहाँ क्या क्या हरकत होती है, फिर भी आँख तब खुला जब जम्मू का उसका दोस्त बीच में पड़ा। उससे भी पेट नहीं भरा तो मर्डर के बाद परिवार वाले दोषियों पर कार्यवाई के बदले उसके लाश का सौदा करने लगे।
इस टिप्पणी में मुझे एक बात भी ग़लत नहीं लगी। कठोर सत्य कहा है। बेटी को नौकरी कराइए पर उसको पढ़ा लिखाकर। मजबूरी है तो कम से कम उसका ख़याल रखिए, गिद्धों के सामने परोस मत दीजिए। वह केवल एक बालिग़ महिला भर नहीं है, वह आपकी संतान है, उसकी चिंता करना, उसकी सुरक्षा करना आपका धर्म है। यदि उसके साथ ग़लत हुआ है तो अपराधी तो सजा पाएगा ही, पर एक बार अपनी तरफ़ देखिए और सोचिए की क्या आपने एक पिता का कर्तव्य ठीक से निभाया??

डिस्क्लेमर : लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है