उत्तराखंड के श्रीनगर में एनआईटी घाट पर रविवार को अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार कर दिया गया. ऋषिकेश में उनकी कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी. पूर्व में बीजेपी के नेता रहे विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य पर अंकिता की हत्या का आरोप है. पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ़्तार भी किया है.
अंकिता के शव का पोस्टमॉर्टम शनिवार देर रात ऋषिकेश एम्स में हुआ. इसके बाद अंकिता का परिवार शव के अंतिम संस्कार के लिए ऋषिकेश से लगभग चार घंटे की दूरी पर अपने पैतृक गांव पहुँचा. परिवार वाले अंकिता के शव को लेकर जैसे ही अपने गांव पहुँचे, नाते रिश्तेदारों का आना शुरू हो गया था.
जैसे-जैसे घंटे बीते और लोगों का आना-जाना बढ़ने लगा, अंकिता के अंतिम संस्कार करने का परिवार का इरादा भी बदल गया. परिवार ने पुलिस प्रशासन के सामने तीन माँगें रखीं और उनके पूरा ना होने पर अंकिता का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया.
स्वर्ग में मिली निर्भया, अंकिता से पूछा देश का हाल।
डरी सहमी अंकिता बोली, ना तुम पहली थी, ना मैं आखरी हूं ।। 😢
भावभीनी श्रद्धांजलि बहन अंकिता भंडारी। 😥#justicforAnkita #justiceforankitakumari pic.twitter.com/lj6fVdxlpY— Nayan Kothiyal (@nayan_kothiyal) September 25, 2022
उनकी माँग थी कि अंकिता की मौत का परिवार को उचित मुआवज़ा मिले, परिवार के एक सदस्य के लिए सरकरी नौकरी मिले और फास्ट-ट्रैक कोर्ट में मामले की जल्द सुनवाई कर अभियुक्तों को फांसी की सज़ा मिले. प्रशासन और परिवार के बीच रविवार पूरे दिन इन माँगों को लेकर बहस चलती रही.
इसके अलावा भीड़ में मौजूद प्रदर्शनकारी अंकिता के परिवार की उस मांग का समर्थन कर रहे थे जिसमें परिवार दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने की मांग कर रहा था और अंकिता की पोस्टमॉर्टम की विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग भी की जा रही थी.
शाम लगभग साढ़े पांच बजे के आस-पास अचानक कुछ पुलिस अधिकारी मोर्चरी (शव गृह) के गेट से निकल कर दावा करते हैं कि अंकिता के पिता से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की बात हो चुकी है.
कुछ ही पल में चारों तरफ खड़े पुलिसकर्मी मोर्चरी को घेर लेते हैं और वहां से अंकिता के शव को एक एंबुलेंस में रखकर पिता वीरेंद्र सिंह और भाई अजय सिंह को बिठाकर अंतिम संस्कार करवाने के लिए रवाना हो जाते हैं. प्रशासन का दावा है कि परिवार की सभी मांगें मान ली गई हैं.
इस बारे में एडिशनल एसपी शिखर सुयाल ने बीबीसी को बताया, “घरवालों की जो मांगें थीं, उसको लेकर सीएम साहब और अंकिता के पिता के बीच फोन पर बात हो गई थी, क्या बात हुई ये बात सीएम साहब या अंकिता के पिता को ही मालूम है, लेकिन वह (अंकिता के पिता) बेटी के अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो गए थे.”
हालांकि पुलिस के इस रवैये पर अंकिता के रिश्तेदारों में नाराज़गी दिखी.
Continue protest on Badrinath Highway.#PauriGarhwal #Ankitabhandari #AnkitaBhandari #JusticeForAnkita #Uttarakhand #Rishikesh #अंकिता_भंडारी_को_न्याय_दो #अंकिता_के_हत्यारे_को_फांसी_दो pic.twitter.com/gB9lZCY5A7
— Anil Kumar Verma (@AnilKumarVerma_) September 25, 2022
अंतिम संस्कार पर बदला फ़ैसला
अंकिता रहने वाली तो श्रीनगर (उत्तराखंड) के गांव श्रीकोट की थीं पर वह ऋषिकेश स्थित रिजॉर्ट में नौकरी करने लगी थीं. उनका शव भी ऋषिकेश रिजॉर्ट से कुछ किलोमीटर दूर बैराज की तरफ ऋषिकेश-हरिद्वार रोड पर चीला नहर में मिला था.
शव के अंतिम संस्कार पर अंकिता के परिवार वालों के इनकार के बाद प्रशासन ने अंकिता के पार्थिव शरीर को श्रीनगर में श्रीकोट नाम के ही एक दूसरे स्थान पर एक अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया और यहीं रविवार को प्रशासन और परिजनों व प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ जो शाम तक चला.
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क्या कहना है परिवार वालों का
अंकिता हत्याकांड के मामले में अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह और भाई अजय सिंह शुरू से ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में छेड़छाड़ होने का शक जता रहे थे. इसलिए वह अंकिता का पोस्टमॉर्टम दोबारा कराने की मांग कर रहे थे.
इसके अलावा वे इस बात पर भी नाराज़ थे कि अभियुक्त पुलकित आर्य के रिजॉर्ट पर प्रशासन की ओर से तुरंत ही बुलडोज़र चला दिया गया जबकि वहां अंकिता के कमरे में कई सबूत मिल सकते थे. परिजनों ने साक्ष्यों को मिटाने के लिए रिज़ॉर्ट ध्वस्त करने का शक ज़ाहिर किया था.
The remains of the resort that was bulldozed last night has been burnt by the BJP Workers to destroy the evidence, where #ankitabhandari was raped and killed by #PulkitArya
#JusticeForAnkita #Uttarakhand #Ankitabhandari #अंकिता_भंडारी #ankita_muder_case #BJP_हटाओ_देश_बचायो #BJP pic.twitter.com/wgb95QQmye— Dipesh Jung Sapkota🇳🇵 (@DipeshS41927925) September 24, 2022